भाजपा नेता नितिन गडकरी बीते कुछ दिनों से चर्चाओं में हैं. दरअसल, उन्हें भाजपा ने संसदीय बोर्ड और केन्द्रीय चुनाव समिति से हटा दिया है. इस दौरान, नितिन गडकरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. 39 सेकंड के इस वीडियो में नितिन गडकरी कहते हैं, “खड़े रहो, नहीं रहा तो फ़र्क नहीं पड़ता. मेरा गया तो गया पद, चिंता नहीं है. मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, मैं राजनीतिक पेशावर नहीं हूं, जो होगा सो देखा जाएगा. कि मैं भी बहुत सामान्य व्यक्ति हूं और आज भी मैं फ़ुटपाथ पर खानेवाला, थर्ड क्लास में पिक्चर देखनेवाला और नाटक पीछे से देखनेवाले लोगों में से बड़ा हुआ हूं. तो मुझे वो जीवन बड़ा अच्छा लगता है, जेड प्लस सेक्योरिटी गार्ड अरचनें आती है तो मैं सबको रात में छोड़ने के बाद फिर निकल जाता हूं फ़ुटपाथ पर. क्योंकि वहां अक्सर मुझे मेरी औकात…”

आप नेता संजय सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा में बहुत गड़बड़ चल रही है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने ये वीडियो शेयर किया और कहा कि सामान्य सहज जनों को भी BJP ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.

दिल्ली यूथ कांग्रेस के सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर गौरव चावला सहित कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर किया है. (लिंक 1, लिंक 2)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने नितिन गडकरी के इस वीडियो का सच जानने के लिए यूट्यूब पर संबंधित की-वर्ड्स सर्च किया. हमें नितिन गडकरी के यूट्यूब चैनल पर 23 अगस्त का एक वीडियो मिला. इसमें उन्होंने वहीं कपड़े पहने हैं जो वायरल वीडियो में दिखता है. हमने ये पूरा वीडियो देखा. डॉ. ज्ञानेश्वर एम. मुलय की किताब ‘नौकरस्याही के रंग’ के उद्घाटन समारोह के दौरान नितिन गडकरी ने ये भाषण दिया था. मालूम चला कि उनके भाषण के दो अलग-अलग हिस्से को क्लिप कर एक साथ ग़लत संदर्भ में ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.

पहला हिस्सा 7 मिनट 41 सेकंड के बाद से शुरू होता है. नितिन गडकरी 1996-97 का एक किस्सा सुनाते हैं जब वो महाराष्ट्र में मंत्री थे. वो कहते हैं कि अमरावती ज़िले की मेड़घाट तहसील में 2500 बच्चे कुपोषण से मर गए. इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी हाहाकार मचा था. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने इसे लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि मेड़घाट में 450 गांव हैं पर एक भी गांव में सड़क नहीं है. तो क्या किया जाए.

गडकरी कहते हैं कि उस गांव में एनवायरनमेंट एक्ट के नियम की वजह से सड़क नहीं बन पा रही थी. इसी वजह से वहां बिजली नहीं थी, फसलों की उपज मार्केट तक नहीं जा पाती थी और बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते थे. ये सब देखते हुए गडकरी ने खुद निर्णय लेते हुए कहा, “फिर मेरे से रहा नहीं गया. तो मैंने कहा सर ये तुम्हारे बस का काम नहीं है. ये ऐसे काम में मैं बहुत माहिर हूं. तो एक काम करो ये मेरे उपर छोड़ दो. मुझे कोई चिंता नहीं क्या परिणाम होते हैं. और मैं ये काम करूंगा. आपको संभव हुआ तो मेरे पीछे खड़े रहो, नहीं रहा तो फ़र्क नहीं पड़ता. गया तो गया पद चिंता नहीं…”

यानी, नितिन गडकरी पद को लेकर जो बात कह रहे हैं कि वो असल में उनके पुराने अनुभव की कहानी है.

वायरल वीडियो का दूसरा हिस्सा आप 19 मिनट 13 सेकंड के बाद से सुन सकते हैं. इस हिस्से में गडकरी कहते हैं कि वो फुटपाथ पर खाने वाले, थर्ड क्लास में पिक्चर देखने वाले सामान्य व्यक्ति हैं. नितिन गडकरी ने खुद के सामान्य परिवार से आने वाली बात किताब के महत्व के बारे में बात करते हुए कही थी.

नितिन गडकरी ने 25 अगस्त को एक ट्वीट में क्लिप वीडियो की सच्चाई बताई है.

कुल मिलाकर, नितिन गडकरी के भाषण के अलग-अलग हिस्से एक-साथ जोड़कर इस तरह पेश किया गया मानो उन्होंने बीजेपी के संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर ये बातें कही हो.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.