“ये उत्तर प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी ने, अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108,102 एम्बूलेंस खड़ी जंग खा रही है और जनता अपने बीमार परिजनों को ठेलो पर अस्पताल ले जा रही है॥ #वाह_योगी_जी_वाह# #बेशरमी_की_भी_हद_होती_है# रजत यादव”
यह संदेश कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक ही जगह पड़े ढेर सारे उपयोग न होने वाले एम्बुलेंस की तस्वीर के साथ अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया है। सिंह के इस ट्वीट को 600 बार से अधिक रीट्वीट किया गया है।
ये उत्तर प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी ने, अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108,102 एम्बूलेंस खड़ी जंग खा रही है और जनता अपने बीमार परिजनों को ठेलो पर अस्पताल ले जा रही है॥
#वाह_योगी_जी_वाह#
#बेशरमी_की_भी_हद_होती_है#रजत यादव pic.twitter.com/zWJr8CugHY
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 3, 2018
फेसबुक पर भी एक पेज I am with Ravish Kumar ने इसे पोस्ट किया है जिसे 34000 से ज्यादा बार शेयर किया गया है। इस पेज के 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
ये मेरे प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108,102 एम्बूलेंस खड़ी जंग खा रही है जनता ठेलों पर मरीज ले जा रही है।
Posted by I am with Ravish Kumar on Tuesday, 2 October 2018
उत्तर प्रदेश की तस्वीर नहीं
दिग्विजय सिंह का दावा गलत है, यह तस्वीर यूपी की नहीं है। यह आंध्र प्रदेश की है। 22 सितंबर को तेलुगु समाचार चैनल साक्षी टीवी ने रिपोर्ट की थी कि विजयवाड़ा के पास अवुतुपल्ली में ये एम्बुलेंस अप्रयुक्त पड़े थे।
समाचार रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंधित एजेंसी की रखरखाव की कमी से ये एम्बुलेंस निष्क्रिय हैं। ऑल्ट न्यूज ने साक्षी टीवी के संवाददाता राजा रमेश से बात की, जिन्होंने विजयवाड़ा से रिपोर्ट की थी। उन्होंने बताया- “फोटो में देखे गए एम्बुलेंस, पुराने 108 एम्बुलेंस हैं, जिनका उपयोग नहीं किया गया, क्योंकि रखरखाव और सेवा के लिए कार्यरत एजेंसी बीबीजी (BVG) को मांगी गई धनराशि आवंटित नहीं हुई है।”
अगर कोई दिग्विजय सिंह द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर को बारीकी से देखे तो देखा जा सकता है कि एम्बुलेंस आंध्रप्रदेश की हैं। एम्बुलेंस पर हरे रंग की पट्टी पर लिखा ‘Government of Andhra Pradesh’ (गवर्नमेंट ऑफ आंध्र प्रदेश/आंध्र प्रदेश सरकार) पढ़ा जा सकता है। हालांकि, यह तस्वीर थोड़ी धुंधली है। साक्षी टीवी की वेबसाइट पर पोस्ट की गई तस्वीर स्पष्ट है और उसमें शब्दों को आसानी से पढ़ा जा सकता है।
सोशल मीडिया में राजनीतिक प्रचार अनियंत्रित, उग्र और अक्सर ही सच्चाई से परे होते हैं। इस तस्वीर पर एक नज़र डालने से ही पता चल जाता है कि सोशल मीडिया में प्रसारित दावा गलत है। भाजपा को आड़े हाथ लेने का आनंद उठाने वाले दिग्विजय सिंह इस उदाहरण में खुद ही सवालों से घिर गए जिनकी उन्हें उम्मीद भी न होगी।
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