7 अगस्त, 2023 को गुजरात के तापी ज़िले के मंगलदेव गांव के निवासी अनिल गामित, दशरत नायक नामक एक और व्यक्ति के साथ पिकअप ट्रक में नौ भैंस के बछड़ों के साथ अपने गांव लौट रहे थे. अनिल ने डांग ज़िले में बछड़े खरीदे थे. जैसे ही वो गांव के पास पहुंचे, एक महिला के नेतृत्व में कुछ लोगों के एक ग्रुप ने उनके ट्रक को रोका और उनसे ये बताने को कहा कि वो बछड़ों को क्यों ले जा रहे हैं. मुसीबत को भांपते हुए दशरत नायक मौके से भाग निकला. घंटों बाद, जब दशरत वापस गया तो उसने अनिल गामित को गंभीर रूप से घायल पाया.

बाद में पता चला कि लोगों ने अनिल गामित पर लकड़ी के डंडों से हमला किया था जिससे उसके दाहिने पैर में कई फ्रैक्चर हुए थे. अनिल गामित और दशरत नायक को रोकने वाले लोगों के ग्रुप ने खुद को ‘गौ रक्षक’ बताया. 9 अगस्त को सोनगढ़ पुलिस ने दंगा और मारपीट के आरोप में दस लोगों को गिरफ़्तार किया था. इनमें नेहा पटेल भी शामिल थीं.

नेहा पटेल, ‘प्रणिन फ़ाउंडेशन’ नामक एक जिस्टर्ड संगठन की संस्थापक हैं. गाय सतर्कता के पुरुष डोमीनन्ट में नेहा पटेल का होना एक असामान्य बात है. संगठन की ऑफ़िशियल फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल मुख्य रूप से घायल गायों के ‘बचाव’ के विज़ुअल्स और नियमित अपडेट शेयर करने पर केंद्रित है जिसमें कभी-कभी दूसरे जानवरों वाले पोस्ट भी शामिल होते हैं. नेहा पटेल के निजी फ़ेसबुक पेज पर उनके और उनकी टीम द्वारा ‘गौरक्षा’ के नाम पर की गई ‘छापेमारी’ और तेज रफ़्तार से पीछा करने के वीडियोज़ हैं. खासतौर पर ये वीडियोज़ अब जेल में बंद मोनू मानेसर द्वारा शेयर किए गए वीडियो की तरह ही हैं जो शायद उत्तर भारत के गौरक्षक सर्किट में सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति हैं.

तापी अटैक मामले में 30 से ज़्यादा दिन न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद नेहा पटेल जमानत पर बाहर आयी.

कौन हैं नेहा पटेल?

गुजरात के वडोदरा की रहने वाली नेहा पटेल द्वारकेश पटेल ने ऑस्ट्रेलिया में दक्षिणी क्रॉस यूनिवर्सिटी से MBA किया और 2007 के आसपास भारत लौट आयी थीं. प्रणिन फ़ाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक, उन्होंने 2009 में सामान्य रूप से जानवरों और विशेष रूप से गायों के लिए बचाव कार्य शुरू किया और ऑफ़िशियल तौर पर जून 2014 में संगठन को रजिस्टर्ड किया.

उनकी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल के मुताबिक, वो वडोदरा में श्री स्वामी विवेकानंद विद्यालय की प्रबंध ट्रस्टी भी है. वो वडोदरा SPCA (पशु क्रूरता निवारण सोसायटी) की सचिव भी हैं – जो गुजरात राज्य पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत एक संगठन है.

आठ साल पहले Womenpla.net के साथ एक इंटरव्यू में नेहा ने खुलासा किया था कि उनका बचपन आरामदायक था. लेकिन जब उन्होंने पढ़ाई के लिए विदेश जाने का फैसला किया, तो उनके पिता ने उनके पाठ्यक्रम के सिर्फ पहले सेशन की फ़ीस का भुगतान किया, और बाकी का खर्च उन्होंने खुद उठाया.

नेहा पटेल फ़ेसबुक पेज जय मोदीराज के एडमिन्स में से एक हैं जिसके 1.4 मिलियन से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं और इस पेज को 1.3 मिलियन से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं. 2012 में स्थापित, ये पेज मुस्लिम विरोधी कहानी की वकालत करता है, भाजपा को बहुसंख्यकों के हितों के लिए समर्पित एकमात्र राजनीतिक दल के रूप में प्रचारित करता है और गलत सूचनाएं शेयर करता है. ऑल्ट न्यूज़ ने 2018 में इस पर एक डिटेलरिपोर्ट की थी. 2016 में ऊना की घटना के बाद, जहां चार दलित युवकों को स्व-नियुक्त ‘गौरक्षकों’ द्वारा गौहत्या के शक में कोड़े मारे गए और अर्धनग्न कर घुमाया गया. इस मामले में टीवी न्यूज़ चैनलों पर प्राइम-टाइम चर्चाओं में ‘गौरक्षकों’ का पक्ष पेश करने के लिए नेहा पटेल सामने आईं. वहां, उन्होंने दावा किया कि चारों पीड़ितों पर ‘गौरक्षकों’ द्वारा हमला नहीं किया गया था. फ़ेसबुक पेज ने उन्हें एडमिन में से एक बताते हुए उनकी पोस्ट को दोबारा शेयर किया.

