सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें ट्रेन के अंदर भीड़ साधु की पोशाक पहने एक व्यक्ति की पिटाई करती दिख रही है. रेनी लिन ने इस कहानी के साथ ये वीडियो ट्वीट किया कि ‘ईसाई बाहुल्य’ डिब्बे में चढ़ने के लिए ईसाईयों ने एक हिंदू साधु को बुरी तरह पीटा. इस ट्वीट को नौ हज़ार से अधिक बार री-ट्वीट किया जा चुका है.

आकाश आरएसएस नाम के ट्विटर यूज़र ने ये वीडियो इस दावे के साथ पोस्ट किया. “नागरकोल के रास्ते में, ईसाइयों ने हिंदू स्वामीजी को इसलिए मारा-पीटा क्योंकि उन्होंने उनके साथ बैठने की हिमाक़त की थी!” आकाश आरएसएस ‘आकाश सोनी’ है. 2017 में, ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी छानबीन में पता लगाया था कि मशहूर फ़ेक न्यूज़ वेबसाइट कवरेज़ टाइम्स के पीछे इनका हाथ है. जून 2018 में पब्लिश एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, आकाश सोनी उन लोगों में से एक है जो फ़र्ज़ी ख़बर और प्रोपेगैंडा वाला फ़ेसबुक पेज ‘बीजेपी ऑल इंडिया” चला रहे थे.

कई और भी ट्विटर यूजर्स ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया. @Uslasher और @RajeAiyer के ट्वीट को 2,500 से अधिक बार रि-ट्वीट किया गया है.

ट्विटर यूज़र फ़ातिमा रसूल ने ये वीडियो इस मेसेज के साथ पोस्ट किया, “बेरहमी की हद है! एक हिंदू संत गलती से उस डब्बे में बैठ गया जिसमें सिर्फ़ इसाई बैठे हुए थे। फिर क्या जो हुआ वह आपके सामने है।”

फ़ैक्ट-चेक

ट्विटर पर एक की-वर्ड सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि यही वीडियो 11 मार्च को तमिल टेक्स्ट के साथ ट्वीट किया गया था. इसके अनुसार, हिंदू साधु ने एक बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया था और बाद में लोगों ने उसकी पिटाई कर दी थी. ये घटना नागरकोल-कोयंबटूर ट्रेन में हुई थी. बच्ची फ़र्श पर सो रही थी, तभी साधु ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार की कोशिश की थी. यात्रियों ने साधु के साथ मारपीट की और उसे तमिलनाडु के डिंडिगुल स्टेशन पर उतर जाने के लिए कहा.

11 मार्च को, सुबह के 4:24 बजे, शकीना संतोष ने फ़ेसबुक पर ये वीडियो पोस्ट किया. हमें पता चला कि संतोष इस वीडियो को सोशल मीडिया पर सबसे पहले पोस्ट करने वाले लोगों में से थे.

ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में, उसी ट्रेन में सफर कर रहे संतोष ने बताया, “मैं ऊपर वाली बर्थ पर सो रहा था. कम्पार्टमेंट में दो लोगों की मारपीट और भीड़ का शोर सुनकर मेरी नींद खुल गई. 10-12 साल की एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ की वजह से दो लोगों की पिटाई हो रही थी. गुस्साए यात्रियों ने उनको डिंडिगुल स्टेशन पर डिब्बे से उतर जाने के लिए कहा. लेकिन वहां पर एक साधु और भी था जो उन दोनों लोगों के साथ बैठा हुआ था. साधु भी बच्ची के साथ छेड़छाड़ कर रहा था. मैंने तभी वीडियो शूट करना शुरू किया, जब मैंने देखा कि भीड़ हिंदू साधु (तीसरे व्यक्ति) की पिटाई कर रही है. पिटाई के बाद उसे डिब्बे से धक्का देकर निकाल दिया गया. भीड़ उसको पुलिस में देना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका,”

संतोष ने आगे बताया कि नारंगी रंग की शर्ट में साधु को पीटने वाला व्यक्ति बच्ची का रिश्तेदार था. संतोष द्वारा शूट किए गए ओरिजिनल वीडियो को आप यहां देख सकते हैं.

