17 अप्रैल को, ट्विटर यूज़र माया हरिराम ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से संबंधित प्रश्नों और उत्तरों की एक सूची ट्वीट की। ट्वीट्स की एक शृंखला में, यूज़र ने सुझाव दिया कि अपने पूरे राजनीतिक करियर में राजीव गांधी हर रैली में सोनिया गांधी के साथ थे, केवल एक को छोड़कर, जहां उनकी हत्या की गई थी। इस प्रकार, अपने दिवंगत पति राजीव गांधी की हत्या की साजिश में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की संभावित भागीदारी का यह सुझाव देता है।

इस शृंखला की सभी कड़ियों के संदेश निम्नलिखित हैं:

*राजीव गांधी की हत्या के बारे में 10 सवाल*
1. राजीव गांधी क्या थे जिस दिन उनकी हत्या हुई थी?
उत्तर- वे कांग्रेस के पीएम उम्मीदवार थे।

2. जिस दिन उनकी हत्या हुई उस दिन वे श्रीपेरंबुदूर में क्या कर रहे थे?
उत्तर- चुनावी रैली का नेतृत्व कर रहे थे।

प्र.3: *राजीव गांधी के साथ कितने लोग मारे गए?*
उत्तर: राजीव गांधी के अलावा हत्यारे सहित 14 लोग।

प्र.4: *मृतकों में कांग्रेस पार्टी के नेताओं में से कितने थे?*
उत्तर: शून्य।

प्र.5: *घायलों में कांग्रेस पार्टी के नेता कितने थे?*
उत्तर: शून्य।

प्र 6: क्या आपने भारतीय राजनीति के इतिहास में कभी कोई चुनावी रैली देखी है जिसमें कांग्रेस पीएम उम्मीदवार या कोई कांग्रेस उम्मीदवार इर्द-गिर्द में बिना नेताओं/पार्टी चमचों के, जनता से बातचीत कर रहा हो?*
उत्तर : नहीं।

प्र.7: क्या राजीव गांधी के हत्यारे द्वारा पहने गए बेल्ट बम से 5 फीट से अधिक दूरी से किसी को मारना संभव है?
उत्तर : नहीं !

प्र.8: *क्या प्रश्न 7 के उत्तर से पता चलता है कि हत्यारे को पता था कि उसे राजीव गांधी के 5 फीट से और पास होने का अवसर मिलेगा और इसलिए उसने हत्या के इस तरीके की योजना बनाई?*
उत्तर: हाँ।

प्र.9: *राजीव गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में कितनी रैलियों में भाग लिया है?*
उत्तर: 181.

प्र. 10: *सोनिया गांधी ने कितनी रैलियों में राजीव गांधी के साथ भाग लिया?*

उत्तर: 181 में से 180 में। वह अंतिम रैली में भाग लेने में असमर्थ थीं। -(अनुवाद)

इसे कई लोग फेसबुक पर शेयर कर रहे हैं, जिससे यह संदेश सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।

तथ्य-जांच

इस लेख में हम प्रत्येक प्रश्न के उत्तर की जांच करेंगे और उसी अनुरूप तथ्यों को रखेंगे।

1 और 2. 1 और 2 सवालों के जवाब सही हैं। जैसा कि दावा किया गया है, राजीव गांधी 1991 में श्रीपेरुम्बुदूर, तमिलनाडु में एक चुनावी रैली का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे, जहाँ एक आत्मघाती हमलावर द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।

3. हां, दावे के अनुसार, आत्मघाती हमले में चौदह लोगों की मौत हो गई, जिसमें राजीव गांधी की भी मौत हुई।

4. यह उत्तर झूठा दावा करता है कि आत्मघाती हमले में गांधी को छोड़कर कोई भी कांग्रेसी नेता नहीं मारा गया था। हमले में मरने वाले 14 लोगों की सूची में कम से कम तीन कांग्रेस सदस्य शामिल हैं। दक्षिण चेन्नई महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं संथानी बेगम की भी हमले में मौत हो गई थी। एक अन्य कांग्रेसी ‘लीग’ पी मुनुसामी, जो कि तमिलनाडु विधान परिषद के तत्कालीन सदस्य थे, हमले में मरने वालों में से थे। एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता, लता कन्नन पीड़ितों में से एक थीं, जिन्होंने भी अपनी जान गंवाई। हमले से पहले के क्षणों में क्लिक किए गए, एक तस्वीर में (नीचे पोस्ट किया गया), संथानी बेगम को राजीव गांधी के साथ खड़े देखा गया था।

Source: The New Indian Express

5. वायरल पोस्ट के इस प्रश्नोत्तर में दावा किया गया है कि कोई भी कांग्रेसी नेता घायल भी नहीं हुआ; हमले में राजीव गांधी अकेले मारे गए। पिछले दावे की तरह, यह दावा भी गलत है। यह सुझाव देना अजीब है कि कांग्रेस पार्टी की चुनावी रैली के दौरान घायल हुए 43 लोगों में से कोई भी पार्टी से नहीं जुड़ा था। उम्मीदवार मरददम चंद्रशेखर, जिनके लिए राजीव गांधी चुनाव प्रचार कर रहे थे, घायल हो गए थे। जैसा कि ऊपर कहा गया है, कांग्रेस पार्टी से जुड़े कम से कम तीन लोग मारे गए थे।