दिसंबर 2022 में उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद जय मोदीराज पेज के सदस्यों की एक सभा की तस्वीरें पोस्ट कीं. कैप्शन में कहा गया है: “बहुत सारे मेंबर्स मिस्ड हैं. 2014 की कोर टीम स्वयंसेवक. मोदी जी ने हमारी मेहनत को देखा था और फिर हम उसने दिल्ली पीएम ऑफ़िस में मिले थे. जय मोदीराज. टीम गुजरात में शानदार जीत का जश्न मनाने और आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मिशन मोड पर है.”

 

बहुत सारे मेंबर्स मिस्ड है । 2014 कि कोर टीम स्वयंसेवक।
मोदी जी ने हमारी मेहनत को देखा था और फिर हम उनसे दिल्ली pm ऑफिस…

Posted by Neha Patel on Friday, 9 December 2022

जैसा कि उन्होंने इस पोस्ट में बताया है, वो 2016 में जय मोदीराज पेज के अन्य सदस्यों के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिली थीं.

Modiji stood up from his chair , with a big Smile welcomed us , You all have come from my Gujarat, Vadodara aavo…

Posted by Neha Patel on Thursday, 1 December 2016

नेहा पटेल की सोशल मीडिया पर अच्छी खासी मौजूदगी है. फ़ेसबुक पर नेहा के 68 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स और यूट्यूब पर 86 हज़ार सब्सक्राइबर हैं जहां वो गायों की सुरक्षा के क्षेत्र में अपने काम का प्रचार करती हैं.

सभी “सफल ऑपरेशन” के बाद, नेहा अपने फ़ेसबुक पेज पर इस बारे में डिटेल्स भी शेयर करती हैं. पोस्ट में ऑपरेशन की तारीख, जगह और इसमें शामिल लोगों का भी ज़िक्र किया जाता है.

Surat, Sachin : 20/3/2023, 5 AM – अग्निवीर नेहा पटेल को इंफॉर्मेशन मिली कि गौतस्कर सूरत,नवसारी के बीच गौतस्करी कर रहे है। 🚩 ड्राइवर – परेश पटेल, क्लीनर- सलीम , बछड़े देने वाला दिव्येश बारोट, कसाई – मुहम्मद चिचड़ा. परेश और दिव्येश पर नवसारी मे पहले भी FIR हो चुकी है और मुहम्मद पर ये 4 th FIR होगी ।

धन्यवाद सचिन पुलिस इन्स्पेक्टर श्री R R देसाई साहेब, सचिन पुलिस स्टाफ ।

भरत भाई वैष्णव, चिराग भाई पुजारी का अच्छा सहयोग मिला

अग्निवीर प्राणिन टीम :-🚩

नेहा पटेल
संजय भरवाड़ भाई
मिहिर पटेल भाई
भाविक प्रजापति भाई
आदित्य पटेल भाई
कान भाई गोस्वामी
मंथन पटेल भाई
निर्भय रावल भाई
मुकेश पटेल भाई
जय पटेल भाई ( बिलीमोरा )

🚩 Contribute

1. UPI/GPay/cards/others
https://rzp.io/l/TxBtQyPAi

2. Direct bank transfer (80G tax exempted)

Pranin Foundation
Bank of Baroda
A/C no 35360200000179
IFSC BARB0DARBAR (0 is zero)
Darbar chokdi, Vadodara

3. Outside India https://agniveer.com/paypal

4. Paytm 9904716996

Pls mail contribution details at [email protected]

Team Pranin Agniveer

#animal #animallover #dogs #cows #lovecows #beef #gujaratpolice #agniveer #praninfoundation
#coronawarriors #love #loveanimals #cats #indiancows

Posted by Neha Patel on Thursday, 23 March 2023

यूट्यूब चैनल बंद कर दिया गया

नेहा पटेल के यूट्यूब चैनल पर 86 हज़ार से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स और लगभग 17 मिलियन व्यूज़ थे. ऑल्ट न्यूज़ ने इस चैनल के कंटेंट में कई पॉलिसी उल्लंघनों की जानकारी के साथ यूट्यूब से संपर्क जिसके 6 दिन बाद यानी, 22 दिसंबर 2023 को यूट्यूब ने इस चैनल को बंद कर दिया. लेकिन इससे पहले इस चैनल पर 206 वीडियोज़ पब्लिश किए गए थे जिसमें फिज़िकल असॉल्ट, निगरानी और ग्राफ़िक एनिमल एब्यूज़ शामिल थे.

