“समुद्र के बीच में #रामसेतु पर खड़े लोगों को देखें! संपूर्ण इंजीनियरिंग चमत्कार और ये सिकुलर इसे पौराणिक कथा कहते हैं, कितना अजीब !! सुप्रीम कोर्ट जाने और इसे राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित करवाने के लिए डॉ. @स्वामी39 को धन्यवाद! जय श्री राम!” (अनुवाद) ट्विटर पर एक वीडियो के साथ पोस्ट किया गया यह संदेश व्यापक रूप से शेयर किया गया था। यह वीडियो समुद्र में एक बीच (जमीन) के हवाई दृश्य से शुरू होता है और इस पर खड़े सैकड़ों लोगों को दिखलाता है। दावा है कि यह महाकाव्य रामायण का प्रतिष्ठित पुल – राम सेतु है।
उपरोक्त दावे के साथ इस वीडियो को रवि रंजन ने ट्वीट किया था, जो गृह मंत्रालय (MHA) में सलाहकार हैं और ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा फॉलो किए जाते हैं। एक अन्य ट्वीट में, श्री रंजन ने दावा किया कि उन्हें व्हाट्सएप से यह वीडियो और संदेश प्राप्त हुआ था। इस वीडियो को रीट्वीट करने वालों में अभिनेता और भाजपा सांसद परेश रावल और फिल्म निर्माता प्रिया गुप्ता शामिल हैं। रवि रंजन ने अब यह ट्वीट डिलीट कर लिया है।
Wow ….! https://t.co/nNP1pBqgMq
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) October 5, 2018
राम सेतु नहीं, बल्कि पोन्नानी बीच
यह वीडियो भारत और श्रीलंका के बीच पल्क स्ट्रेट में स्थित राम सेतु का नहीं है। यह केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित पोन्नानी बीच का है। इकट्ठा हुई रेत का एक टीला समुद्र में बाहर निकली हुई है, जिसपर लोग खड़े हैं। जुलाई 2018 में राज्य को तबाह करने वाली विनाशकारी बाढ़ के बाद यह रेत का टीला बना था।
अभिलाष विश्वा, जिन्होंने यह वीडियो बनाया, उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट में पोस्ट किया है कि इस वीडियो को उन्होंने केरल के पोन्नानी में 15 सितंबर को बनाया था। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वीडियो राम सेतु का नहीं है और यह भी बताया है कि यह झूठा संदेश कई राज्यों और कई भाषाओं में प्रसारित हो रहा है।
द न्यूज़ मिनट और इंडिया टाइम्स ने रिपोर्ट दी है कि हाल की बाढ़ के बाद यह भूवैज्ञानिक रेत का टीला उभरा और इसने बड़ी संख्या में पर्यटकों को समुद्र तट की ओर आकर्षित किया है। इससे सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने सतर्क रहने के लिए कहा है।
वीडियो या फोटो को असली सन्दर्भ से हटा कर झूठे और भ्रामक दावों के साथ सोशल मीडिया पर बार-बार शेयर किए जाते हैं। केरल के समुद्र तट का वीडियो राम सेतु के रूप में शेयर किया गया। साथ में इसे पौराणिक कथा मानने वाले ‘सिकुलरों’ को आड़े हाथ लिया गया और परेश रावल जैसे सार्वजनिक व्यक्ति द्वारा शेयर कर इसे बढ़ावा दिया गया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.