सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति लोगों के हाथ में बंधे हुए धागे काट रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये व्यक्ति समाजवादी पार्टी के नेता शिव शंकर यादव हैं और वो हिंदुओं को मंदिर जाने से रोक रहे हैं. ये वीडियो ऐसे समय में शेयर किया जा रहा है जब सभी राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है.
ट्विटर यूज़र उमा शंकर राघव ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)
समाजवादी पार्टी के शिव शंकर यादव ने हिन्दुओं का कलावा काटा और कभी मंदिर ना जाने की कस्म भी दिलाई। ऐसे ही अधर्मी गद्दार लोगों की वजह से मुसलमान कौम सर उठाती है। pic.twitter.com/BTmS9SRJcu
— 🚩🇮🇳उमा शंकर राघव 🇮🇳🚩8k (@UmaShankar2054) July 31, 2021
‘रवींद्र भारतीय’ नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि समाजवादी पार्टी के शिव शंकर यादव ने हिंदुओं का कलावा काटा और कभी मंदिर न जाने की कसम भी दिलाई.
समाजवादी पार्टी के शिव शंकर यादव ने हिंदुओं का कलावा काटा और कभी मंदिर ना जाने की कसम भी दिलाई।
ऐसे ही अधर्मी गद्दार लोगों की वजह से चुसलमान कौम सर उठाती है😡Posted by रवींद्र भारतीय on Monday, 2 August 2021
फ़ेसबुक ग्रुप ‘MODI JI YOGI JI FAN’S’ में भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया गया है.
फ़ेसबुक पर इस वीडियो के स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किये जा रहे हैं.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो की असलियत जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च किया. फ़ेसबुक पर ये वीडियो 30 नवंबर 2020 को पोस्ट किया गया मिला. पोस्ट के मुताबिक, ‘शूद्र शिवशंकर सिंह यादव’ ने अंधविश्वास और पाखण्ड में विश्वास करने वाले कुछ यादव समुदाय के लोगों को ‘जागृत’ किया था. आगे, पोस्ट में लिखा है, “पाखण्ड और अंधविश्वास का प्रतीक कलावा काटकर उन्हें अपनी शक्ति व ज्ञान से परिचित कराया । गांव बढ़हरा, नंदगंज, जिला गाजीपुर में यादव बन्धुओं के हाथ पर बंधे मानसिक गुलामी रूपी कलवा धागे को काटते हुए शूद्र शिवशंकर सिंह यादव जी”.
इस पूरे मामले को समझने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने शिवशंकर यादव से बात की. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है. उन्होंने कहा, “पिछले पांच सालों से सोशल मीडिया पर ‘शूद्र शिवशंकर सिंह यादव’ नाम से मैंने ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’ मिशन चला रखा है. सोशल मीडिया पर भी मैं इसी नाम से जाना जाता हूं. मैं एक रिटायर्ड गवर्नमेंट अफ़सर हूं. अंधश्रद्धा और पाखंड के खिलाफ़ चल रही मेरी मुहिम के चलते, मैंने ये कलावा उनकी (लोगों की) स्वेच्छा से कटवाया था. अंधविश्वास से लड़ने के लिए अभी भी मैं लोगों से कलावा कटवाता हूं.” आगे उन्होंने कहा, “मेरा किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है. यहां तक कि जो दावा किया जा रहा है मैं समाजवादी पार्टी का हूँ, तो उससे भी मेरा कोई नाता नहीं है. मेरा मिशन पूर्ण रूप से सामाजिक है.”
शिवशंकर यादव ने अपने वीडियो के राजनीतिक पार्टी से जोड़कर शेयर किये जाने पर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इस शिकायत पत्र की कॉपी उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को भेजी. शिकायत पत्र में लिखा है- “यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि, मैं और यह मिशन किसी भी राजनीतिक पार्टी या किसी धर्म से ताल्लुक नहीं रखता है.”
इसके अलावा, हमने खोजा तो मालूम पड़ा कि समाजवादी पार्टी से शिवशंकर यादव नाम के एक नेता भी हैं. लेकिन उनका इस वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है.
यानी, एक शख्स के लोगों के कलावा काटने के वीडियो को सोशल मीडिया पर यह कहकर शेयर किया गया कि समाजवादी पार्टी से जुड़ा नेता लोगों के कलावा काट रहा है और उन्हें मंदिर न जाने की कसम भी दे रहा है. जबकि वीडियो में दिख रहा शख्स ख़ुद को गैर राजनीतिक बता रहा है और अंधविश्वास के ख़िलाफ़ काम करने का दावा कर रहा है.
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