मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाथरस मामले में मृतका के शव को 29-30 सितम्बर की दरम्यानी रात ही पुलिस ने जला दिया. परिवारवाले अपने रीति-रिवाज़ों के साथ अपनी बच्ची का अंतिम संस्कार करना चाहते थे लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें उनके ही घर में बंद कर दिया गया था.

इस मामले में न्यूज़ रिपोर्ट्स और ख़बरों के साथ-साथ कई गलत सूचनाएं सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. हाल ही में फ़ेसबुक यूज़र नीरज कुमार धनवाल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि वो लैपटॉप पर पीड़िता के शव को जलाये जाने का प्रकरण देख रहे हैं. साथ में लिखा, “इसके लिए 2-2 शब्द जरूर बोलो.” इस पोस्ट को 8,400 से ज़्यादा बार शेयर किया गया.

इसके लिए 2-2 शब्द जरूर बोलो
.. #jasticeformanisha

Posted by Neeraj Kr Dhanwal on Wednesday, September 30, 2020

एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र लोकेश कुमार ने यही तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “हाथरस गैंग रेप पिड़िता को युपी की जल्लाद पुलिस वालों ने कैसे जलाया उसकी लाइव वीडियो देखता हुआ एक नाकारा मुख्यमंत्री.” इस पोस्ट को भी 400 से ज़्यादा लोगों ने शेयर किया.
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर काफ़ी वायरल है और एक ही जैसा दावा किया जा रहा है. जय भीम चैनल नाम से एक यूज़र ने भी एक वीडियो में ये तस्वीर दिखाते हुए यही दावा किया.

 

हाथरस गैंग रेप पिड़िता को युपी की जल्लाद पुलिस वालों ने कैसे जलाया उसकी लाइव वीडियो देखता हुआ एक नाकारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.. शर्म आनी चाहिए ऐसे मुख्यमंत्री को अगर इनकी खुद की बेटी होती क्या तब भी ऐसे लाइव देखते जह बेटी एक गरीब आदमी की है दलित समाज की है इसलिए लाइव देखा जा रहा है यूपी पुलिस खुद कर रही है मनीषा का रात को जबरदस्ती अंतिम संस्कार मनीषा के हत्यारों को क्या ऐसी सरकार फांसी की सजा देगी देना होगा जवाब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब क्यों चुप्पी बनाए बैठे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार अब आए लाइव और दे मनीषा को इंसाफ अब कहां गया वो नाहरा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जय भीम चैनल से ब्यूरो चीफ सुनील कुमार की रिपोर्ट

Posted by Jai Bhim Channel on Thursday, October 1, 2020

फ़ेसबुक के साथ-साथ ट्विटर पर भी योगी आदित्यनाथ की ये तस्वीर शेयर की जा रही है.

फ़ैक्ट-चेक

इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करते ही पता चल जाता है कि शेयर की जा रही तस्वीर एडिट की गयी है.

ओरिजिनल तस्वीर ANI ने 30 सितम्बर को खींची थी. उस वक़्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़िता के पिता से वीडियो कॉल पर थे. उसमें भी पीड़िता के पिता की तस्वीर को गोपनीय रखते हुए ब्लर कर दिया गया था. ANI ने ट्वीट कर बताया था कि मुख्यमंत्री ने बात करने के साथ ही परिवार को 25 लाख मुआवज़ा और एक सदस्य को नौकरी देने की भी बात कही.

 

ओरिजिनल तस्वीर को हिंदुस्तान टाइम्स और इंडिया टुडे समेत कई आउटलेट्स ने अपनी रिपोर्ट्स में जगह दी थी.

इंडिया टुडे की पत्रकार तनुश्री पाण्डे ने मृतका को जलाये जाने की लाइव तस्वीरें कैप्चर की थीं. इसी को क्रॉप करके योगी आदित्यनाथ की इस तस्वीर में जोड़ा गया है.

नीचे दोनों, वायरल तस्वीर और ANI की तस्वीर, की तुलना की गयी है. साफ़ देखा जा सकता है कि असली तस्वीर में दिख रहे लैपटॉप पर शव जलाये जाने की तस्वीर को एडिट करके डाला गया है.

इससे पहले BoomLive, द क्विंट और इंडिया टुडे समेत कुछ अन्य आउटलेट्स भी इसका फ़ैक्ट चेक कर चुके हैं.

यानी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जो तस्वीर ये बताकर वायरल हो रही है कि उन्होंने मृतका को जलाये जाने का प्रकरण देखा, वो तस्वीर साफ़ तौर से एडिट की गयी है.

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