6. छठे प्रश्नोत्तर में, दावा किया जा रहा है कि किसी राजनीतिक नेता का सार्वजनिक रूप से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं या पार्टी के सदस्यों से घिरा नहीं होना असंभव है। हालांकि इस प्रश्न का उत्तर सही है, मगर, इस प्रश्न में, सभी प्रश्नों के संदर्भ में देखते हुए, यह सुझाव देने का प्रयास किया गया है कि रैली में कोई कांग्रेस नेता मौजूद नहीं था। सुझाया गया यह दावा झूठा है। जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है, एक महिला कांग्रेस अध्यक्ष हत्या से ठीक पहले गांधी के सामने खड़ी थी, जबकि दावे में कहा गया था कि कोई भी कांग्रेसी नेता उनके आसपास मौजूद नहीं था।

 

7 और 8. इन सवालों में यह सुझाया गया है कि अपराधी गांधी के इतना करीब कैसे जा सकीं, अगर वह उनकी हत्या करने की नियोजित साज़िश नहीं थी। ऊपर पोस्ट की गई उसी तस्वीर से जुड़े कैप्शन के अनुसार, चमेली के फूल लगाए वह लड़की, धानू, आत्मघाती बेल्ट बॉम्बर थी जिसने राजीव गांधी को विस्फोट में मार डाला। गांधी और धानु के बीच की दूरी 5 मीटर से कम है, जो उपरोक्त तस्वीर में बहुत स्पष्ट दिखाई देता है। इसलिए यह दावा कि आत्मघाती हमलावर गांधी के बेहद करीब खड़ी थी और यह सुझाव कि वह हमला हत्या की सुनियोजित साज़िश थी, यह सही भी हो सकता है। हालांकि, राजनीतिक नेताओं और नागरिकों या पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पहले से तय किए बिना कोई चर्चा होना भी भारत में असामान्य नहीं है। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए वीडियो में, 0:25वें मिनट में, आप एक व्यक्ति को गांधी तक पहुंचते और उनके पैरों को छूते हुए देख सकते हैं।

9 और 10. अंतिम दो प्रश्नोत्तर में यह बताकर — कि सोनिया गांधी, राजीव गांधी के साथ 181 रैलियों, जिन्हें राजीव ने संबोधित किया था, में से प्रत्येक में देखी गई थीं। इसमें केवल एक को छोड़कर जिसमें राजीव गांधी की हत्या की गई थी — सोनिया गांधी को उलझाने का प्रयास किया गया है। राजीव गांधी द्वारा संबोधित रैलियों की कुल संख्या की पुष्टि करने का कोई स्रोत नहीं है। हालाँकि यह दावा, कि सोनिया गांधी सिर्फ इस विशेष रैली में शामिल होने से चूक गईं, झूठा है।

जिस रैली में गांधी की हत्या की गई, वह तीसरी रैली थी जिसे राजीव गांधी संबोधित करने वाले थे। सोनिया गांधी उस दिन दिल्ली में होने के कारण उनकी किसी भी रैली में शामिल नहीं हुई थीं। यह तथ्य अकेले इस सिद्धांत को खारिज करता है, कि सोनिया गांधी अंतिम रैली को छोड़कर बाकी सब रैलियों में शामिल हुई थीं।

ऑल्ट न्यूज़ ने राजीव गांधी के राजनीतिक करियर के दौरान उनकी रैलियों के कई वीडियो का विश्लेषण किया और कई वीडियो पाए जिनमें सोनिया गांधी उनके साथ नहीं थीं।

नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में, राजीव गांधी एक रैली में मंच की ओर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां वह कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना के लिए प्रचार कर रहे हैं। वीडियो में 0:51वें मिनट पर, कोई भी यह स्पष्ट रूप से यह समझ सकता है कि सोनिया गांधी इस रैली में मौजूद नहीं थीं।

इस वीडियो (नीचे) में 5:35वें मिनट पर देखा जा सकता है कि राजीव गांधी लोगों के बीच एक और रैली में हैं जहां सोनिया गांधी मौजूद नहीं थी।

इसलिए, यह दावा कि राजीव गांधी की अंतिम रैली ऐसी अकेली रैली थी जिसमें सोनिया गांधी शामिल नहीं हुईं, किसी भी प्रकार से सही नहीं है।

निष्कर्षतः, वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए दावे जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साज़िश में सोनिया गांधी के हाथ का सुझाव देने का प्रयास करते हैं, झूठे हैं। इस दावे की जड़ यह थी कि राजीव गांधी को मारने वाले धमाके के समय कोई भी कांग्रेसी नेता उनके साथ नहीं था/घायल/मृत नहीं हुआ और सोनिया गांधी, राजीव गांधी के साथ हर रैली में रहीं, केवल अंतिम एक को छोड़कर, जिसमें उनकी हत्या की गई थी। दोनों ही दावों को साफ तौर पर गलत पाया गया है। यह सारी प्रासंगिक जानकारी खोजने के लिए सामान्य गूगल खोज पर्याप्त है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.