31 अक्टूबर, 2023 को जमानत पर रिहा होने के बाद, नेहा पटेल ने यूट्यूब चैनल पर हिंदी टाइटल के साथ एक वीडियो जारी किया. इस वीडियो में वो कह रही हैं, “सच्चाई ये है कि हमें 40 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया, ये अत्याचार है, कानून का ग़लत इस्तेमाल है, जातिवाद एक भयानक बीमारी है.” वीडियो में, शांत और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से बोलते हुए वो अपनी गिरफ्तारी के पीछे की ‘सच्चाई’ का अपना वर्ज़न पेश करती हैं. वो कहती है कि कैसे ‘देश-विरोधी’ मीडिया (मीडिया आउटलेट जो राष्ट्र के खिलाफ हैं) ने उनकी छवि खराब की और कैसे इस फ़ैक्ट को नज़रअंदाज कर दिया गया कि नेहा पटेल के ग्रुप ने सबसे पहले अनिल गामित के खिलाफ़ FIR दर्ज की थी. उन्होंने शिकायत की कि बाद में, उनके ग्रुप पर अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ किया गया. वो बताती हैं कि इस मामले का अत्याचार अधिनियम से कोई लेना-देना नहीं था और ये ‘गौ रक्षक’ बनाम ‘गौ तस्कर’ की स्थिति थी. हालांकि, वो इस आरोप पर कोई बात नहीं करती है कि अनिल गामित को कथित तौर पर पिटाई के बाद गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया था.

गाय सतर्कता

यूट्यूबर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के साथ एक इंटरव्यू में नेहा पटेल ने कहा कि उनकी शैक्षिक योग्यता ने उन्हें गौ रक्षा के क्षेत्र में खुद को स्थापित करने में मदद की. उनकी टीम के लोग जो पहले से ही अलग-अलग काम कर रहे थे, अक्सर पुलिस के साथ परेशानी में पड़ जाते थे जो अक्सर इन लोगों को बर्खास्त कर देते थे. निगरानी के काम में उनकी भागीदारी के लिए बेरोज़गारी को ज़िम्मेदार मानते थे. हालांकि, एक बार जब उन्होंने नेहा पटेल के अंतरगर्त काम करना शुरू कर दिया तो फिर पुलिस को कोई आपत्ति नहीं हुई.

इंटरव्यू में 11 मिनट 23 सेकेंड पर, नेहा पटेल ने कहा कि उन्होंने ये नियम स्थापित किया है कि उनकी टीम के सदस्य ‘तस्करों’ के साथ व्यवहार करते समय शारीरिक हिंसा का सहारा नहीं लेंगे. हालांकि, अपने अगले बयान में उन्होंने हिंसा के इस्तेमाल को ‘पुरुष के पुरुष होने’ (‘लड़के हैं’) और ‘हिंदुओं की आम भावना’ (‘हम हिंदुओं की आम भावना हैं’) का तर्क दिया.

एक सफल ‘ऑपरेशन’ के बाद नेहा ने व्यक्तिगत रूप से अपने फ़ेसबुक पेज पर जो तस्वीरें पोस्ट की हैं उनमें उनकी टीम लकड़ी की छड़ी लहराते हुए दिखी.

आगे, दिए गए वीडियो में साफ तौर पर दिखाया गया है कि लोग जिन गाड़ियों का पीछा कर रहे हैं, उन्हें रोकने की कोशिश में वो लाठियों से हमला कर रहे हैं. ऐसे कई क्लिप्स हैं जिनमें पकड़े गए व्यक्तियों को लाठियों से हमला करते हुए दिखाया गया है. अगस्त में तापी घटना के दौरान, पुलिस ने खुलासा किया कि नेहा पटेल की टीम ने अनिल गामित पर हमला करने के लिए लकड़ी के डंडों का इस्तेमाल किया था.

वीडियो 1:

17 नवंबर, 2022 को नेहा पटेल के यूट्यूब चैनल पर 9 मिनट 30 सेकेंड लंबा एक व्लॉग शेयर किया गया था. ये चैनल अब डिलीट कर दिया गया है. इस वीडियो में वो और उनकी टीम गोमांस ले जाने के शक में एक चौपहिया गाड़ी का पीछा कर रही है. जब गाड़ी ट्रैफ़िक में फंस जाती है तो नेहा पटेल के आदमी स्थिति को संभाल लेते हैं. जैसे ही प्रणिन टीम की कार रुकती है, उस गाड़ी के ड्राईवर को पकड़ने के लिए लकड़ी की लाठियां लिए लोग कार से बाहर भागते हैं. व्लॉग के 28 सेकेंड पर, ड्राइवर (जिसका नाम – जैसा कि यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन सेक्शन में बताया गया है – सरफ़राज उर्फ ​​बतिया है) को जमीन पर दिखता है औ नेहा पटेल के आदमी हाथों में लाठियां लिए हुए, उसे मारते हैं. नेहा पटेल ने अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर इस ‘ऑपरेशन’ की तस्वीरें भी शेयर कीं. इनमें से एक तस्वीर में ड्राइवर सरफ़राज पर लाठी से हमला किया जा रहा है.

