2 अक्टूबर को कई राज्यों के किसानों को सुरक्षा कर्मियों ने जब राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोका तो पुलिस और किसानों के बीच हिंसक संघर्ष हो गया। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के बैनर तले आंदोलनकारी इन किसानों की रैली को दिल्ली-यूपी सीमा पर आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों से रोका गया। इस घटनाक्रम के शोरगुल के बीच, एक किसान पर बंदूक ताने पुलिसकर्मी की तस्वीर कई प्रमुख सोशल मीडिया यूजर ने शेयर की।

आंदोलनकारी किसानों और पत्थरबाजी करने वाले कश्मीरियों के बीच समानता दिखलाने वाले सीपीआई (एमएल) की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन के उपरोक्त ट्वीट को 3500 बार से अधिक रीट्वीट और 8000 बार से अधिक लाइक किया गया। बाद में कृष्णन ने इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया। इसे रिट्वीट करने वालों में से एक ट्विटर अकाउंट @zoo_bear था।

इस तस्वीर को हाल के किसान आंदोलन के दौरान लिया गया बताकर फेसबुक पर भी खूब शेयर किया गया।

Posted by I am With Barkha Dutt on Tuesday, 2 October 2018

2013 की पुरानी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने तस्वीर की गूगल रिवर्स इमेज खोज से पाया कि यह तस्वीर हाल के आंदोलन की नहीं है। इसे 2013 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में लिया गया था। 30 सितंबर, 2013 को द पायनियर (The Pioneer) में एक लेख के साथ यह तस्वीर थी। इस तस्वीर को उसी दिन, पीटीआई (PTI) को श्रेय देते हुए, इंडियन एक्सप्रेस और द हिन्दू द्वारा भी प्रकाशित किया गया था।

2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी भाजपा नेता संगीत सोम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के बाद आईपीसी की धारा 144 (गैरकानूनी रूप से जमा होने की मनाही) लगाने के बाद वहां के स्थानीय लोग इसका उलंघन करते हुए पुलिस से भीड़ गए थे। तस्वीर तब ली गई थी जब पुलिस ने ग्रामीणों को महापंचायत के लिए जमा होने से रोकने की कोशिश की थी। सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका में प्रशासन ने लोगों के इकट्ठा होने को प्रतिबंधित कर रखा था।

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासनिक बेपरवाही और मनमानी दिखलाने के लिए 2013 की असंबद्ध तस्वीर का उपयोग किया गया। हालांकि पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच हुए हिंसक टकराव में कोई संदेह नहीं है, फिर भी, किसी अन्य घटना की पुरानी तस्वीर शेयर करने से न केवल सोशल मीडिया यूजर गुमराह हुए, बल्कि इससे शेयर करने वालों का पूर्वाग्रह भी उजागर हुआ।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.