इज़राइल और हमास में जारी युद्ध के बीच एक वीडियो वायरल है जिसमें कफन में ढकी कई लाशों की एक लाइन दिखती है और उनके सामने बच्चों की तस्वीरें रखी हैं. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये गाज़ा में फ़िलिस्तीनियों के शव हैं.
लेखक और पत्रकार ‘@RichardHardigan’ ने X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “RT @swilkinsonbc” पृथ्वी के इतिहास में कभी भी ऐसा समय नहीं आया जब पूरी आबादी को खत्म करना स्वीकार्य हो – तो 2023 में क्यों? फ़िलिस्तीनी क्यों?” वीडियो को 11,200 बार देखा गया, साथ ही इसे 588 लाइक्स और 633 रीट्वीट्स भी मिलें. (आर्काइव लिंक)
RT @swilkinsonbc “There’s never been a time in the history of Earth that exterminating an entire population is acceptable — why in 2023? why the Palestinians? pic.twitter.com/6rDC700DHz“
— Richard Hardigan (@RichardHardigan) November 5, 2023
X पर एक वेरिफ़ाईड प्रोफ़ाइल ‘@ChaudriIrfan1’ ने ये वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “मुसलमानो, स्कोर चेकआउट द स्कोर #Gaza” आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 10,200 बार देखा गया, साथ ही इसे 226 लाइक्स और 190 रीट्वीट भी मिले हैं. (आर्काइव)
Muslmano, checkout the score 🥲#Gaza pic.twitter.com/YvFUgs7RYV
— Irfan (@ChaudriIrfan1) November 5, 2023
एक और वेरिफ़ाईड X यूज़र ‘@Palestine_time’ ने भी इसी कैप्शन के साथ वीडियो ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3624 से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 42 लाइक्स और 44 रीट्वीट मिले. (आर्काइव)
There’s never been a time in the history of Earth that exterminating an entire population is acceptable — why in 2023? why the Palestinians?#IsraeliNewNazism #Hezbollah #Lebanon #GazaGenocide #Israel #Israeli #FreePalaestine #CeasefireNOW #Gaza #فلسطين_تنتصر #إسرائيل #فلسطين… pic.twitter.com/0ToUKymXvs
— Palestine Times (@Palestine_time) November 6, 2023
@SprinterX99880 और @Kuwait_KW01 जैसे और यूज़र ने भी इसी दावे के साथ X पर वीडियो शेयर किया. इस दावे को फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने Invid सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके वीडियो के फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमें AP न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली जिसमें वहीं विज़ुअल्स हैं जो वायरल वीडियो में भी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारों फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने गाज़ा में तुरंत युद्ध रोकने की मांग करते हुए 4 नवंबर को वाशिंगटन डी.सी. में फ्रीडम प्लाज़ा तक मार्च किया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि “इज़रायली मिसाइलों से मारे गए बच्चों के नाम वाले दर्जनों छोटे सफेद बॉडी बैग सड़क पर फैले हुए थे और प्रदर्शनकारियों ने तत्काल तुरंत युद्ध रोकने की मांग करते हुए साइन बोर्ड पकड़ रखा था.” प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन के फ्रीडम प्लाजा में फ़िलीस्तीन समर्थक प्रदर्शन के दौरान गाज़ा में मारे गए लोगों के शवों के रूप में सफेद बोरियां रखी थीं
वायरल क्लिप के विज़ुअल्स और AP द्वारा दिखाई गई तस्वीर को कम्पेर करने पर पता चलता है कि दोनों फ़ुटेज में फ़ुटपाथ ब्लॉक, बैकग्राउंड में दिख रहीं झाडियां और प्रदर्शनकारियों की पैटर्न एक जैसी हैं.
हमें गेटी इमेजीज़ पर वाशिंगटन प्रोटेस्ट की ऐसी ही तस्वीरें भी मिलीं जिन्हें फ़ोटो जर्नलिस्ट प्रोबल रशीद ने क्लिक किया था. फ़ोटो कैप्शन से पता चलता है कि ये तस्वीरें 4 नवंबर को वाशिंगटन में फ़िलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान क्लिक की गई थीं जहां प्रदर्शनकारियों ने इज़राइल-हमास युद्ध में हुई मौतों को दिखाने के लिए प्रतीकात्मक बॉडी बैग का इस्तेमाल किया था. (तस्वीर 1 और 2)
दुनिया भर में कई फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने भी गाज़ा में मानवीय संकट को दिखाने करने के लिए प्रतीक के तौर पर बॉडी बैग का इस्तेमाल किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर से गाज़ा में 10 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
कुल मिलाकर, लाशों के प्रतीक के तौर पर सफेद बोरियों की लाइन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे के साथ वायरल है कि ये गाज़ा में फ़िलिस्तीनी लोगों की लाशे हैं. ये विज़ुअल्स 4 नवंबर को वाशिंगटन में फ़िलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के हैं जहां प्रदर्शनकारियों ने इज़राइल-हमास युद्ध में गाज़ा में मारे गए लोगों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए प्रतीक के तौर पर बॉडी बैग का इस्तेमाल किया था.
अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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