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वीडियो 2:

नेहा पटेल और उनके लोगों ने सूरत पुलिस के साथ 11 मार्च, 2022 को एक बूचड़खाने पर छापा मारा. व्लॉग की शुरुआत में उनकी टीम को कुछ वर्दीधारी पुलिसकर्मियों के साथ प्रवेश करते देखा जा सकता है. जब कसाई भागने की कोशिश करते हैं तो पुलिस और नेहा के आदमी, दोनों उन्हें रोकते हैं और पुलिसकर्मी कसाइयों को लकड़ी के डंडों से मारते हैं. वीडियो में 2 मिनट 14 सेकेंड पर नेहा पटेल की टीम का एक व्यक्ति, हाथ में लकड़ी की छड़ी लेकर दोनों कसाईयों को मारने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ शामिल हो जाता है. व्लॉग में आगे, नेहा खुद दो कसाइयों से पूछताछ करने की भूमिका निभाती है जबकि उसका एक आदमी कसाइयों को ज़मीन पर गिरा देता है और पुलिसकर्मी पास में खड़े हैं. 3 मिनट19 सेकेंड पर, नेहा को दो कसाईयों में से एक से पूछताछ करते हुए उसे लात मारते हुए देखा जा सकता है.

वीडियो 3:

11 दिसंबर, 2021 का ये व्लॉग हाई-स्पीड में पीछा करने के साथ शुरू होता है जहां नेहा और उनकी टीम मवेशियों को ले जा रहे एक ट्रक का पीछा करती है. वो ट्रक का पीछा करते हुए कभी-कभी उसे पलटने की कोशिश में अपने वाहन से उसे टक्कर मार देते हैं. 5 मिनट 54 सेकेंड पर, उनकी कोशिश सफल हो गई, और पिकअप ट्रक सड़क पर किनारे पलट गया. इसके तुरंत बाद, नेहा के लोगों को ट्रक पर कूदते हुए, उसकी विंडशील्ड को तोड़ते हुए और अंदर मौजूद लोगों को जबरन बाहर निकालते हुए और उन्हें धमकाते और गालियां देते हुए देखा जा सकता है. घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद, नेहा के सहयोगी लगातार इन व्यक्तियों के प्रति शारीरिक आक्रामकता दिखाते हैं. उनके कई कामों में किसी एक व्यक्ति पर हमला करना और उसे रोकना शामिल है.

घायल जानवरों के इलाज से लेकर गौ-सतर्कता तक

नेहा पटेल ने पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के साथ अपने इंटरव्यू में कहा कि भारत लौटने पर, उन्होंने देखा कि उनके आसपास के जानवर मुसीबतों का सामना कर रहे थे. तत्काल सहायता के बिना बीमार पड़ रहे थे. गैर सरकारी संगठनों से प्रतिक्रिया की कमी से निराश होकर, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से बीमार जानवरों को पशु चिकित्सकों के पास पहुंचाना शुरू कर दिया. इसे ध्यान से देखकर सीखते हुए, उन्होंने पशु चिकित्सा कौशल हासिल किया. नतीजतन, जब भी उसका सामना किसी घायल जानवर से होता, तो वो मौके पर ही उसका इलाज करती. यहां तक ​​कि उन्हें आश्रयों में पहुंचाने से पहले इंजेक्शन भी लगाती और IV भी शुरू करतीं. उनका नाम तेजी से फ़ैल गया और लोग सक्रिय रूप से उससे कॉन्टेक्ट करने लगे. इसने उनकी ‘जीवदया’ (पशु देखभाल) पहल की शुरुआत को चिह्नित किया.

अहमदाबाद की यात्रा के दौरान एक रात गौरक्षकों के प्रति उनकी ये जर्नी शुरू हुई जब उन्होंने एक भैंस ले जा रहे ट्रक को रोका था. उन्होंने पहले अखबारों में ऐसे वाहनों से जुड़ी ‘गौरक्षा’ घटनाओं के बारे में पढ़ा था. उनके नाम को तेजी से पहचान मिली. मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों सहित कुछ ने बूचड़खानों के बारे में जानकारी शेयर की. वो गर्व से बताती हैं कि कैसे उन्होंने गाय खरीदने के लिए लोगों की आर्थिक मदद की.

उसी यूट्यूब इंटरव्यू में, नेहा ने ज़िक्र किया कि उसने शुरुआत में अपनी गतिविधियों को शेयर करने के लिए फ़ेसबुक का इस्तेमाल करके स्थानीय स्तर पर काम किया. धीरे-धीरे, उन्होंने गुजरात के अलग-अलग शहरों का ध्यान आकर्षित किया और गोधरा, सूरत, पंचमहल, वलसाड और नवसारी तक अपना नेटवर्क फ़ैलाया. जब हमने उनके यूट्यूब चैनल को हटाने से पहले चेक किया तो पता चला कि इनकी टीम गुजरात के कम से कम 16 शहरों में सक्रिय थी. और अग्निवीर के साथ साझेदारी में प्रणिन फाउंडेशन ने महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों में सतर्कता के अपने नेटवर्क को बढ़ाया. उन राज्यों की टीमों ने नेहा और उनकी गुजरात स्थित टीम की तरह ही रणनीति अपनाई और इन घटनाओं को नेहा के यूट्यूब चैनल पर दिखाया गया.

