कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने एक वीडियो साझा किया है, जिसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा एक हिंदू व्यक्ति को मारा गया है। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठा (@Nationalist_Om) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है,“मरने वाला हिन्दू और मारने वाला मुसलमान है… शायद इसलिए बुद्धिजीवियों की नजर में ये लिंचिंग नहीं है।”

कुलश्रेष्ठा द्वारा हाल ही में कई गलत जानकारियां साझा की गई है- जैसे मलेशिया में रोड के बीच में एक व्यक्ति द्वारा नमाज़ पढ़ने के वीडियो को भारत का बताकर साझा किया था; 2017 की BBC के रोहिंग्या की एक वीडियो रिपोर्ट में से छोटी बच्ची की तस्वीर को झूठे और सांप्रदायिक दावे के साथ साझा किया था।

कुलश्रेष्ठा द्वारा ट्वीट किये गए इस वीडियो को कई व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने भी शेयर किया है।

इसे कई व्यक्तिओं ने फेसबुक पर भी साझा किया है।

बांग्लादेश का वीडियो

यह वीडियो बांग्लादेश की 2017 की एक घटना का है। 1 अप्रैल, 2017 को हमलावरों ने अबू सैयद की हत्या कर दी थी और एमडी अली को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जुबो लीग के नेता मोनिर हुसैन सरकार की हत्या के जुर्म में दो लोगों को अपराधी करार दिया गया था और वे फ़िलहाल फरार है। यह घटना बांग्लादेश में कोमिला जिले के तितास में हुई थी और इसे “कोमिला-आर-कोगोज” नामक एक स्थानीय समाचार वेबसाइट ने भी प्रकाशित किया था, जिसे हिंदी में ‘कोमिला का समाचारपत्र’ कहा जाता है।

एक अन्य बांग्लादेशी समाचार पोर्टल Jagonews24.com ने मार्च 2018 के एक लेख में तितास में हुई इस राजनीतिक हत्याओं की घटना को प्रकाशित किया था। लेख के मुताबिक, मोनिर हुसैन सरकार की हत्या 8 नवंबर, 2016 को गौरी बाज़ार में हुई थी। छह महीने बाद, उनके समर्थकों ने इस हत्या का बदला लेने की कोशिश की और अबू सैयद और एमडी अली की हत्या कर दी।

ऑल्ट न्यूज़ ने कोमिला जिले के बांग्लादेशी पत्रकारों से संपर्क किया, जिन्होंने घटना की पुष्टि की और बताया कि यह वीडियो एमडी अली और अबू सैयद की घटना से संबंधित है। सत्तारूढ़ आवामी लीग की युवा शाखा, जुबो लीग के विभिन्न गुटों के बीच अंदरूनी झगड़े के चलते यह हमला किया गया था। तितास उपज़िला और उपज़िला जुबो लीग के सचिव के तहत मोनीर हुसैन सरकार तत्कालीन ज़िरकंडी संघ परिषद के अध्यक्ष थे। उनकी हत्या करने के लिए एमडी अली और अबू सैयद को मार दिया गया था, जो जुबो लीग के सदस्य भी थे।

इस घटना के वीडियो को यूट्यूब पर 2 अप्रैल, 2017 को अपलोड किया गया था। हाल में वायरल हो रहे वीडियो में भी ऐसे दृश्य ही दिखाई दे रहे हैं।

ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई बार इस वीडियो की पड़ताल की है, जब इसे पश्चिम बंगाल और बिहार में मुस्लिमों द्वारा हिंदू की हत्या करने के दावे के साथ साझा किया गया था। मई 2017 में, यह वीडियो कश्मीरी छात्रों द्वारा CRPF के जवान की हत्या करने के दावे के साथ वायरल था। हाल में, भारतीय सोशल मीडिया में श्रीलंका, मलेशिया, ग्वाटेमाला के वीडियो को झूठे और सांप्रदायिक दावों के साथ साझा किया जा रहा है।

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.