वीडियो के एक फ्रेम को देखकर पता चलता है कि इसे ऊंचाई से शूट किया गया है. ये इस बात की पुष्टि करता है कि वीडियो शूट करते वक़्त संतोष ऊपर वाली बर्थ पर बैठे थे.

नीचे संतोष के फोन की गैलरी के टाइमस्टैम्प डेटा का एक स्क्रीनशॉट है. इसमें दिख रहा है कि वीडियो 11 मार्च को सुबह के 3:17 बजे रिकॉर्ड किया गया था.

ये टाइमिंग नागरकोल-कोयंबटूर सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस के डिंडिगुल जंक्शन आने के अनुमानित समय से मेल खाती है. ये वीडियो सुबह के 3:17 बजे कैमरे में कैद किया गया था जबकि ट्रेन के आगमन का अनुमानित समय 3:00 बजे सुबह का था.

बच्ची के साथ छेड़छाड़ की वजह से लोगों ने साधु को पीटा, ऐसा वीडियो में हो रही बातचीत को सुनकर समझा जा सकता है. वीडियो में हो रहे संवाद का हिंदी अनुवाद नीचे लिखा है.

साधु: मैंने माला पहनी है. मुझे छोड़ दो.

भीड़: माला पहनना इसलिए ज़रूरी है! माला पहनकर ऐसा काम करते हो (मुक्का)

साधु: माला मत खींचो.

भीड़: इसको अलग ले चलो. अंदर खींचो इसको.

भीड: माला पहनने से क्या होता है? माला पहन लिया तो क्या छेड़खानी करोगे?

भीड़: पहले मैं तुम्हारी धुनाई करूंगा

साधु: रूको. पहले मुझे छोड़ने के लिए कहो

भीड़: @#_#@ गालियां

साधु: पुलिस (आरपीएफ)

भीड़: बुलाओ उनको, बुलाओ

भीड़: अगर ये तुम्हारी बच्ची होती, तो क्या तुम ऐसा ही करते?

क्या साधु को पीटने वाले लोग ईसाई थे

अगर इस बातचीत को सुना जाए, तो दोनों पक्ष – भीड़ और साधु – पुलिस को बुला रहे हैं. इसके अलावा, हल्की नारंगी शर्ट (जो साधु को मुक्का मार रहा है) वाले व्यक्ति ने ‘कड़ा’ और धागा पहन रखा है. ‘कड़ा’ धातु का एक ब्रेसलेट होता है जिसे प्राय: हिंदू और सिख पहनते हैं. इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि ईसाई भीड़ ने साधु की पिटाई की.

ऑल्ट न्यूज़ ने मदुरई के डीआरएम और डिंडिगुल रेलवे पुलिस से इस संबंध में संपर्क किया. दोनों को इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी.

हमें अभी तक इतना मालूम है

ऑल्ट न्यूज़ ने स्वतंत्र रूप से इस बात का पता लगाया कि इस वीडियो को तमिलनाडु के डिंडिगुल स्टेशन पर शूट किया गया था. हमने ये वीडियो शूट करने वाले यात्री से बात की. उसने इस बात की पुष्टि की कि भीड़ एक बच्ची के साथ छेड़खानी के आरोप में साधु को पीट रही थी. इसके अलावा, वीडियो में हो रही बातों से ऐसा नहीं लगता कि लोग साधु की धार्मिक पहचान की वजह से डिब्बे में बैठने नहीं दे रहे थे. इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर ये फ़र्ज़ी मैसेज फैलाया गया कि ‘ईसाई भीड़’ ने हिंदू साधु की पिटाई की.

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