VHP से जुड़ाव

25 दिसंबर, 2023 को, नेहा पटेल को महाराष्ट्र के अमरावती के नंगाव पेठ गांव में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. नेहा पटेल ने अपने फ़ेसबुक पेज पर कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर कीं. पोस्ट के मुताबिक, अपने भाषण में नेहा पटेल ने गौहत्या के बारे में चिंता जताई और बताया कि वो इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते रहेंगी जैसा कि उन्होंने पहले भी किया था. उन्होंने इस फ़ैक्ट पर भी ज़ोर दिया कि हिंदू समाज को गौरक्षा के लिए सक्रिय रूप से योगदान देना चाहिए क्यूंकी ‘गौ-माता’ को बचाना हिंदुओं का परम कर्तव्य है. बजरंग दल ने उनका भव्य स्वागत कर सम्मान किया.

तस्वीरों में देखा जा सकता है कि काजल हिंदुस्तानी के नाम से मशहूर काजल शिंगाला भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं. हिंदुत्व इकोसिस्टम में एक प्रमुख नाम, काजल हिन्दुस्तानी है जो खुद को ‘गुजरात की एक निडर शेरनी’ बताती है. वो अक्सर हिंदुत्व संगठनों द्वारा आयोजित बैठकों में भाग लेती हैं जहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलेआम नफरत भरे भाषण दिए जाते हैं.

 

महाराष्ट्र, अमरावती : विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल नांदगांव पेठ अमरावती महाराष्ट्र द्वारा आयोजित गीता जयंती एवंम कलंकित…

Posted by Neha Patel on Wednesday, 27 December 2023

दरअसल, VHP के साथ नेहा पटेल का रिश्ता बहुत पुराना है.

2013 की अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में उन्होंने दुर्गा वाहिनी शिविर का विवरण शेयर किया जिनमें जगह, तारीख, शुल्क और गतिविधियां शामिल थीं. उन्होंने ये भी कमेंट किया कि जब वो छोटी थीं तो उन्होंने इनमें से कई शिविरों में भाग लिया था. दुर्गा वाहिनी हिंदुत्व संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) की महिला शाखा है. इन शिविरों में युवा लड़कियों को “आत्मरक्षा” का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें राइफल शूटिंग भी शामिल है.

एक युवा के रूप में, नेहा पटेल VHP के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई थीं. ये उनके सोशल मीडिया पोस्ट में साफ दिखता है. इसमें VHP के केंद्रीय सचिव वीरेश्वर के साथ उनकी मुलाकात की तस्वीरें शामिल हैं. उन्होंने जो तस्वीरें पोस्ट कीं उनमें से कुछ 2002 की हैं जैसा कि उन्होंने एक तस्वीर के कमेंट सेक्शन में ज़िक्र किया है.

अग्निवीर से घनिष्ठ संबंध

नेहा पटेल के ज़्यादातर फ़ेसबुक पोस्ट के कैप्शन में अग्निवीर संगठन का ज़िक्र है. संजीव नेवार (फ़िल्म समीक्षक प्रोफ़ाइल – @GemsOfBollywood) और वाशी शर्मा के नेतृत्व में, अग्निवीर खुद को स्वयंसेवकों की एक टीम बताती है जो “वैदिक धर्म को बढ़ावा देने और झूठ का मुकाबला करने के लिए फिल्मी (रील) और असली दुनिया दोनों में काम कर रही है.” वेबसाइट उनकी गतिविधियों में से एक के रूप में ‘गौ सेवा’ का ज़िक्र भी करती है. अग्निवीर के पास समर्पित कंटेंट शेयर करने के लिए एक X हैंडल भी है जिसमें घायल गाये हैं, साथ ही ये भी दिखाया जाता है अग्निवीर टीम जानवरों की देखभाल कैसे करती है.

कई मौकों पर, नेवार और शर्मा ने नेहा को बढ़ावा दिया है और अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से प्राणिन फाउंडेशन पर अपडेट साझा किए हैं. वो नेहा को अग्निवीर के गुजरात प्रमुख के रूप में संदर्भित करते हैं जो प्रणिन फाउंडेशन और अग्निवीर के बीच सीधा संबंध साबित करता है.

प्रणिन फाउंडेशन की फंडिंग के बारे में पूछे जाने पर नेहा ने एक इंटरव्यू में कहा कि शुरुआत में इसका खर्च उन्होंने खुद उठाया था. उन्होंने ये भी बताया कि फ़ाउंडेशन को दान भी मिलता है और ये अग्निवीर के साथ सहयोग करता है.

