“भारतीय सेना बांदीपोरा में कश्मीरियों के घरों को जला रही है, अगर आप इस उत्पीड़न के खिलाफ या उत्पीड़ित लोगो के पक्ष में अपनी आवाज नहीं उठा सकते हैं तो फेसबुक चलाना छोड़ दें।” (अनुवादित) आग से जलते हुए घरों का एक वीडियो इस संदेश के साथ पाकिस्तान में वायरल हो गया है।

फेसबुक यूजर् अब्दुल रौफ सिद्दीकी इस वीडियो को उपरोक्त संदेश के साथ पोस्ट करने वाले पहले व्यक्ति थे। उनकी इस पोस्ट को 1.34 लाख से अधिक बार शेयर किया गया है और 16 लाख से अधिक बार ये वीडियो देखा जा चूका है। वीडियो में पीड़ित लोगों की आवाज भी सुनी जा सकती है। पोस्ट में यह दावा किया गया है कि भारतीय सेना बांदीपोरा में कश्मीरियों के घरों को जला रही है।

पाकिस्तान में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसी तरह के दावों के साथ इस वीडियो को शेयर किया है। पाकिस्तान के निवासी आतिफ कहलून ने इस वीडियो के साथ एक तस्वीर को पोस्ट किया है जिसे 27,000 से अधिक बार शेयर किया गया है।

निम्नलिखित वीडियो दिखाता है कि पाकिस्तान में यह कितना वायरल है।

सच क्या है?

अब्दुल रौफ सिद्दीकी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो पर सैकड़ों कमेंट किये गए है जो इसके लिए भारतीय सेना की आलोचना भी कर रहे थे, पर उन्ही कमैंट्स के बीच हमें कुछ कमैंट्स कश्मीर के निवासियों के मिले, जिन्होंने दावा किया कि यह वीडियो नकली है। एक यूजर् ने तो कमेंट में यह भी लिखा है कि ये वीडियो बांदीपोरा का है ही नहीं बल्कि कश्मीर के उरी शहर का है।

इस कमेंट के आधार पर हमने यूट्यूब में उरी में आग की घटना (incidents of accidental fire in Uri) की खोज की। हमारी खोज में हमें एक वीडियो मिला जिसका शीर्षक था “लचिपोरा उरी में चार आवासीय घर भयंकर आग की चपेट में आ गए।” (अनुवाद) (Four residential houses were gutted in a massive fire incident at Lachipora Uri) यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो जैसा ही था, लेकिन इस वीडियो को नब्बे डिग्री घुमा दिया गया था और यह उच्च क्वालिटी (high definition) का वीडियो था।

ऑल्ट न्यूज़ ने शुरुआती जाँच परिणाम की सत्यता की पुष्टि के लिए जम्मू-कश्मीर के एक फोटो पत्रकार पीरज़ादा वसीम से संपर्क किया ताकि वह ये बता सके कि क्या वह उस वीडियो के दृश्यों से परिचित हैं या नहीं। हमने उस घटना के दृश्यों को पहचानने के लिए वह वीडियो वसीम को भेजा था। उन्होंने हमें बताया कि उन तस्वीरों को उन्होंने भी लिया था और इन्ही तस्वीरो को राइजिंग कश्मीर के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट भी किया गया था।

कश्मीर के बारामुला जिले के लचिपोरा (उरी) में मार्च 2018 में भयंकर आग ने चार घरों को नष्ट कर दिया था। सबसे पहले आग गोशाला में लगी और बाद में आसपास के घरों में फैल गई। राइजिंग कश्मीर द्वारा 27 मार्च, 2018 को प्रकाशित एक लेख में कहा गया था: “स्थानीय निवासियों ने कहा कि आग ने घरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया क्योंकि इस क्षेत्र में कोई अग्नि सेवा केंद्र नहीं है। निकटतम और एकमात्र अग्नि सेवा स्टेशन उरी शहर में है जो लचिपोरा गांव से 18 किलोमीटर दूर है।” (अनुवादित)

इस प्रकार, कश्मीर के लचिपोरा में लगी एक संयोगवश आग के वीडियो को भारतीय सेना द्वारा बांदीपोरा, कश्मीर में घरो को जलाने के रूप में दिखाया गया और पाकिस्तानी सोशल मीडिया में इसे आक्रामता से शेयर किया गया था। ऐसी खबरों का हमने एक पैटर्न देखा है जिसमें गुमराह करने वाले सोशल मीडिया अभियानों के जरिये भारतीय सेना को बदनाम करने के प्रयास किए गए हैं। पहले भी, पाकिस्तान के एसएसजी (SSG) कमांडो के एक प्रशिक्षण वीडियो को पाकिस्तानी पत्रकारों और मीडिया द्वारा, भारतीय सेना द्वारा कश्मीरियों पर अत्याचार बताके खूब शेयर किया गया था।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.