प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितम्बर, 2020 को अपना 70वां जन्मदिन मनाया. न्यूज़ एजेंसी ANI ने ठीक उसी दिन एक स्टोरी पब्लिश करते हुए दावा किया कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन में मुस्लिम समुदाय के लोग इस मौके पर इकठ्ठा हुए और उन्होंने प्रार्थना की और केक काटा. इस रिपोर्ट में एक मौलाना सुहैब कासमी के बयान थे, “प्रधानमंत्री ने पिछले 6 सालों में कभी भी धर्म, जात या वर्ण की कोई बात नहीं की है. उन्होंने बस हमारे देश के130 करोड़ लोगों के बारे में बोला है.”

निज़ामुद्दीन मरकज़ तबलीगी ज़मात का ग्लोबल हेडक्वार्टर है. अप्रैल की शुरुआत में इसके कोविड-19 हॉटस्पॉट बनने के बाद मीडिया ने लगातार इसे ख़बरों में बनाए रखा था.

ANI की ख़बर को बिज़नेस वर्ल्ड और याहू न्यूज़ ने भी पब्लिश किया.

इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है- “मरकज़ निजा़मुद्दीन के गेट पर मौलाना साहब ने मनाया मोदी का जन्म दिन.” इसके अलावा एक और वाइड ऐंगल वीडियो शेयर किया जा रहा है.

ऑल्ट न्यूज़ को अपने ऑफ़िशियल एंड्राइड ऐप पर इस वीडियो के फ़ैक्ट चेक के लिए कई रिक्वेस्ट भेजी गयीं.

फ़ैक्ट-चेक

निज़ामुद्दीन मरकज़ के बाहर मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों के पीएम मोदी के जन्मदिन मनाने का वीडियो सुहैब कासमी ने अपलोड किया था. ये वही मौलाना हैं जिन्हें ANI ने कोट किया है.

उनके फ़ेसबुक बायो में लिखा है कि वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. कासमी अयोध्या वार्ता कमिटी के भी अध्यक्ष हैं. ये कमिटी 2016 में “अयोध्या विवाद को सुलझाने के मकसद के बनाई गयी थी ताकि दोनों पक्ष के प्रतिष्ठित लोग चर्चा कर इस मुद्दे का हल निकाल सकें,” कासमी का बयान 2019 की ANI रिपोर्ट में लिखा है.

सुहैब कासमी ने एक और वीडियो ट्वीट किया था जिसमें उन्हीं लोगों का समूह पीएम मोदी के 70वें जन्मदिन पर उन्हें सम्मानित करते हुए दिख रहा है. ये वीडियो दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के बाहर बनाया गया था. गौर किया जाये कि कासमी का ट्विटर हैंडल @sahaibqasmibjp है.

इस वीडियो में दिख रहे एक शख्स ने नारंगी-हरे रंग का स्कार्फ़ पहना हुआ है. यही शख़्स वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है.

इसके अलावा काज़मी ने भाजपा ऑफ़िस में पीएम मोदी के जन्मदिन मनाये जाने का एक और वीडियो ट्वीट किया था जिसमें पार्टी के शीर्ष लोगों को टैग किया था.

ANI ने अपनी रिपोर्ट में एक अन्य व्यक्ति को कोट किया है – फ़िरोज़ भक्त अहमद, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU), हैदराबाद. रिपोर्ट में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के परपोते फ़िरोज़ अहमद के बयान का एक हिस्सा है, “मोदी जी वाकई सबका साथ सबका विकास में विश्वास रखते हैं और हमें उन्हें अपना नेता कहते हुए गर्व है. मैं आशा करता हूं कि वो पद पर अभी 10-20 साल तक बने रहें.”

भाजपा के राजनीतिक कदमों के लिए फ़िरोज़ भक्त अहमद का समर्थन किसी से छिपा नहीं है. वे लम्बे समय से अयोध्या में राम मंदिर बनाने, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लाने और जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने का समर्थन करते आये हैं. उन्होंने RSS के मुस्लिम विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की वेबसाइट पर एक आर्टिकल भी लिखा है जिसमें उन्होंने समझाने की कोशिश की है कि संघ को कैसे ऐंटी-मुस्लिम समझने की भूल हुई है.

ये पहली बार नहीं है जब ANI ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के बारे में अधूरी जानकारी के साथ स्टोरीज़ की और भाजपा के साथ उनके सम्बन्ध को छिपाया हो. पहले भी कई मौकों पर एजेंसी ने बनारस की मुस्लिम महिलाओं को हिन्दू रिवाज़ मनाते या प्रधानमंत्री की तारीफ़ करते हुए दिखाया है.

हालांकि ये महिलाएं न केवल बनारस के मुस्लिम समुदाय से आती हैं बल्कि पीएम मोदी की स्पष्ट तौर पर समर्थक भी हैं. ANI के ट्वीट में देखी गयीं इन महिलाओं ने भारतीय आवाम पार्टी (BAP) का गठन किया था और प्रधानमंत्री को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी. BAP, RSS के साथ भी मंच भी साझा कर चुकी है.

ANI ने 2018 में RSS के मुस्लिम विंग के संगठन का केक काट कर बकरीद मनाने वाला कार्यक्रम भी ‘लखनऊ के लोग’ बताकर दिखाया था.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.