22 नवंबर की शाम, समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) ने ट्वीट किया कि लंदन हाईकोर्ट ने पुराने शराब कारोबारी और भगोड़े विजय माल्या के मध्य लंदन स्थित आलीशान घर का कब्जा स्विस बैंकिंग फर्म यूबीएस के पक्ष में देने का फैसला दिया है।

माल्या द्वारा कथित रूप से संपत्ति पर लिया गया 2.04 करोड़ पाउंड का बंधक ऋण चुकाने में विफल होने के बाद यूबीएस इस हवेली के कब्जे के लिए विजय माल्या के खिलाफ अदालत में गई थी। जहां माल्या को अपने पारिवारिक घर को फौजदारी के खतरे से बचाने के लिए एक उग्र लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है, वहीं एएनआई ने अग्रिम खबर चला दी। यूके हाईकोर्ट से ऐसा कोई फैसला ही नहीं हुआ है। द हिंदू के लंदन स्थित संवाददाता विद्या राम ने यह बताया।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे माल्या के कानूनी बचाव को झटका बताया है- “लंदन में हाईकोर्ट के व्यापार और संपत्ति अदालतों के मुख्य मास्टर मार्श ने माल्या और उनके सह-प्रतिवादियों द्वारा अपने बेशकीमती घर को बचाने के लिए 11 मई, 2018 को रखी गई उनके संशोधित बचाव की अधिकांश दलीलों को हटा दिया। 7 मई, 2019 से 10 दिनों की सुनवाई होगी।” (अनुवादित)

दूसरे शब्दों में, संपत्ति का भाग्य तय करने की सुनवाई अगले वर्ष मई में होगी और यह निर्णय माल्या की कानूनी टीम द्वारा प्रस्तुत दलीलों के संबंध में है, जिनमें से अधिकांश को अमान्य होने के कारण हटा दिया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया ने आगे बताया कि “यूबीएस ने 9 अगस्त, 2018 को संशोधित बचाव के कुछ हिस्सों को हटाने के लिए आवेदन किया था। बुधवार को मुख्य मास्टर मार्श ने फैसला सुनाया कि उनमें से एक को छोड़कर बाकी को “हटा देना” चाहिए क्योंकि उनका “नहीं टिकना तय” था।”

एएनआई के समाचार अपडेट की गलती को नाओमी कैंटन ने भी बताया, जिन्होंने लंदन से टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए रिपोर्ट किया था।

ANI का ट्वीट 22 नवंबर को शाम 6:47 बजे पोस्ट किया गया था। आधा घंटे बाद, समाचार एजेंसी ने मूल ट्वीट (जो इस टुकड़े को लिखने के समय ऑनलाइन था) में संशोधन करते हुए, सही सूचना के साथ एक और ट्वीट पोस्ट किया।

मीडिया रिपोर्ट का आधार बनता है एएनआई का समाचार फ्लैश

एएनआई के ग़लत समाचार फ्लैश को, जिसमें बताया गया था कि लंदन में हाईकोर्ट के फैसले के बाद माल्या लंदन स्थित अपनी हवेली गंवाने वाले हैं, कई समाचार संगठनों द्वारा स्वाभाविक रूप से ले लिया गया था। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, द एशियन एज द्वारा यही रिपोर्ट किया गया और कई दूसरे समेत द क्विंट, द बिजनेस स्टैंडर्ड और एनडीटीवी द्वारा भी दिखाया गया। इन सबने इस समाचार का श्रेय एएनआई को दिया।

दूसरी तरफ, लोकप्रिय हिंदी प्रकाशन दैनिक भास्कर ने बताया कि यूके हाईकोर्ट ने यूबीएस को माल्या के लंदन वाले घर का कब्जा लेने की इजाजत दी है, हालांकि लेख में उल्लेख किया गया है कि इसकी सुनवाई 2019 में होगी। दिव्य भास्कर जो गुजराती समाचार पत्र है और डीएनए समूह का हिस्सा है, ने अपने पहले पृष्ठ पर बताया है कि 195 करोड़ रुपये का माल्या का लंदन वाला मकान जब्त कर लिया गया है। बीटीवीआई (BTVI) ने भी प्रसारित किया कि #लंदन हाईकोर्ट ने माल्या के लंदन वाले मकान का कब्जा लेने के लिए यूबीएस के पक्ष में फैसला सुनाया है। इंडिया टीवी ने भी बताया कि अदालत ने संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि जहां इन समाचार रिपोर्टों के शीर्षकों में, जानकारी के लिए एएनआई को श्रेय देते हुए, उल्लेख किया गया है कि हाईकोर्ट ने माल्या के खिलाफ फैसला दिया है, वहीं इन रिपोर्ट की विषय-वस्तु अलग है और कहा गया है कि सुनवाई अगले वर्ष होगी और बुधवार का फैसला माल्या के संशोधित बचाव के हिस्सों को हटाने के लिए अदालत में दिए गए यूबीएस के आवेदन के संबंध में था।

एएनआई को अपनी रिपोर्ट में कई मौकों पर गलती करते हुए पकड़ा गया है। यह एक और त्रुटि थी, जो ध्यान में आने से नहीं बची।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.