(Tch, tch, tch…disaster) “च…च…च…डिजास्टर”, दूरदर्शन द्वारा 15 अगस्त को किए गए जीवंत प्रसारण (लाइव ब्रॉडकास्ट) में ये शब्द सुनाई दिए। भारत के 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा मुख्यालय में आयोजित ध्वजारोहण समारोह, योजना के अनुसार ठीक-ठाक नहीं गुजरा। जैसे ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रस्सी खींची, राष्ट्रीय ध्वज जमीन पर आ गिरा। हालांकि शाह ने अंततः ध्वज फहरा दिया, लेकिन शर्मिंदगी वाली इस घटना का दूरदर्शन ने न केवल जीवंत प्रसारण (live telecast) किया, बल्कि इससे संबंधित ट्वीट भी कर दिया। यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और अमित शाह और भाजपा का मजाक उड़ाते हुए विपक्षी दलों द्वारा इसे खूब शेयर भी किया गया। भाजपा के आलोचकों के लिए, यह शर्मनाक गड़बड़ी उस पार्टी के अध्यक्ष के हाथों होना, जो पार्टी खुद को राष्ट्रवादी कहती है, और जिसके समर्थक सोशल मीडिया पर राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान के असली व काल्पनिक अपमान को लेकर चिंतित रहने में अक्सर समय गुजारते हैं।

यह अजीब दुर्घटना किसी के भी साथ हो सकती है, लेकिन दिलचस्प तो यह है कि घटना के वीडियो क्लिप के साथ इससे संबंधित दूरदर्शन के ट्वीट गायब हो गए। जी हाँ, भारत के सार्वजनिक प्रसारक, दूरदर्शन ने अमित शाह की राष्ट्रध्वज संबन्धी गलती को छुपाने का फैसला किया और इस बारे में अपने द्वारा जारी किए दो ट्वीट हटा दिए।

हटाए गए ट्वीट में इस घटना के वीडियो के साथ यह टेक्स्ट था- “बीजेपी के अध्यक्ष @AmitShah ने दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय में राष्ट्र ध्वज फहराया।” प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश, और सीईओ शशि शेखर को ट्वीट पर टैग किया गया था।

दूरदर्शन के हटाए गए ट्वीट को कई लोगों द्वारा कोट करके रिट्वीट किया गया था। उद्धरण अभी भी मौजूद है, लेकिन ट्वीट हट गया है। नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

हटाए गए ट्वीट्स के यूआरएल हैं:

https://twitter.com/DDNewsLive/status/1029591249815318528

https://twitter.com/DDNewsLive/status/1029594032375296000

झंडा फहराने को भाजपा द्वारा भी लाइव ट्वीट किया गया था। यह जानना दिलचस्प है कि भाजपा ने यह ट्वीट हटाना जरूरी नहीं समझा, लेकिन दूरदर्शन ने खुद से सेंसरशिप जरूरी मान ली।

यह पहली बार नहीं है कि किसी भारतीय मीडिया हाउस ने भाजपा नेता के गलत कदम को छुपाने की कोशिश की हो। हाल ही में, जब प्रधानमंत्री मोदी ने गलती से दावा कर दिया कि 600 करोड़ मतदाताओं ने भाजपा के लिए मतदान किया था, तो एएनआई, इकोनॉमिक टाइम्स और आज तक सहित कई मीडिया हाउस ने इस बारे में अपने ट्वीट हटा दिए थे।

दूरदर्शन को जानना चाहिए कि किसी ट्वीट को हटाने से वह सोशल मीडिया से हट नहीं जाएगा। दूरदर्शन द्वारा बरती गई इस आत्म-सेंसरशिप से सवाल उठता है कि एक सार्वजनिक प्रसारक ने लोगों की याद से भाजपा अध्यक्ष के शर्मनाक क्षण को मिटाने की जरूरत क्यों महसूस की। दूरदर्शन द्वारा किया गया यह एक फिजूल प्रयास था क्योंकि यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो चूका था।

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