और ऑडियो है जो कि खूब वायरल हो रहा है. इसमें दिखाई कुछ भी नहीं देता है. बस एक एयरएशिया के विमान की तस्वीर है जिससे लोग सामान उतार रहे हैं. लेकिन असली मामला इसके ऑडियो में है. एक शख्श इस क्लिप में मुसलमानों को ये चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार अमेरिका से एक वैक्सीन मंगवाकर आबादी के एक हिस्से को मारने का प्लान बना रही है. वो ये भी दावा करता है कि सरकार तय करेगी कि किसे ज़िंदा रखना है और किसे नहीं. इसमें दावा किया जा रहा है कि ये अटैक लगभग एक महीने में शुरू हो जाएगा.

“वो कोरोना वायरस से जान बचाने के नाम पर ये टीका लगाएंगे. जिसको भी टीका लगा, वो मर जाएगा. ये दवा अमेरिका से आएगी. मोदी ने ट्रंप से ये दवा मंगवाई है. आप इसको देखकर शेयर करिए,” ऑडियो क्लिप में व्यक्ति बाकी लोगों से ये मैसेज फैलाने के लिए कह रहा है.

ऑल्ट न्यूज़ को अपने ऑफ़िशियल व्हॉट्सऐप नंबर (+91 7600011160) पर इस दावे की पुष्टि करने के लिए कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.

वायरल क्लिप में व्यक्ति कह रहा है, “ये देखो भाई नरेंद्र मोदी अमेरिका गया था. और ये दवाइयां अमेरिका में बन चुकी हैं. टीके के नाम पर पुरे हिंदुस्तान में लगवाई जायेंगी. और किसको मारना है, किसको जियाना है और कितनी आबादी कम करनी है. इस इंजेक्शन का अटैक डेढ़ महीने – एक महीने के अंदर होगा. बाकी ये लगाये जायेंगे टीके के नाम से और कोरोना वायरस से बचाने के नाम से, और बचेगा नहीं. जिसको लगा वो ख़तम. ये अमेरिका से दवाई आने वाली है. इंडिया, ट्रम्प से मंगवा रहा है नरेंद्र मोदी. आप इसको देखो और शेयर करो सब जगह.”

फ़ैक्ट-चेक

तस्वीरों को ध्यान से देखने पर, विमान के ढांचे पर एक बैनर दिखता है, जो मलेशिया के झंडे जैसा प्रतीत होता है. गूगल पर एक कीवर्ड सर्च कर ऑल्ट न्यूज़ ने पता लगाया कि ऐसी ही एक तस्वीर में मलयेशियाई प्रांत, साबाह के मुख्यमंत्री दातुक सेरी शफ़ी अपदाल और कोता किनाबालु में चीन के राजदूत लियांग काई, चीन द्वारा दान में दिए गए मेडिकल उपकरणों के साथ दिख रहे हैं. मलेशियाई अख़बार ‘द स्टार’ ने इसे 29 मार्च, 2020 को प्रकाशित किया था.

रिपोर्ट के अनुसार, जब फ़रवरी के महीने में चीन कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा था, उस वक़्त साबाह सरकार ने चीन की मदद के लिए फंड इकट्ठा करने का एक अभियान चलाया था. “ये अहसान लौटाने के लिए, कोता किनाबालु में चीन के राजदूत लियांग काई ने, अपनी सरकार की तरफ़ से भारी संख्या में फ़ेस मास्क, प्रोटेक्टिव सूट्स, चश्मे, थर्मामीटर और अन्य उपकरण सौंपे.” इन तस्वीरों में, चीन द्वारा साबाह को पहुंचाई गई मदद की पहली खेप दिख रही है, जिसे चीन ने मलेशिया के अच्छे व्यवहार के उपलक्ष्य में दान में दिया था.

हम चारों तस्वीरों की एक-एक कर पुष्टि करते हुए ये स्पष्ट करेंगे कि ये सभी तस्वीरें चीन द्वारा मलेशिया के साबाह प्रांत में पहुंचाए गए मेडिकल उपकरणों की खेप से संबंधित हैं.

पहली तस्वीर

पहली तस्वीर में साबाह के चीफ़ मिनिस्टर और कोता किनाबालु में चीन के राजदूत लोगों के साथ एक बैनर पकड़े दिख रहे हैं. इस बैनर में लिखा है, “हम इस जंग में भाई की तरह साथ खड़े हैं.” नीचे के तुलनात्मक चित्र में, बाईं तरफ़ की तस्वीर व्हॉट्सऐप पर सर्कुलेट हो रही है, जबकि दाईं तरफ़ वाली तस्वीर इवेंट की एक रिपोर्ट में छपी थी. दोनों तस्वीरों में दिख रहे लोगों को मेल कराने पर पता चला कि दोनों तस्वीरें एक ही इवेंट की हैं.

दूसरी तस्वीर

वायरल हो रही दूसरी तस्वीर में मास्क पहना एक व्यक्ति अपने हाथों में बक्सा पकड़े हुए दिख रहा है.

द स्टार‘ की एक वीडियो रिपोर्ट में लगी एक दूसरी तस्वीर (33 सेकेंड्स पर) में इसी व्यक्ति को साबाह एयरपोर्ट पर बक्सा पकड़े हुए देखा जा सकता है.

तीसरी तस्वीर

ट्विटर पर एक कीवर्ड सर्च करने पर, हमें साबाह के राज्य सूचना विभाग का 29 मार्च का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में बिल्कुल ऐसी ही एक तस्वीर लगी थी.

चौथी तस्वीर

चौथी तस्वीर में, लाल जैकेट और पैंट पहने लोगों के एक समूह को विमान से नीचे उतरते देखा जा सकता है.

हम चौथी तस्वीर को इंटरनेट पर तलाश नहीं पाए. हालांकि, नीचे के वीडियो में (13 सेकेंड्स पर) ये लोग लाल जैकेट और पैंट पहने दिखते हैं. ये वीडियो 29 मार्च को इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया गया था, “फेस मास्क के दर्जनों बक्से चीन से साबाह पहुंच चुके हैं.”

Covid-19: Facemasks arrive from China

Dozens of boxes of facemasks from China arrived in Sabah on March 29, 2020, with the rest of the donations to come in stages.

Posted by Daily Express Online on Sunday, 29 March 2020

अंत में, एक खतरनाक ऑडियो क्लिप में, भारत सरकार की ‘कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर ज़हर देने की साज़िश’ के बारे में मुसलमानों को चेताया जा रहा है. इस क्लिप के साथ शेयर की गई तस्वीरें चीनी सरकार द्वारा मलयेशिया के साबाह प्रांत में पहुंचाई गई चिकित्सकीय मदद की हैं.

आगे, कोरोना वायरस की वैक्सीन अभी तक बनी नहीं है. इसे बनाने और ट्रायल करने का काम जारी है. हमने पहले भी टीकाकरण रोकने की कोशिशों वाले प्रचार को देखा है. 2018 में, खासकर मुसलमानों के बीच, खसरा के टीके को लेकर आरएसएस और बीजेपी से लिंक की अफ़वाहें फैली थीं. इन अफ़वाहों में कहा गया था कि टीके में फेरबदल करके मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने की साज़िश रची जा रही है. ऑल्ट न्यूज़ ने अपने आर्टिकल में विस्तार से उस अफ़वाह का पर्दाफ़ाश किया था.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4,900 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 13 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.