किसान आन्दोलन से जोड़ते हुए एक बार फिर पुरानी तस्वीर वायरल है. ट्विटर और फे़सबुक यूज़र्स एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं जिसमें सड़क पर बैलगाड़ियों का हुजूम दिख रहा है. इसके अलावा, तस्वीर में लोगों के साथ कुछ पोस्टर्स और झंडे भी दिख रहे हैं. यूज़र्स इसे शेयर करते हुए लिख रहे हैं, “ये थप्पड़ है गोदी मीडिया के मुंह पर… देश के सबसे पिछड़े गांवों तक भी किसानों का इन्कलाब पहुंच गया है.”
फे़सबुक यूज़र आरती यादव के इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 400 से ज़्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.
ये थप्पड़ है गोदी मीडिया के मुंह पर… देश के सबसे पिछड़े गांवों तक भी किसानों का इन्कलाब पहुंच गया है..
#किसान_एकता_जिंदाबाद
Posted by आरती यादव on Sunday, January 31, 2021
इसी तरह कई अन्य फे़सबुक यूज़र्स ने भी बैलगाड़ियों की कतार वाली इस तस्वीर को किसान आन्दोलन के सन्दर्भ में शेयर किया.
फे़सबुक के साथ ही कई ट्विटर यूज़र्स भी यही दावा कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
कांग्रेस की 2 साल पुरानी रैली
इस तस्वीर का साधारण-सा रिवर्स इमेज सर्च हमें पत्रिका के एक आर्टिकल तक पंहुचा देता है. इस आर्टिकल में वायरल तस्वीर के साथ हेडिंग है – “पेट्रोल डीज़ल के मूल्य वृद्धि के विरोध में कांग्रेस ने निकाली बैलगाड़ी रैली”
पत्रिका का ये आर्टिकल 13 सितम्बर, 2018 का है. इसके मुताबिक, मध्यप्रदेश के बालाघाट में युवा कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ इंडिया (NSUI) ने सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था. ये विरोध पेट्रोल और डीज़ल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर था.
तस्वीर को ज़ूम करने पर पोस्टर पर लिखा नज़र आता है- “जिला युवा कांग्रेस बालाघाट” और “पेट्रोल हुआ …अबकी…पंजे की…”(दूसरे पोस्टर में कुछ शब्द नज़र नहीं आ रहे). युवा कांग्रेस के झंडे भी साफ़ देखे जा सकते हैं. इसके अलालवा, NSUI के झंडे पर ‘UI’ लिखा भी नज़र आ रहा है.
नई दुनिया ने भी 14 सितम्बर, 2018 को इस बारे में रिपोर्ट किया था.
यानी, बैलगाड़ियों की कतार की एक तस्वीर, जिसे किसान आन्दोलन का बताया जा रहा है, असल में कांग्रेस की रैली की तस्वीर है. मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस ने पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के खिलाफ़ बैलगाड़ी रैली निकाली थी. हालांकि दैनिक भास्कर की 25 जनवरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर के सवाई माधोपुर में किसानों ने नए कृषि बिल के खिलाफ़ बैलगाड़ी रैली निकाली थी.
फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले BJP वर्कर्स की असलियत तक
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.