ट्रिगर वार्निंग: ग्राफ़िक कंटेंट, डेड बॉडी, बच्चे की मौत

[एडिटर का नोट: स्टोरी में जहां फैक्ट-चेक के मकसद से जरूरी है, वहां मरे हुए बच्चों के साफ़ फ़ुटेज का इस्तेमाल किया गया है. रिडर्स अपने विवेक से इसे देखने या न देखने का फ़ैसला करें.]

गाज़ा में कथित तौर पर 4 हज़ार बच्चों सहित 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों के मारे जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि गाज़ा “बच्चों का कब्रिस्तान” बनता जा रहा है.अक्टूबर से चले रहे इस युद्ध के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें सफेद चादर में लिपटे बच्चों के शव ज़मीन पर पड़े हैं. हिजाब पहनी एक महिला मरे हुए बच्चों में से एक के चेहरे को छू रही है. कई इज़राइल समर्थक सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि महिला बच्चे के चेहरे पर मेकअप लगा रही है ताकि ऐसा लगे कि बच्चा घायल हो गया है या मर गया है.

कई लोगों ने इसे ‘पॉलीवुड’ स्टोरी के साथ शेयर किया है. ‘पॉलीवुड’ एक ऐसा शब्द है जिसे इज़रायल समर्थक इंफ्लुएंसर और यूज़र्स, अक्सर गाज़ा में मरने वालों की संख्या और वहां हुई तबाही को झूठा दिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, साथ ही ये सुझाव दिया कि फ़िलिस्तीनी चोटिल होने और यहां तक की मौत का नाटक कर रहे हैं.

9 नवंबर को X ब्लू यूज़र केह के पेहेनो (@coolfunnytshirt) ने ये वीडियो इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया: “फ़िलिस्तीन को इस साल सबसे ज़्यादा ऑस्कर अवार्ड मिलेंगे.” ये रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1 लाख 61 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 2,000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

एक और X ब्लू यूज़र, दीपक शर्मा (@SonOfBharat7) ने ये वीडियो इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया: “दरिंदगी की हद बच्चों को अफीम आदि सुंघाकर बेहोश करते हैं फिर उनको डेंट पेंट करके दुनिया के सामने पेश करते हैं, और विक्टिम कार्ड खेलते हैं || अरब देशों से पैसा मिलता है और ये लोग इसे दुनिया तक पंहुचाते हैं, @Israel @TimesofIsrael @NaorGilon sir please देखें ये लोग किस तरह दुनिया को डाइवर्ट कर रहे हैं”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 62 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और 2,500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

कई और यूज़र्स ने इन्हीं दावों के साथ ये वीडियो शेयर किया जिनमें @Yael42500724, @AmitLeliSlayer, @avirald36, @trunicle, @Iran_News_2023 और @Rachit_thakur1 शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि वायरल वीडियो में अरबी भाषा में एक टेक्स्ट लिखा था, ऐसा लगता है कि ये कॉपीराइट मार्क है. टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है: “उमर अल-डेरावी.” की-वर्डस सर्च करने पर हमें गाज़ा के एक फ़ोटो जर्नलिस्ट उमर अल-दिरावी (omar_aldirawi) का इंस्टाग्राम अकाउंट मिला. हमने देखा कि उमर ने यही वीडियो 8 नवंबर को इस कैप्शन के साथ शेयर किया था: “माँ अपने बच्चों को अलविदा कहते हुए.” उसी दिन उसी जगह से शेयर की गई एक और रील वीडियो में, उमर ने कैप्शन में ज़िक्र किया: “नुसीरात में अब बच्चों का नरसंहार.” नुसीरात, गाज़ा में एक शरणार्थी शिविर है.

इसे ध्यान में रखते हुए, हमने डेट फ़िल्टर के साथ सबंधित की-वर्डस सर्च किया जिससे हमें फ़िलिस्तीन क्रॉनिकल की 8 नवंबर की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 नवंबर की सुबह नुसीरात शरणार्थी शिविर की एक इमारत पर इज़रायली बमबारी में 17 फ़िलिस्तीनी मारे गए थे जिनमें ज़्यादातर बच्चे थे.

तुर्की की न्यूज़ एजेंसी IHA न्यूज़ की न्यूज़ रिपोर्ट में वायरल वीडियो दिखाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले में दीर अल-बलाह के उत्तर में एक इमारत पर हमला किया गया था जो शहादे परिवार की थी. 10 बच्चों सहित कुल 18 मौतें दर्ज़ की गईं.

हमने दो ऐसे पत्रकारों से कॉन्टेक्ट किया जो उस वक्त वहां मौजूद थे. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रूप से गाज़ा से अपडेट शेयर करने वाले शोएब ने हमें बताया कि वायरल वीडियो दीर अल-बलाह के अल-अक्सा अस्पताल में लिया गया था. शोएब ने ये भी बताया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला की उंगली पर ‘टैली काउंटर’ था. पत्रकार मुहम्मद शहादा ने भी बताया कि महिला की उंगली पर मेकअप ब्रश नहीं बल्कि टैली/डिजिटल काउंटर था. उन्होंने कहा: “वीडियो में वो सिर्फ उस मरे हुए बच्चे को छूने और विदाई देने के लिए अपनी उंगली का इस्तेमाल कर रही है. उसकी उंगली पर दिख रही काली चीज़ एक डिजिटल काउंटर ‘मिस्बाहा’ जैसी दिखती है जिसका इस्तेमाल कुछ लोग नमाज़ पढने के लिए करते हैं.

हमने वीडियो को ज़ूम किया और आगे दिए गए वीडियो में ये साफ तौर पर देखा जा सकता है कि महिला बच्चे के चेहरे पर अपनी उंगलियां घुमा रही है, शायद स्नेहपूर्ण भाव के रूप में, और उसके दाहिने हाथ की तर्जनी में एक नीली चीज़ लिपटी हुई है जो एक टैली काउंटर की तरह दिख रही है. [विवेकपूर्वक देखने की सलाह]

हमें फ़ोटोग्राफ़र @mohammed_fayq के इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर उसी जगह का एक और वीडियो मिला जहां वायरल वीडियो में बच्चे को एक आदमी ले जा रहा है. आगे, दिए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चा जिंदा नहीं है. [विवेकपूर्वक देखने की सलाह]

https://vimeo.com/features/video-player?vcid=37546

आगे, वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट्स की तुलना दी गई है. यहां साफ है कि महिला के हाथ में जो चीज़ है, उसमें छोटी स्क्रीन है और वो टैली काउंटर है. ये किसी भी तरह से मेकअप ब्रश जैसा नहीं दिखता है.

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X पर अरबी में की-वर्डस सर्च करने से हमें शेहब न्यूज़ एजेंसी (@ShehabAgency) का एक ट्वीट मिला. तस्वीरों में लोग मरे हुए बच्चों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जिन्हें वायरल वीडियो में देखा जा सकता है. ट्वीट के टेक्स्ट में कहा गया है कि ये 17 लोगों की तस्वीरें हैं जिनमें से ज़्यादातर बच्चे हैं और ये एक इज़रायली विमान द्वारा मध्य गाज़ा पट्टी के नुसीरात शिविर में एक घर पर बमबारी में मारे गए थे.

कुल मिलाकर, ये दावा ग़लत है कि वायरल वीडियो में एक महिला बच्चों को मरा हुआ दिखाने के लिए उनके चेहरे पर मेकअप कर रही है.

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