‘कांग्रेस-मेवानी लिंक का पर्दाफाश हुआ’ (अनुवाद) यह रिपब्लिक टीवी की हेडलाइन थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जिग्‍नेश मेवानी की नई दिल्‍ली के प्रेस क्‍लब ऑफ़ इंडिया में 5 जनवरी को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रायोजित थी। यह स्‍टोरी इस चैनल के लिए सबसे बड़ी खबर थी क्‍योंकि इसने अलंकार सवाई नामक व्‍यक्ति का ‘पीछा करते हुए’ अपने रिपोर्टर की फुटेज बार-बार चलाई जोकि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के सहायक है और रिपब्लिक टीवी के मुताबिक इसी व्‍यक्ति ने मेवानी की कॉन्फ्रेंस आयोजित कराई थी। रिपब्लिक टीवी के मुख्‍य संपादक अर्णव गोस्‍वामी ने मेवानी और कांग्रेस पाटी के बीच ‘लिंक’ की ‘खबर’ स्‍वयं पेश करने की जिम्‍मेदारी उठाई। चैनल ने हैशटैग #CongSponsorsJignesh चलाया और सवाल पूछा ‘राहुल गांधी का खास आदमी जिग्‍नेश की प्रेस मीटिंग क्‍यों आयोजित कर रहा था?”

गोस्‍वामी ने अपने प्राइम टाइम शो में कहा, ”अनुज (रिपब्लिक टीवी रिपोर्टर) ने उसका (सवाई) पीछा किया और यह पता चला कि हत्‍यारी राजनीति के पक्षधर जिग्‍नेश मेवानी के लिए सभी प्रशासनिक इंतजाम राहुल गांधी द्वारा करवाए जा रहे हैं जिन्‍होंने इंतजाम कराने के लिए अपना आदमी भेजा था। (अनुवाद)” गोस्‍वामी ने यह भी कहा, ”जिग्‍नेश किराये का भोंपू है जो सबसे ज्‍़यादा बोली लगाने वाले या फिलहाल कांग्रेसी पार्टी के लिए उपलब्‍ध है। (अनुवाद)”

ऑल्‍ट न्‍यूज ने रिपब्लिक टीवी के इस दावे को सत्‍यापित करने का फैसला किया और पाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का स्‍थान रज़ा हैदर द्वारा बुक कराया गया था जो एक स्‍वतंत्र पत्रकार और डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍म निर्माता हैं। हैदर ने पुष्टि की कि जिग्‍नेश मेवानी ने उनसे स्‍थान की बुकिंग कराने का अनुरोध किया था क्‍योंकि वह (हैदर) प्रेस क्‍लब ऑफ़ इंडिया के सदस्‍य है। हैदर ने उस रसीद की प्रति भी भेजी जिसमें दिखता है कि स्‍थान बुक करने के लिए उसने 6825 रुपये का भुगतान किया।

मेवानी ने पुष्टि की कि उन्‍होंने ही हैदर को यह स्‍थान बुक करने के लिए कहा था। मेवानी ने बताया, ”मैंने 4 तारीख को रज़ा हैदर को एक कॉन्फ्रेंस के लिए प्रेस क्‍लब बुक कराने के लिए फ़ोन किया था और उसने मेरे लिए यह बुकिंग कराई।” ऑल्‍ट न्‍यूज ने कांग्रेसी प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला से भी बात की और कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के करीबी सहयोगी अलंकार सवाई की उपस्थिति के बारे में पूछताछ की। सुरजेवाला ने कहा, ”सच्‍चाई यह है कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने महाराष्‍ट्र में विभिन्‍न समुदायों के बीच मौजूद सौहार्द भावना को खत्‍म किया जो कई दशकों से मौजूद थी। जानबूझकर कोई कार्रवाई न करने और फडणवीस सरकार की बेईमान राजनीति की वजह से यह मामला बढ़ गया। असली मुद्दों पर सच्‍चाई सामने लाने के बजाय वे बेकार के मुद्दों के पीछे पड़े हैं। किसी निर्दलीय विधायक की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कोई व्‍यक्ति अपने निजी अधिकार के तहत गया होगा और इसका इस्‍तेमाल राजनीति फायदा उठाने के लिए नहीं किया जा सकता है।”

फिलहाल मौजूद साक्ष्‍य के आधार पर, ऐसा लगता है कि इस दावे में कोई सच्‍चाई नजर नहीं आती कि मेवानी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित और प्रायोजित करवाई गई थी। इस घटना की रिपब्लिक टीवी की कवरेज में शोर-शराबा ज्‍़यादा था लेकिन सच्‍चाई बहुत कम थी। यह इस बात का एक और संकेत है कि किस तरह इस चैनल की रिपोर्टिंग सत्ताधारी पार्टी के प्रति नरम रवैया अपनाते हुए केवल विपक्षी दलों की छवि लगातार खराब कराने की मंशा से प्रेरित होती हैं।

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