एक अस्पताल की तस्वीरें शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये भारत का दूसरा सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर है जिसे RSS ने बनाया है. दावा है कि RSS ने इंदौर में 6 हज़ार बेड का कोविड सेंटर और 4 ऑक्सीजन प्लांट्स लगवाए हैं. हर्षवर्धन मुप्पावारापू ने ऐसा दावा करते हुए एक इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर किया. (आर्काइव लिंक) BJP समर्थक अरुण पुदुर ने भी यही दावा किया है.

BJP दिल्ली के वाइस प्रेसिडेंट रंजन तिवारी ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए RSS को टैग किया और यही दावा किया.

@MeghUpdates नाम के एक हैंडल ने भी ऐसा दावा किया जिसे 2900 से अधिक रीट्वीट्स मिले (आर्काइव लिंक). इसके अलावा @EconomistSanghi, @doctorrichabjp, @KaaliaSholay नाम के यूज़र ने भी यही दावा किया.

ऑल्ट न्यूज़ की ऑफिशियल ऐप पर इस दावे की पड़ताल की कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

ANI की 22 अप्रैल, 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में राज्य का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. 600 बेड के साथ सेंटर की शुरुआत की गयी है जिसे 6000 तक बढ़ाया जायेगा. इंदौर के राधास्वामी सत्संग भवन के ग्राउंड को मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर में बदला गया है. रिपोर्ट में मंत्री तुलसी सिलावट का बयान भी शामिल है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ़ से वो राधास्वामी सत्संग व्यास का धन्यवाद करना चाहते हैं. “पहले फ़ेज में 600 बेड का इंतजाम कराया गया है. इसमें RSS के जुड़े कार्यकर्ता भी सेवा कार्य में शामिल होंगे. इंदौर के कई उद्योगपति और व्यापारियों ने इस कोविड सेंटर के लिए दान दिया है. मैं उनका आभारी हूं.”

ऐसी ख़बर न्यूज़18, NDTV और अमर उजाला ने भी दी है. किसी भी रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि ये अस्पताल RSS ने बनाया है. न्यूज़18 की रिपोर्ट में लिखा है, “सेंटर में सेवा के लिए RSS के कार्यकर्ता भी मौजूद रहेगें जो सेवा देंगे, मरीजों का ख्याल रखेंगे, मरीजो की सुरक्षा और मॉनिटरिंग के लिए पूरे परिसर में CCTV कैमरे लगाए गये हैं.”

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, “अपने अनूठे सेवा कार्यों की वजह से देश में चर्चित राधास्वामी सत्संग ब्यास ने मध्यप्रदेश के इंदौर में दूसरा सबसे बड़ा कोविड सेंटर बनाया है. इसे मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर नाम दिया गया है. यह जनसहयोग से तैयार किया गया है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने मध्य प्रदेश की कोविड एडवाइज़री कमिटी के मेम्बर डॉ. निशांत खरे से बात की जिन्होंने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे को ग़लत बताया. उन्होंने कहा, “मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर राधा स्वामी सत्संग व्यास परिसर में बना है. इसका मास्टर प्लान 6 हज़ार बेड का है. पहले फ़ेज में 600 बेड का इंतजाम हुआ है. ऐसे करके 600-600 बढ़ते जायेंगे. 29 अप्रैल को दूसरे फ़ेज में और 600 का इंतजाम होगा. और ऐसा हर 5 दिन के अन्तराल में किया जायेगा. इसका बेस प्रशासन की व्यवस्था है. ज़िला प्रशासन ने इसकी ओनरशिप ले रखी है. इसमें मेडिकल सुविधाएं देना और स्टाफ़ का अरेंजमेंट मध्य प्रदेश प्रशासन कर रहा है. राधा स्वामी सत्संग ब्यास मेजर कॉन्ट्रीब्यूटर है. सभी लोगों का भोजन, पानी, दूध, चाय, काढ़ा हर चीज़ का ध्यान राधा स्वामी सत्संग संस्थान रख रहा है. इसके अलावा बड़ी संख्या में सामाजिक सहयोग मिला है. यानी इतना बड़ा सहयोग मिला है कि सरकार का कॉन्ट्रीब्यूशन अब 20% पर आ गया होगा. बेड, टेंट हाउस और कूलिंग वैगरह की व्यवस्था स्थानीय लोगों की भागीदारी से हुई है. बाकी की ज़रूरत के सामान भी लोगों के सहयोग से हुआ है जैसे पेशेंट किट, दिनभर के उपयोग में आने वाली वस्तुएं ये सब. 120 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर हैं जो 100% डोनेशन पर आये हैं, सरकार ने एक भी नहीं ख़रीदा है. ये पूरा काम ज़िला प्रशासन और समाज के सहयोग से बहुत खूबसूरती के साथ हो रहा है. सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा कि RSS इस सेंटर को बना के रन कर रहा है पूरी तरह से ग़लत है. सेंटर को सरकार और सामाजिक सहयोग से बनाया गया है. इसमें बार की एसोसिएशन और रियल एस्टेट एसोसिएशन ने भी पैसा दिया है. सबने उसमें कोई न कोई सामान दिया है. अगर मैं बोलूं कि किसी सिंगल एजेंसी, जिसका मेजर कंट्रीब्यूशन है, तो वो राधा स्वामी सत्संग ब्यास है. RSS और सेवा भारती के ने वहां अपने वालंटियर्स दिए हैं. 75 लोग हर दिन RSS और सेवा भारती से आते हैं. ये लोग बाहर सिक्योरिटी का काम संभालते हैं और राधा स्वामी सत्संग के जो सेवादार खाना बनाते हैं उनके सहयोग का काम करते हैं. तो संघ कॉन्ट्रीब्यूशन सिर्फ इतना है कि संघ ने अपने वालंटियर्स दिए हैं.”

यानी, इंदौर में लोगों के सहयोग से मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा कोविड सेंटर तैयार किया गया. जिसकी तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर की जाने लगी कि इसे RSS ने बनाया है.

इस दावे के साथ दो तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. पहली तस्वीर इंदौर के खंडवा रोड में स्थित राधास्वामी परिसर की ही है. इसे इंदौर कलेक्टर के ऑफ़िशियल हैंडल से 18 अप्रैल, 2021 को ट्वीट किया गया था.

दूसरी तस्वीर क़तर के एक फ़ुटबॉल ग्राउंड की है.

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