सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक दावे के अनुसार, मधुबनी के धरोहर मंदिर में ‘लव जिहाद’ का विरोध करने पर 2 साधुओं की निर्ममता से हत्या कर दी गई. विश्व हिन्दू परिषद के सदस्य विजय शंकर तिवारी ने ये दावा ट्वीट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 4,500 बार रीट्वीट और 10 हज़ार बार लाइक किया जा चुका है. प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक ‘@Vinay_Dwivedii’ ने भी ये दावा ट्वीट किया है.
यति नरसिंहानंद के फ़ैन अकाउंट ‘@FansYati’ ने भी ये दावा ट्वीट किया. इसे आर्टिकल लिखे जाने तक 4 हज़ार बार लाइक किया गया है.
ट्विटर हैन्डल ‘@TheAbhishek_IND’ और ‘@OmPraka43229608′ ने भी ये दावा ट्वीट किया है. ‘@TheAbhishek_IND’ के ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 1,000 बार रीट्वीट किया जा चुका है.
ट्विटर हैन्डल ‘@TheDeepak2020’ ने ये दावा ट्वीट करते हुए लिखा, “बिहार के मधुबनी में दो साधुओं की गला काटकर हत्या कर दी गई !! खबर है कि उन्होंने मंदिर आने वाले मुस्लिम लड़कों व हिन्दू लड़कियों को घुसने से रोक दिया था !! #लवजिहाद”. और भी कई यूज़र्स ये दावा ‘#LoveJihad’ के साथ शेयर कर रहे हैं.
ट्विटर हैन्डल ‘@HinduJagrutiOrg’ और वेरीफ़ाइड फ़ेसबुक पेज ‘Hindu Adhiveshan’ ने लिखा, “ऐसी घटनाएं रोकने के लिए #हिन्दूराष्ट्र ही चाहिए”.
दक्षिणपंथी मीडिया आउटलेट ऑप इंडिया ने इस घटना के बारे में रिपोर्ट पब्लिश करते हुए दावा किया कि ये साधु ‘लव जिहाद’ का विरोध करते थे.
फ़ैक्ट-चेक
कई मीडिया आउटलेट्स ने इस घटना के बारे में रिपोर्ट शेयर की है कि मधुबनी में 21 अप्रैल को 2 साधुओं का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था. नवभारत टाइम्स ने बताया कि मरने वाले साधुओं के नाम हीरा दास (उम्र 60 वर्ष) और आनंद झा (उम्र 38 वर्ष) हैं. उनके शरीर को मधुबनी के सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के मुख्य पुजारी ने इन दोनों साधुओं की हत्या का ज़िम्मेदार दीपक चौधरी को बताया था. रिपोर्ट के मुताबिक, “मंदिर की दान पेटी के मंदिर से बाहर मिलने और उसमें से ज़्यादातर नोट गायब होने के कारण पुलिस इस मामले की जांच लूट के ऐंगल से कर रही है. पुलिस ने बताया है कि बदमाशों ने ज़्यादा पैसे ढूंढने के लिए मंदिर में तोड़फोड़ भी की थी.”
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, दीपक चौधरी बसोपट्टी गांव का रहनेवाला है. उसने साधुओं के शरीर को हत्या के बाद सूखी घास के ढेर के नीचे रख दिया था. रिपोर्ट में बताया गया है, “पुलिस को बाद में दीपक के घर से खून से सना हथियार भी मिला था”. कुछ गांव वालों का कहना था कि दीपक मानसिक रूप से विक्षिप्त है.
Two priests beheaded in Madhubani https://t.co/3OuX7jbPGc
— TOI Patna (@TOIPatna) April 21, 2021
दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद पुलिस ने दीपक को गिरफ़्तार कर लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, “एसपी को लोगों ने बताया कि घटना के बाद दीपक चौधरी वहां मौजूद था. उसकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं रहती है. हमेशा गांजा व भांग के नशे में मंदिर परिसर में मौजूद रहता था. हो सकता है उसका साधुओं के साथ किसी बात पर झगड़ा हुआ होगा और आक्रोश में उसने दोनों साधुओं की हत्या कर दी हो. घटना के बाद पुलिस ने दीपक चौधरी के घर छापेमारी भी की. जहां से खून लगा कुदाल व टेंगारी बरामद हुआ है.”
खिरहर पुलिस स्टेशन के SHO आंजेश कुमार ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “इस मामले का ‘लव जिहाद’ से जुड़ा होने का दावा गलत है. दीपक को भारतीय दंड संहिता धारा 302 और धारा 201/34 के तहत गिरफ़्तार किया गया है.”
उन्होंने बताया, “जांच के मुताबिक, आरोपी व्यक्ति नशा करता था और उसे मंदिर की दान पेटी से पैसे चाहिए थे.”
कुल मिलाकर, मधुबनी में 2 साधुओं की निर्मम हत्या की घटना सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे से शेयर की गई. कई लोगों ने इस घटना को ‘लव जिहाद’ से भी जोड़ा था. लेकिन पुलिस ने इस मामले के बारे में किये जा रहे सभी दावों को खारिज कर दिया है.
हरियाणा के करनाल में हो रही वेब सीरीज़ की शूटिंग के दृश्य को लोगों ने असली घटना बताकर शेयर किया :
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