नेहा पटेल का सांप्रदायिक दुष्प्रचार

गाय-सतर्कता में अपने काम के बारे में अपडेट शेयर करने के अलावा, नेहा पटेल अपने मंच का इस्तेमाल मुस्लिम विरोधी नैरेटिव और सांप्रदायिक ग़लत सूचनाओं को शेयर करने के लिए भी करती हैं. यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

झूठा दावा 1:

तिरुवनंतपुरम के सबरीमाला तीर्थयात्रियों का एक वीडियो वायरल था जिसमें एक बच्चा रोते हुए और अपने पिता को बुलाता है. कई राईटविंग इन्फ्लुएंसर्स ने ये क्लिप शेयर करते हुए दावा किया कि ये ‘केरल में हिंदुओं की दुर्दशा’ है जिससे ये संकेत दिया गया कि केरल में हिंदू अपने धर्म का पालन करने की आजादी नहीं हैं. नेहा भी इस कोरस में शामिल हो गईं और ये क्लिप इस कैप्शन के साथ शेयर की: “क्रूरता और बर्बरता – भक्तों को केरेला पुलिस ने उठाया क्योंकि उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया और भक्तों के लिए सुविधाओं की कमी थी. शांतिपूर्ण तरीके से सीएम के खिलाफ आवाज उठाई. इस बच्चे का क्या कसूर था. कर्म बहुत तेज़ मारेगा. जो हिंदू चुपचाप इसे देखते रहे और जिन्होंने ये काम किया – किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. कर्म न तो भेदभाव करता है और न ही कोई अंतर करता है. ये सिर्फ पलटवार करता है. जय Bharat#kerala #keralaagainsthindus.”

ऑल्ट न्यूज़ ने जांच में पाया कि ये वायरल दावा भ्रामक था. वीडियो में दिख रहा लड़का सबरीमाला मंदिर में भीड़ के बीच थोड़ी देर के लिए अपने पिता से अलग हो गया था और जल्द ही उसके साथ फिर से मिल गया.

 

 

Cruelty and Barbarism – Devotees were picked up by Kerela Police becuase they were ill treated and lack of facilities for the devotees.Raised voice against the CM in a peaceful manner

What was the fault of this child

Karma will hit hard and very hard

Hindus who silently watched this and who did this act – None will be spared

Karma does not differentiate nor discrimiate

It only hits back

Jai Bharat
#kerala #keralaagainsthindus

Posted by Neha Patel on Tuesday, 12 December 2023

झूठा दावा 2:

29 अक्टूबर को केरल के कलामासेरी में यहोवा के साक्षी नामक इसाई ग्रुप के एक धार्मिक सम्मेलन में कई विस्फोटों में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हो गए. विस्फ़ोट की ख़बर आने के कुछ घंटों बाद, डोमिनिक मार्टिन नामक एक व्यक्ति ने फ़ेसबुक पर एक कबूलनामे का वीडियो जारी किया जिसमें वो धमाकों की जिम्मेदारी लेता है. उसने ज़िक्र किया कि वो यहोवा के साक्षी समुदाय का हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन उनके विश्वदृष्टिकोण में मतभेद के कारण, उन्होंने खुद को ग्रुप से अलग कर लिया. इस स्थिति की सभी बातें सार्वजनिक डोमेन में आने से पहले ही, राईटविंग ने बात उछाल दी और इन विस्फ़ोटों में एक ग़लत और असंबंधित मुस्लिम ऐंगल जोड़ दिया. नेहा पटेल ने विस्फ़ोट के विज़ुअल्स की एक क्लिप शेयर की और कैप्शन में ज़िक्र किया कि कलामासेरी को साफ रूप से ‘इस्लामिक आतंकवाद’ के लिए एक जगह के रूप में जाना जाता है.

 

 

Appeasement costs Kerala!
According to eyewitnesses, 6 serial blasts have taken place near Cochi in a Christian dominated area. Kalamasseri is a place known for I*****c terrorism.

Casualties being reported.

Jai Hind

Posted by Neha Patel on Sunday, 29 October 2023

झूठा दावा 3:

पिछले साल फरवरी में, उन्होंने दिवंगत गायिका लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की एक वीडियो क्लिप शेयर की थी जिसमें ये अजीबोग़रीब दावा किया गया था कि उन्होंने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर थूका था. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा था: ‘थूक जिहाद यहां भी?? नहीं सुधरेंगे.’ ऑल्ट न्यूज़ ने पहले ही इस निराधार दावे फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश की थी.

 

 

थूक जि**द यहा भी ?? नही सुधरेंगे

Posted by Neha Patel on Sunday, 6 February 2022

झूठा दावा 4:

फ़रवरी 2020 में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया जिसमें बच्चों को (जिनमें से कुछ टोपी पहने हुए थे) एक महिला और पुलिस ले जा रही थी. कैप्शन में उन्होंने दावा किया कि इन बच्चों को जाहिर तौर पर मदरसे में आतंकवादी बनने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. और उन्हें कोलकाता में पुलिस ने ‘बचाया’ था. जब 2019 में इसी तरह के मैसेज के साथ ये कथित वीडियो सामने आया तो ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल और पाया कि ये वीडियो 2015 से भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा था. भले ही नेहा पटेल की पोस्ट को फ़ेसबुक द्वारा झूठी जानकारी के रूप में चिह्नित किया गया था, लेकिन इसे हटाने के बजाय उन्होंने कैप्शन को अपडेट करते हुए ये घोषणा की कि वो अपने दावे पर कायम हैं.

