पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक पुराना वीडियो शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि सोनिया गांधी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को कुर्सी खाली करनी पड़ी. ट्विटर यूज़र @Muralik79739498 ने वीडियो अपलोड करते हुए कैप्शन में लिखा, “पहली बार देख रहा हूं कि एक प्रधानमंत्री को दूसरी कुर्सी पर बैठने के लिए कहा जा रहा हो.”
Pathetic way of bureaucracy. First time I am seeing a PM being told to move to other chair. Imagine the kind of hold she had in entire 10 years of rule. We always respect the chair. https://t.co/wTpjqzmz3A pic.twitter.com/CdotTWsY0F
— Murali Jai Hind🇮🇳 (@Muralik79739498) September 26, 2020
ये क्लिप 2017 के आस-पास से ही सोशल मीडिया पर घूम रही है.
Pathetic way of bureaucracy. First time I am seeing a PM being told to move to other chair. Imagine the kind of hold she had in entire 10 years of rule. We always respect the chair
கொடும டா சாமி … காங்கிரஸ் ஆட்சியில் பிரதமருக்கு வழங்கப்பட்ட மரியாதை. …😮😮😮😮 pic.twitter.com/Cey2eJwWDV
— Vibin Raj 🇮🇳 (@VibinRaj_0224) November 22, 2017
फ़ैक्ट-चेक
यूट्यूब पर कीवर्ड ‘Manmohan Singh Sonia Gandhi seat’ सर्च करते ही सबसे पहले रिजल्ट में इंडिया टीवी की 2011 की एक रिपोर्ट आती है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सोनिया गांधी मनमोहन सिंह की सीट पर बैठ गयी थीं. ये सीट स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने मनमोहन सिंह के लिए असाइन की थी. रिपोर्ट में कहा गया है, “मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के लिए 2 कुर्सियां लगी थीं. दोनों आये और एक दूसरे की कुर्सी पर बैठ गये. बात सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री की थी इसलिए SPG अधिकारियों ने आपस में बात की और फिर पहले सोनिया गांधी को मनमोहन सिंह की कुर्सी से उठाया, सोनिया गांधी कुर्सी से उठ कर क्यूं खड़ी हुईं इस बात को मनमोहन सिंह समझ नहीं पाए. फिर SPG अधिकारी ने प्रधानमंत्री को पास जाकर हाथ के इशारे से बताया कि आपकी कुर्सी ये नहीं बगल वाली है. फिर क्या था, प्रधानमंत्री बड़ी विनम्रता से उठे और मुस्कुराते हुए अपनी कुर्सी पर बैठ गए.”
SPG एक विशेष सुरक्षा बल है जो केवल प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवारों को सुरक्षा देता है. प्रधानमंत्री के सेवानिवृत होने के बाद भी ये सेवा जारी रहती है. इसकी अवधि को कम करके 1 साल करने के लिए SPG ऐक्ट में 2 बार संशोधन किये गये थे. सुरक्षा को देखते हुए सरकार इस अवधि को बढ़ा भी सकती है.
SPG के प्रोटोकॉल के मुताबिक, सुरक्षा मिलने वाले व्यक्ति को उनकी असाइन की गयी सीट पर ही बैठना होता है. इसलिए सोनिया गांधी को सीट बदलनी पड़ी थी. वो जल्दबाज़ी में मनमोहन सिंह के सीट पर बैठ गयीं थीं. 2011 के इस वीडियो को अक्सर इसी ग़लत दावे के साथ शेयर किया जाता रहा है कि प्रधानमंत्री का अनादर किया गया था.
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