याद है JNU का नजीब? ABVP, हिन्दुओं और मोदी पर लगाया गया था इसे गायब करने का आरोप। इसने अपनी अम्मी को टेलीग्राम पर भेजा है संदेश। “अम्मी मैंने ISIS ज्वाइन कर ली, इंसाल्लाह अब अल्लाह के लिए जिहाद करूँगा।” यह मेसेज फर्जी होने के बावजूद सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर फैलाया जा रहा है। एक फेसबुक पेज ‘चीत्कार। मेरी आवाज सुनो। आवाज भारत की’ जिसके 250,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, इस पेज ने यह पोस्ट किया है जिसे लगभग 5000 बार शेयर किया गया है।

#अम्मी_मैंने_ISIS_जॉइन_कर_ली, अब अल्लाह के लिए करूंगा जिहाद", JNU का नजीब बना आतंकी

आपको JNU का छात्र नजीब याद है ? व…

Posted by चीत्कार। मेरी आवाज सुनो। आवाज भारत की on Sunday, 25 February 2018

और भी कई ऐसे फेसबुक पेज हैं जिसने नजीब अहमद के बारे में गलत जानकारी फैलाई। एक और फेसबुक पेज ‘स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न’ जिसके 260000 से भी अधिक फॉलोअर्स हैं, इसने भी इस मेसेज को यह कहते हुए साझा किया, “पहचाना इसे? अरे अपना नजीब। JNU वाला नजीब…आज़ादी गैंग वाला नजीब !!वामी कामी गिरोह का दुलारा नजीब …JNU से डाइरेक्ट प्लेसमेंट हुआ है ISIS में !!सीरिया से राहुल जी और केजरी सर जी को सलाम भेजा है!!”

पहचाना इसे ??
अरे अपना नजीब…JNU वाला नजीब…आज़ादी गैंग वाला नजीब !!
वामी कामी गिरोह का दुलारा नजीब …JNU से डाइरेक्ट प्लेसमेंट हुआ है ISIS में !!

सीरिया से राहुल जी और केजरी सर जी को सलाम भेजा है!!

Posted by स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न on Monday, 26 February 2018

एक और ‘नरेन्द्र मोदी नमो नमो’ नामक फेसबुक पेज जिसके 110000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। इस पेज ने अपने पोस्ट में पत्रकार रविश कुमार को निशाना बनाते हुए सवाल किया कि नजीब के ISIS में शामिल होने पर वो कुछ नहीं बोल रहे हैं।

100 बार बताया कि JNU छात्र नजीब गायब हो गया मगर एक बार नहीं बताया कि वो भागकर " Islamic State" में आतंकी बन गया। क्यों रवीश जी? डर लगता होगा न?

Posted by Narendra Modi Namo Namo on Monday, 26 February 2018

कुछ पोस्ट के उदाहरण जो हमने दिए हैं, वो सिर्फ झलक है यह दिखाने के लिए कि सोशल मीडिया पर क्या फैलाया जा रहा है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस तरह की जानकारी बड़ी संख्या में फेसबुक पेज और ग्रुप में साझा की जा रही है।

27 फरवरी को ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे सोशल मीडिया पर कुछ वर्गों द्वारा नजीब अहमद जो 2016 में JNU से गायब हो गया था, उसके ISIS में शामिल होने की खबर फैलाई जा रही थी।

यह खबर सिर्फ एक अफवाह थी, ISIS में शामिल होने वाला नजीब वीआईटी वेल्लोर में ऍमटेक का छात्र था जिसकी उम्र 23 साल थी और वह केरल से अगस्त 2017 में गायब हुआ था। इससे यह स्पस्ट है कि ये दोनों ही खबर हाल के नहीं हैं। जबकि इस नजीब को जानबूझकर या अनजाने में JNU का नजीब अहमद बताकर इस गलत खबर को फैलाया गया।

सत्तारूढ़ पार्टी के कई सदस्यों ने इस नकली खबर को अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा कर इस अफवाह पर भरोसा जताया। इनमें भाजपा के वरिष्ठ राष्टीय महासचिव राम माधव, राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता, भाजपा प्रवक्ता नलिन एस कोहली शामिल थे जिन्होंने जसवंत सिंह के ट्वीट को रिट्वीट किया। जसवंत सिंह का यह गलत जानकारी देने वाला ट्वीट अभी तक डिलीट नहीं किया गया है और इसे 3000 से अधिक बार शेयर किया जा चूका है।

हालांकि, उन्होंने बाद में अनट्वीट कर लिया लेकिन तबतक नुकसान हो चूका था क्यूंकि सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार के इन वरिष्ठ सदस्यों ने बिना किसी सत्यापन के इस अफवाह को ट्वीट कर वैधता प्रदान की थी। इस प्रक्रिया में एक लापता व्यक्ति को बदनाम किया गया।

मुख्यधारा की मीडिया ने भी इस अफवाह को दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जो एक जैसे नाम होने की वजह से फ़ैल रहा है। नजीब अहमद खुद के बारे में फ़ैल रहे इस अफवाह के बारे में कुछ भी कहने के लिए मौजूद नहीं है। जो खुद आवाज नहीं उठा सकते, मीडिया उनकी आवाज बनने के लिए जानी जाती है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस को छोड़कर किसी ने इस अफवाह के बारे में पहल नहीं की। जिस तरह यह बताए जाने के बावजूद कि यह फर्जी खबर है, अभी भी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म से इसे साझा किया जा रहा है, यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहों को रोकना कितना मुश्किल है।

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