Note : its not false information. We all know who is controlling fb..
Police rescued 63 madrasa children in Raja Bazar, kolkatta Children say that training to become a terrorist is given in madrasa.
When this thing went to the media, the media people said ‘we cannot show, we do not have orders from above’.
So all of you can share this video as much as possible, may people know what the children of Muslims are taught in the madrasa, what is taught, the reality of what is taught…Most of the madrasas in India have similar training.
The work of dividing the country in the name of studies is done in madrasas, they are made jihadis.

Via whatsapp

Posted by Neha Patel on Monday, 3 February 2020

‘सभी रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों को देश से बाहर निकालो…’

अपने एक फ़ेसबुक अपडेट में नेहा ने बताया कि देश को बचाने के लिए शरणार्थी रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश से बाहर निकालना सभी भारतीय नागरिकों की ज़िम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लिम समुदाय को भी इसे अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए. नेहा ने पोस्ट में लोगों से ये भी अपील की कि अगर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिम उनके इलाके में रहते हुए पाए जाते हैं तो वो ‘उनके जैसे लोगों’ से कॉन्टेक्ट करें, इस आश्वासन के साथ कि मैसेज देने वाले का नाम उजागर नहीं किया जाएगा.

 

देश को बचाना हो तो घुसपेटियो रोहिंग्या ,बांग्लादेशी मुस्लिम को पकड़ कर भारत से बाहर फेंक ना होगा , ये सभी भारतीयों का…

Posted by Neha Patel on Tuesday, 25 July 2023

मोनू मानेसर को अटूट समर्थन

हरियाणा पुलिस ने 31 जुलाई को नूंह में भड़की सांप्रदायिक अशांति की SIT जांच के तहत मोनू मानेसर को 12 सितंबर को गिरफ़्तार किया था. राजस्थान पुलिस ने नासिर और जुनैद की मौत की जांच के दौरान उसे हिरासत में लिया था. तापी मामले में गिरफ़्तार नेहा पटेल को 14 सितंबर को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था. तीन दिन बाद, उसने हत्या के आरोपी मोहित यादव या मोनू मानेसर के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए फ़ेसबुक का सहारा लिया.

भिवानी हत्याओं के बाद, नेहा पटेल ने मोनू मानेसर की ‘गौमाता के बहादुर पुत्र’ के रूप में तारीफ़ की. इसके साथ ही, उन्होंने मीडिया की आलोचना की और हरियाणा पंचायत की एक कथित धमकी शेयर की जिसमें चेतावनी दी गई कि पुलिस द्वारा मोनू मानेसर की गिरफ़्तारी के गंभीर परिणाम होंगे.

मोनू मानेसर और उसके साथियों के साथ खड़े होकर, उन्होंने मुस्लिम राजनीतिक नेताओं से ये भी पूछा कि वो समुदाय को गाय की हत्या बंद करने की सलाह क्यों नहीं दे सकते, उन्होंने सुझाव दिया कि अगर गायों की हत्या नहीं की गई होती तो इस तरह की घटना (दो मुस्लिम पुरुषों की कथित हत्या) नहीं होती.

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महिला सशक्तिकरण की बात…सिर्फ दिखावा?

Womenpla.net वेबसाइट के साथ अपने इंटरव्यू में नेहा पटेल ने गौ रक्षा के क्षेत्र में एक महिला होने के नाते उन्हें जिन संघर्षों का सामना करना पड़ा, उसके बारे में बात की. वो बताती हैं कि लोग उनके बारे में प्रतिकूल राय बना लेते थे. क्योंकि वो अक्सर किसी गाड़ी के बारे में सूचना मिलने के बाद किसी भी समय में सड़कों पर निकल पड़ती थीं और सड़क के किनारे इंतजार करती थीं. आर्टिकल में दावा किया गया है कि नेहा पटेल गुजरात की पहली और भारत की दूसरी महिला हैं जिन्होंने 2013 में संशोधन के बाद किसी अन्य महिला को छेड़छाड़ से बचाने के लिए IPC की धारा 354D (पीछा करना) लागू की है. इंटरव्यू में अपने समापन बयान में, नेहा ने देश भर की महिलाओं को भारतीय कानूनी प्रणाली से सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया, और इस बात पर जोर दिया कि अपराध तभी पनपता है जब सच्चाई चुप रहती है.

दूसरी ओर, हमारे पास उनकी टीम के सदस्यों में से एक का वीडियो फ़ुटेज है जो एक कथित गाय तस्कर से कह रहा है कि वो अपनी पत्नी या माँ को आजीविका कमाने के लिए एक रात के लिए किसी के पास भेज सकता था. इस घटना को फ़िल्माने वाली नेहा पटेल को इस टिप्पणी पर दिल खोलकर हंसते हुए देखा जा सकता है.

27 दिसंबर, 2021 को नेहा पटेल के यूट्यूब चैनल (जो अब बंद हो गया है) पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था जिसका टाइटल था: “सूरत, पलसाना: 10 गायों को बचाया गया.” उन्होंने और उनकी टीम ने मवेशियों को ले जा रही एक पिकअप वैन को ‘पकड़ा. वीडियो में देखा जा सकता है कि गाड़ी का शीशा पूरी तरह टूट गया है.

