क्या नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने ‘बारिश के बादल बनाने वाली मशीन’ विकसित की है, जो कृत्रिम बादल बनाएगी और जिससे बारिश होगी? ऐसा दावा करने वाला एक संदेश सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया है।
Rain clouds generator engine developed by Nasa. See where the world is moving…#Amazing…! @ShashiTharoor pic.twitter.com/7jFXpnq3vd
— JayasreeVijayan (@JayasreeVijayan) June 26, 2019
उपरोक्त ट्वीट को 26 जून को पोस्ट किया गया था, जिसके बाद अब तक इसे 4300 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है। इसे रिट्वीट करने वालों में से अभिनेता अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं, जिन्होंने एक संदेश के साथ इसे ट्वीट किया- “क्या हम भारत में ऐसे ही एक को ला सकते है … मेरा मतलब है अभी .. एकदम अभी .. मेहरबानी करके”-(अनुवाद)।
… can we get one in India .. I mean right now .. RIGHT NOW .. PLEASE !!🇮🇳🇮🇳🙏🙏 https://t.co/pTRI8r4VsK
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) June 26, 2019
बच्चन के ट्वीट को 28,000 से भी अधिक बार ‘लाइक’ किया गया है। इस संदेश के साथ साझा किये गए वीडियो में एक मशीन से बड़ी मात्रा में सफेद धुआं निकालता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ पोस्ट किया गया है कि यह एक ‘बादल बनाने वाली मशीन’ है।
Artificial Cloud for Rain
Posted by Civil Work on Sunday, 1 April 2018
उपरोक्त पोस्ट हाल की नहीं है- इसे 1 अप्रैल, 2018 को पोस्ट किया गया था और तब से 9,30,000 से अधिक बार इसे शेयर किया गया है, इस वीडियो को 4.3 करोड़ बार देखा जा चुका है! ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह दावा 2016 से चल रहा है, जब यूट्यूब पर इसी दावे के साथ एक वीडियो अपलोड किया गया था।
नासा ने नहीं बनाई ऐसी कोई मशीन
यह दावा कि नासा ने ‘बादल बनाने वाली मशीन’ बनाई है, बिलकुल गलत है। इसके अलावा, इस झूठे दावे के साथ साझा किया गया वीडियो, इस अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किए गए एक रॉकेट परीक्षण का दिखता है। इसे वर्ष 2010 में बीबीसी द्वारा, उनके एक कार्यक्रम टॉप गियर की एक वीडियो रिपोर्ट से लिया गया है। उस वीडियो को नीचे पोस्ट किया गया है। वायरल वीडियो से संबंधित फुटेज को 1:46वें मिनट से देखा जा सकता है।
नासा ने यूट्यूब पर भी एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें 2017 में RS-25 रॉकेट इंजन के परीक्षण दिखाया गया था।
नासा के एक पूर्व मौसम शोध-विज्ञानी द्वारा लिखा गया और फोर्ब्स द्वारा अप्रैल 2018 में प्रकाशित किए गए एक लेख में रॉकेट परीक्षण के कारण निर्मित धुएँ को एक विस्तृत वैज्ञानिक व्याख्या दी गई है।
इसमें कहा गया है, “RS-25 से निकलने वाला धुआं मुख्य रूप से जलवाष्प होता है, क्योंकि यह इंजन, तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन से चलता है। ओह….. जब वे दोनों तरल मिलेंगे तो क्या होगा : आपको मिलेगा H2O (जिसे पानी भी कहते हैं)। इसलिए, जो “बादल” आप चित्रों या वीडियो में देखते हैं, वे एक बहुत सरल वैज्ञानिक प्रक्रिया के उप-उत्पाद हैं (नीचे देखें)। यदि जलवाष्प संघनित होता है, तो यह वास्तव में तरल के रूप में गिरकर बड़ी बूंदों का निर्माण कर सकता है या “बारिश” के रूप में भी गिर सकता है”-(अनुवाद)।
जहां तक नासा द्वारा कृत्रिम बादलों के निर्माण का संबंध है, यह ध्यान देने योग्य है कि इस एजेंसी ने 2017 में कम दूरी का एक रॉकेट लॉन्च करके ऐसे बादलों को बनाने का एक प्रयोग किया था। कृत्रिम बादलों के बारे में अधिक जानकारी यहां प्राप्त की जा सकती है।
यह बताया जा सकता है कि सोशल मीडिया में प्रसारित दावा गलत है। वीडियो में दिख रहे मशीन ‘बादल बनाने वाली मशीन’ नहीं है, बल्कि एक अंतरीक्ष रॉकेट इंजन है।
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