कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया में अपने पैर पसार लिए है. इसी के साथ-साथ सोशल मीडिया में कोरोना से जुड़ी हुई बताकर कई ग़लत जानकारियां शेयर हो रही हैं. इसी दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब शेयर हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि एक गाड़ी को पुलिस नाकाबंदी के पास रोक देती है. बाद में गाड़ी में बैठा ड्राइवर हथियार लेकर गाड़ी से उतरता है. वीडियो को उत्तरप्रदेश के चौरे बाज़ार का बताया जा रहा है. इस वीडियो को इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों को टार्गेट करते हुए शेयर किया जा रहा है. बीते दिनों में दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में हुए एक धार्मिक आयोजन में शामिल कई लोग कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए. ये आयोजन इस्लाम धर्म से जुड़ा हुआ था. इसके बाद देश में ऐसी ख़बरों का अम्बार लग गया जिसमें मुसलमानों को संक्रमण फैलाने का दोषी बताया जाने लगा. सोशल मीडिया पर ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरें चल पड़ीं और मुस्लिम जनता को हर तरफ़ से टार्गेट किया जाने लगा. इसी क्रम में नया टर्म निकला – ‘कोरोना जिहाद’. और उसी सन्दर्भ में यहां इस वीडियो में दिख रहे लोगों को जिहादी कहा गया.

शिवांशु शुक्ला नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र ने 4 अप्रैल 2020 को ये वीडियो पोस्ट किया. शुक्ला ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा -“चौरे बाजार की घटना जय योगी राज👌👌 जेहादियों क्या तुम्हें नही पता था कि ये UP का अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की धरातल है God job UP police” पोस्ट किये गए इस वीडियो को 500 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

चौरे बाजार की घटना
जय योगी राज👌👌 जेहादियों क्या तुम्हें नही पता था कि ये UP का अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की धरातल है God job UP police

Posted by Shivanshu Shukla on Saturday, 4 April 2020

ये वीडियो इसी दावे से फ़ेसबुक पर काफ़ी वायरल है. साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि यहां ‘कोरोना जेहादियों’ का इस्तेमाल किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

फ़ेसबुक पर कुछ यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए इसे मॉक ड्रिल बताया. इसी के आधार पर हमने यूट्यूब पर की-वर्ड सर्च किया. ‘वीके न्यूज़’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने यही वीडियो 4 अप्रैल 2020 को अपलोड किया था. वीडियो के साथ बताया गया है कि ये अयोध्या-सुल्तानपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस द्वारा की गई मॉकड्रिल का वीडियो है.

वायरल वीडियो और यूट्यूब पर मिला मॉक ड्रिल का वीडियो एक ही है ये बात नीचे शेयर की गई तस्वीरों से साफ़ हो जाएगी.

1. दोनों में दिख रही गाड़ी और उसके आस-पास खड़े पुलिसकर्मियों की पोज़ीशन

2. दोनों में दिख रहे व्यक्ति

आगे इस वीडियो के बारे में और जानने के लिए हमने अयोध्या सिटी एसपी से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि लोगों को पकड़ने का दावा बिल्कुल ग़लत है. ये वीडियो पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल का है.

कई लोग मुस्लिम समुदाय पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाते हुए पुराने और असंबंधित वीडियो, तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. पहले भी एक व्यक्ति द्वारा थूक से कस्टमर के चेहरे पर मालिश करने के प्रैंक वीडियो को मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए शेयर किया गया. पाकिस्तान का एक पुराना वीडियो आयसोलेशन वार्ड में तब्लीग़ी जमात मेंबर के नंगा घूमने के दावे से वायरल हुआ था. इसके अलावा मेनस्ट्रीम मीडिया ने भी ये ग़लत खबर चलाई कि क्वारंटीन वॉर्ड में भर्ती जमातियों ने मांसाहारी भोजन मांगा है.

इस तरह उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल का वीडियो सोशल मीडिया में कोरोना वायरस फैलाने वालों को पकड़ने के झूठे दावे से शेयर किया गया.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.