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वीडियो में 4 मिनट 11 सेकेंड पर ड्राइवर अहमद पठान दिखता है. उनके चेहरे का दाहिना हिस्सा सूज गया है और दाहिनी आंख पर चोट लगी है.

5 मिनट 7 सेकेंड पर, नेहा अहमद से पूछती है कि उसने ये काम करना क्यों चुना, ये जानते हुए भी कि ये गैरकानूनी है. उसने कहा कि वो कुछ कठिन समय से गुजर रहे हैं और घर पर वित्तीय संकट है, इसलिए उन्हें जो पहली नौकरी मिल सकती थी, वो कर ली, उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.

इस पॉइंट पर, नेहा की टीम के पुरुषों में से एक, जिसे वो भरत भाई के रूप में संदर्भित करती है, ने अहमद को जवाब देते हुए कहा: “तेरी मजबूरी थी, तो तेरी बीवी को दूसरे के पास भेजता तो पैसे मिल जाते तेरी माँ को भेजता था, क्या धंधा करने के लिए..धंधा करवा लेना था, एक नाईट में क्या फर्क पड़ रहा था तेरे को. ऐसे ही पैसा मिल जाता तेरे को.. तेरी बीवी को मेरे साथ भेज चल, मैं देता हूं तेरे को 5 हज़ार रूपया.” इस विज़ुअल्स को फ़िल्मा रहीं नेहा को अपनी टीम के अन्य लोगों के साथ इस कमेंट पर हंसते हुए सुना जा सकता है.

घर वापसी कार्यक्रमों से लेकर हिंदुत्व रैलियों तक

यूट्यूब चैनल DO पॉलिटिक्स के साथ एक इंटरव्यू में (जिसके सह-संस्थापक और संपादक अजीत भारती हैं) नेहा ने ‘घर वापसी’ या उन हिंदुओं के पुन: धर्मांतरण में अपनी भागीदारी पर चर्चा की जो पहले दूसरे धर्म में परिवर्तित हो गए थे. वो ‘घर वापसी’ के एक उदाहरण का ज़िक्र करती हैं जो उन्होंने और उनकी टीम ने गुजरात के डांग ज़िले में किया था. वो बताती हैं कि उन्होंने 8 हज़ार परिवारों को फिर से ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में परिवर्तित किया. पिछले साल उनके चैनल पर एक यूट्यूब वीडियो पब्लिश किया गया था जिसका टाइटल था: “डांग: मिशनरियों द्वारा 20 आदिवासी परिवारों की घर वापसी का ब्रेनवॉश किया गया.” इसमें डांग में आदिवासी निवासियों के पुन: धर्मांतरण को दिखाया गया था.

उन्होंने जुलाई 2023 में महाराष्ट्र के मालेगांव में सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित हिंदू जन आक्रोश मोर्चा में एक वक्ता के रूप में भी भाग लिया. इस कार्यक्रम के दौरान, कुछ वक्ताओं ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साफ तौर पर हिंसा का आह्वान किया. X-हैंडल हिंदुत्ववॉच ने कार्यक्रम की एक क्लिप ट्वीट की जिसमें नेहा पटेल और एक अन्य हिंदुत्व नेता शामिल हैं.

नेहा पटेल से आगे वाले वक्ता ने नफरत भरा भाषण दिया और मुसलमानों के खिलाफ खुली धमकियां दीं. कुछ ही समय बाद (ऊपर बताए वीडियो में 1 मिनट 50 सेकेंड पर), नेहा ने संक्षिप्त भाषण देते हुए दर्शकों को संबोधित किया: “आज इतनी तादात में हिंदू भाई बहनों को देखकर ये संदेशा तो पहुंच ही गया है, गौ हत्यारे, लव जिहाद, धर्मांतरण के जो सपने देख रहे हैं उनके खिलाफ कि ये जो भीड़ रोड पे आ गई तो उनकी क्या हालत होगी.”

हम सितंबर 2023 में एक इंटरव्यू के लिए नेहा पटेल से कॉन्टेक्ट किया. शुरुआत में वो इसे लेकर उत्साहित थी और उन्होंने हमें ईमेल के माध्यम से प्रश्नावली शेयर करने के लिए कहा, लेकिन हमें अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. हमें उनका एक फेसबुक पोस्ट मिला जो उन्हें हमारा ईमेल भेजे जाने के पांच दिन बाद पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने अपने खिलाफ अब तक दर्ज़ की गई तीन FIR को सही ठहराने की कोशिश की थी. हमने दिसंबर 2023 में फिर से उनसे कॉन्टेक्ट किया. लेकिन हमें ये आर्टिकल पब्लिश होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. जब भी वो हमें जवाब देगी, इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

 

हिन्दू समाज का क्या सोचना है मुझ पर 3 फरियाद के पीछे?
मेरा जीवन खुली किताब है, अब तोह वामपंथी, जिहादी भी मेरे बारे मे…

Posted by Neha Patel on Friday, 29 September 2023

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