लोगों की भीड़ के बीच घिरे हुए एक बूढ़े व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि वह एक ब्राह्मण व्यक्ति है, जिसे दक्षिण भारत में लोगों द्वारा मारा गया था। वीडियो के साथ संदेश में,“एक वृद्ध ब्राह्मण की पहले यग्योपवित (जनेऊ) काटी फिर कपड़े उतार कर भीड़ ने डांस करने के लिए मजबूर किया। यह स्थिति है दक्षिण के .@INCIndia शासित राज्यों की, .@RahulGandhi जी क्या यह अल्पसंख्यक ब्राह्मणों के साथ मोब लिंचिंग नही है?”– लिखा गया है। देव ओझा(@DevOza7) द्वारा ट्वीट किये गए इस वीडियो को 3,400 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है और इसे करीब 24,000 बार देखा गया है।

इस वीडियो को फेसबुक पर भी व्यापक रूप से साझा किया गया है।

ओझा के इस ट्वीट को भाजपा सांसद बलबीर पुंज ने एक संदेश के साथ ट्वीट किया। बाद में इस ट्वीट को RBI के निर्देशक गुरुमूर्ति ने भी साझा किया था।

हमने पाया कि इस वीडियो को एक तमिल संदेश के साथ भी साझा किया गया है – “இந்து பெரியவரை மிரட்டி பெரியானை கும்பிடவைத்த பெரியாரிஸ்ட்கள் எங்கேடா போனீங்க நடு நிலை நாய்களா !(जिन लोगों ने हिंदू पेरियावर को डराया और पेरियार की पूजा करने के लिए मजबूर किया गया (इ वी रामास्वामी) कहां है आप, अब आप पेरियारिस्ट कुत्तों से घिरे हुए है।)– (अनुवाद)।

 

இந்து பெரியவரை மிரட்டி பெரியானை கும்பிடவைத்த பெரியாரிஸ்ட்கள் எங்கேடா போனீங்க நடு நிலை நாய்களா !

Posted by Ganesh Raj on Wednesday, 26 June 2019

तथ्य जांच

इस वीडियो को टिक टोक से लिया गया है, इसके लोगो को आप वीडियो में बाई ओर सबसे ऊपर के स्थान पर देख सकते है। लोगो के नीचे, इस वीडियो को पोस्ट करने वाले व्यक्ति का नाम ‘@hero.m.s’ भी दिया गया है।

ऑल्ट ने इस वीडियो को टिक टोक पर पाया, जिसे इस हप्ते की शुरुआत में ही अपलोड किया गया था।

टिक टोक के वीडियो की स्क्रीन में बाई ओर नीचले कोने पर एक और लोगो दिखाई दे रहा है, जिसमें लिखा है कि- ‘करुप्पार कोट्टम’।

ऑल्ट न्यूज़ ने फेसबुक पर इससे संबधित शब्दों से सर्च किया तो हमे एक पेज मिला, जिसमें इस वीडियो को अपलोड किया गया था। इस पेज का भी नाम ‘करुप्पार कोट्टम’ ही है और इस घटना का पूरा वीडियो इससे जुडी हुई यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। इस पुरे वीडियो में, बूढ़े व्यक्ति को अपनी मर्ज़ी से नाचते हुए देखा जा सकता है और भीड़ में खड़े लोगों द्वारा उनके लिए जगह बनाते हुए देखा जा सकता है। उनके नाचने पर भीड़ में खड़े लोग उनके लिए ख़ुशी से चिल्लाते हुए नज़र आ रहे है।

वीडियो में खड़े लोगों को काले रंग के झंडे पकडे हुए देखा जा सकता है, जिसमें तमिल समाज सुधारक पेरियार के चेहरे की छवि दिखाई दे रही है। ऑल्ट न्यूज़ ने ‘करुप्पार कोट्टम’ के प्रशाशक सेंथिल से बात की, जिन्होंने बताया कि भीड़ ने बुज़ुर्ग व्यक्ति को धमकाया नहीं था बल्क़ि पेरियार की प्रतिमा के सामने उन्होंने नाचना शुरू किया तो लोगों ने उत्साह से उन्हें प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,”वीडियो में सिर्फ उन दस सेकेंडों को लिया गया है, जिसमें बुज़ुर्ग व्यक्ति हाथ जोड़ रहा है। वह वास्तव में पेरियार की मूर्ति के सामने हाथ जोड़ रहे थे। बाकी सब फर्जी खबर है”। यह कार्यक्रम पीपल्स फोरम द्वारा आयोजित की गई एक रैली का हिस्सा था, जिसे मई दिवस के मौके पर सांकरा मठ मंदिर के पास पेरियार प्रतिमा के सामने आयोजित किया गया था।

इस प्रकार, पेरियार समर्थको के साथ एक हिंदू साधु के नृत्यु के वीडियो को, सोशल मीडिया में दक्षिण भारत के हिस्से में एक बूढ़े ब्राह्मण को डराने के दावे के साथ साझा किया जा रहा है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.