“सिखों ने कभी आरक्षण नहीं माँगा, देश का विकास काम करने से होता है न कि आरक्षण से।” यह मेसेज एक जले हुए ट्रक के सामने सिख व्यक्ति की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा है। 3 अप्रैल 2018 को यह फोटो ‘अगले २० साल तक मोदी’ नामक फेसबुक पेज से पोस्ट किया गया जिस पेज के 6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। इस तस्वीर के साथ यह कहा जा रहा है “महान आंबेडकर का नाम लेकर किस तरह की यह गुंडागर्दी। जाओ पहले आंबेडकर को पढ़ो।”
महान आंबेडकर का नाम लेकर किस तरह की यह गुंडागर्दी। जाओ पहले आंबेडकर को पढ़ो।
Posted by अगले २० साल तक मोदी. on Monday, 2 April 2018
इस तस्वीर को पोस्ट किए जाने का समय देखिये। 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी (अत्याचार रोधी) अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर किए जाने के विरोध में दलित संगठनों के द्वारा 2 अप्रैल को भारत बंद के ठीक एक दिन बाद इसे पोस्ट किया गया। अगले २० साल तक मोदी नामक फेसबुक पेज के इस पोस्ट को 2700 से अधिक बार शेयर किया गया है। इसी पोस्ट को We Support Narendra Modi नामक फेसबुक ग्रुप में भी शेयर किया गया है इस ग्रुप में 26 लाख से अधिक सदस्य है।
क्या यह घटना 2 अप्रैल को भारत बंद प्रदर्शन के दौरान हुई थी?
यह तस्वीर फरवरी 2016 की है जब हरियाणा में जाट समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस विशेष तस्वीर को इंडियन एक्सप्रेस के 25 फरवरी के लेख में देखा जा सकता है।
इसी मेसेज वाले तस्वीर को हाल ही में 10 मार्च, 2018 को फेसबुक पेज नेशन फर्स्ट द्वारा पोस्ट किया गया था, जिसे 167,000 से अधिक बार शेयर किया गया है।
आरक्षण एक विवादास्पद मुद्दा है जिसपर अक्सर सोशल मीडिया पर बहस होती रहती है लेकिन नकली तस्वीर के साथ इस विवाद को बढ़ाने का कार्य सही नहीं है। साफ़ तौर पर इस तस्वीर का 2 अप्रैल को हुए भारत बंद से कोई लेना-देना नहीं है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.