15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में चीनी सेना के साथ झड़प में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हुए. BBC ने रिपोर्ट किया कि “भारतीय सेना ने कन्फ़र्म किया है, ज़ीरो से नीचे तापमान वाले हाई एल्टीट्यूड तराई में लाइन ऑफ ड्यूटी पर आपने सामने की लड़ाई में जो 17 जवान शहीद हुए वो गंभीर रूप से घायल थे.” अगले दिन चीन ने 10 भारतीय जवानों को रिहा किया.

चीनी नागरिक होने का दावा करने वाले ईवा झेंग (@evazhengll) नाम के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें जवानों को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है. यूज़र ने दावा किया कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में एक भी मौत नहीं हुई क्योंकि चीनी जवानों को यह ट्रीटमेंट दिया गया था. उसने आगे बताया कि PLA पोस्ट के अंदर 10 भारतीय जवानों को भी हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी दी गई थी. यूज़र ने बताया कि जो 17 भारतीय जवान पूरी रात बिना ऑक्सीजन ज़ीरो डिग्री से कम तापमान में छोड़ दिए गए थे उनकी जान समय पर बचाव न करने के चलते गई.

जवानों को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी देने का ये वीडियो पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी और माइकल सफ़ी ने कोट ट्वीट किया और इशारा किया कि चीन ने हताहतों का आंकड़ा जारी किया है.

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कई अन्य यूज़र्स ने भी वीडियो शेयर करते हुए बताया कि चीन ने भारत के साथ झड़प के बाद नुकसान का आंकड़ा जारी किया है.

2017 का वीडियो

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर हमने रिवर्स इमेज सर्च किया जिसमें बताई जा रही घटना के रिज़ल्ट सामने नहीं आए. गूगल पर यही कीवर्ड सर्च करने पर हमें चाइनीज़ वीडियो शेयरिंग वेबसाइट bilibili.com पर मिला. ये 14 फरवरी 2017 को अपलोड किया गया था. वीडियो पर चीन सरकार की ब्रॉडकास्ट एजेंसी CNTV का लोगो लगा हुआ है.

पत्रकार शेखर गुप्ता ने इस वीडियो के बारे में ट्वीट किया कि “दिमाग़ से लड़ने वाले हैंडल ने गालवान वैली में PLA को कम नुकसान के झूठे दावे के साथ वीडियो शेयर किया. फरवरी के नाटकीय वीडियो में कुछ जवानों को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है और दावा किया गया है कि ये पकड़े गए भारतीय जवानों को दी गई है.” गुप्ता ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वीडियो 2017 का है.

चीन द्वारा नुकसान का आंकड़ा जारी करने का बताकर वीडियो शेयर करने वाले माइकल सफ़ी ने बाद में एक स्पष्टीकरण ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “यह चीन का ऑफ़िशियल अकाउंट नहीं बल्कि प्रोपेगैंडा अकाउंट है. फ़िगर्स भरोसे लायक नहीं हैं. लेकिन फिर भी चीन की तरफ़ से पहली बार नंबर बताए गए हैं.”

स्वाति चतुर्वेदी ने सफ़ी को कोट ट्वीट करते हुए लिखा कि वो माइकल की बातों से सहमत हैं.

यह आर्टिकल लिखे जाने तक चीन की सरकार की तरफ़ सी PLA के मृत या घायल सैनिकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. चीन का इतिहास रहा है कि उसने तनाव के समय अपने नुकसान का आंकड़ा कभी जारी नहीं किया है. ANI ने ‘सूत्रों का हवाला’ देते हुए कहा था कि चीन के 43 सैनिक घायल हुए हैं और मारे गए हैं. किसी ‘अमेरिकी ख़ुफ़िया सूत्र’ के हवाले से usnews.com नाम की वेबसाइट से उठाकर 35 मौतों का आंकड़ा भी मीडिया और सोशल मीडिया पर घूम रहा था.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.