खुद को गुरु मानने वाले, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के बाबा वीरेंदर सिंह दीक्षित हाल ही में नाबालिग और महिलाओं के साथ यौन शोषण की वजह से समाचार में थे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का बाबा दीक्षित से आशीर्वाद लेते हुए दावा करने वाली तस्वीर बड़ी ही चौंकाने वाली थी। डॉ.आनंद राय जिनका व्यापम घोटाले को उजागर करने में बड़ा ही अहम रोल था, उसी तस्वीर को ट्वीट करते हुए एक सांकेतिक शीर्षक के साथ लिखा। “इन्हें भी कोई देख ले… आदर्श सरकार के आदर्श मंत्री दिल्ली की ‘आध्यात्मिक यौन यूनिवर्सिटी’ के बलात्कारी बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित के आश्रम में ‘प्रसाद’ लेने गयी थी स्मृति ईरानी।“ इस अपमानजनक आरोप में शब्द ‘प्रसाद’ को कोट कर ट्वीट की ओर ध्यान खींचने की कोशिश की गयी है। राय का ट्वीट 2400 के ज्यादा बार रीट्वीट किया गया था। जो कि अब डॉ. राय द्वारा हटा दिया गया है।

राय का आरोप सिर्फ अपमानजनक ही नहीं बल्कि पूरी तरह से झूठा भी है। वैसे कुछ बीजेपी नेताओं के कई पुराने फोटोग्राफ ऐसे गुरुओं के साथ हैं जो अब कानून के दायरे में गलत है, जैसे: आशाराम बापू, बाबा राम रहीम, राधे माँ। सिर्फ यही एक मामले में यह सच नहीं है। मूल रूप से यह तस्वीर इंडिया टुडे द्वारा वर्ष 2014 में प्रकाशित की गई थी कि स्मृति ईरानी ने राजस्थान के प्रख्यात ज्योतिष पंडित नाथूलाल व्यास से वर्ष 2014 में मुलाकात की। राय ने वो तस्वीर शेयर करते हुए बाबा को सिर्फ बलात्कारी ही नहीं बताया बल्कि ये भी कहा कि स्मृति ईरानी आश्रम ‘प्रसाद’ लेने पहुंची थी।

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यह पहली बार नहीं है जब डॉ. राय के द्वारा नकली खबर फैलाया गया हो, इससे पहले भी एक बार योगी आदित्यनाथ द्वारा गोमूत्र पीते हुए फोटोशॉप्ड तस्वीर लेकर उन्होंने इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया था, “सही मायने में गोभक्त है योगी”. फिलहाल इस ट्वीट को उनके द्वारा डिलीट किया जा चूका है।

इसी साल जून में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में CRPF द्वारा मारे गए एक आतंकवादी की तस्वीर को ये कहते हुए ट्वीट किया कि ये मंदसौर के किसान का जवान बेटा है जिसे सरकार ने गोलियों से भून डाला।

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राय ने यह भी दावा किया कि अभिशस्त डेरा प्रमुख, बाबा राम रहीम को जिस हेलीकाप्टर में ले जाया गया वो गौतम अडानी का था, ऑल्ट न्यूज ने इस दावे का भी खंडन किया, फिर भी यह ट्वीट अभीतक डॉ. राय के द्वारा नहीं हटाया गया है।

अगस्त में डॉ. राय द्वारा दिलीप कुमार के मरने की खबर को फैलाया गया था जो तुरंत ही हटा दिया जब उन्हें बताया गया कि ये झूठी खबर है।

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हम ऊपर ट्वीट्स के व्याख्यान को देख सकते है जैसे एक दिलीप कुमार के मरने वाली तो गलतफहमी से की जा सकती है, लेकिन बाकि दूसरे ट्वीट्स के बारे में हम ऐसा नहीं कह सकते। राय ने व्यापम घोटाले को उजागर करने में बहुत ही शानदार काम किया है, लेकिन उनका ऐसा ऑनलाइन व्यवहार उनके विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहा है।

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