सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में चर्च की तरह दिख रहे एक लकड़ी के ढांचे में आग लगी है. इसे किसी व्यक्ति ने चलती साइकिल से शूट किया है. इस इमारत के पास से गुजरते वक्त इमारत का एक बड़ा हिस्सा आग में ढह जाता है. ये वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये मणिपुर का है जहां लगभग तीन महीने से जातीय हिंसा हो रही है.
ट्विटर पर वीडियो ट्वीट करते हुए यूज़र @AndbhaktJ ने दावा किया कि जलता हुआ चर्च इम्फ़ाल के सुगनू में 300 साल पुराना सेंट जोसेफ़ चर्च है. उन्होंने ट्वीट में दावा किया, ‘बीजेपी समर्थक चरमपंथियों’ ने इसमें आग लगाई है.’ (आर्काइव लिंक)
#मणिपुर सुग्नू इंफाल
नही थम रही हिंसा आगजनी
भाजपा समर्थक उग्रवादियो ने 300 साल से ज्यादा पुरानी St. Joseph’s चर्च जलाई
73 दिनो से मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी विदेश घूम रहा है मैंने ऐसा बेशर्म निर्लज प्रधानमंत्री कभी नही देखा#ManipurViolence#ModiDisasterForIndia pic.twitter.com/xcYW6nvEBe— Deepesh Gupta (@AndbhaktJ) July 14, 2023
लगातार ग़लत सूचनाएं शेयर करने वाले ट्विटर यूज़र हैन्डल ‘@igopalgoswami’ ने इस घटना को सांप्रदायिक ऐंगल देने की कोशिश करते हुए दावा किया कि मंदिरों के तोड़े जाने के बदले में चर्च में आग लगाई गई थी. (आर्काइव)
किसी का मंदिर तोड़ोगे वो तुम्हारा चर्च जलायेगा।
किसी के धर्म का खिलवाड़ करोगे वो तुम्हारे धर्म का करेगा।
क्यों मनुष्य-मनुष्य के बीच खाई बनाते हो, आप अपने धर्म में रहो हम अपने।
–#Manipur pic.twitter.com/zc7T2YiJBP— Gopal Goswami (@igopalgoswami) July 15, 2023
इस वीडियो को सत्यपाल मलिक 🇮🇳 (@B0DH_5), मोहम्मद करीम (@kareemmimbar78), खुद को “@INCउत्तरप्रदेश सोशल मीडिया विभाग में राज्य महासचिव” (sic) बताने वाले आज़ाद गांधी🇮🇳 (@AzadGandhii_inc) और दिव्या राठौड़ (@_divyarathoro) जैसे यूज़र्स ने ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें फ्रांस स्थित न्यूज़ एजेंसी डेफ्रूरो की 7 जुलाई 2023 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में इसी चर्च में आग लगने की तस्वीर शेयर की गई थी. तस्वीर के टाइटल का हिंदी अनुवाद है: मार्ने में आग से नष्ट हुआ एक ऐतिहासिक लकड़ी का चर्च, “गायब हो रहा गांव का प्रतीक.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटना ड्रोस्ने की है जो उत्तर-पूर्वी फ्रांस के मार्ने विभाग में एक कम्यून है. आगे, दी गई तस्वीर फ़्रांस के 26 रुए डू चैटो, 51290 ड्रोस्ने, स्ट्रीट व्यू से ली गई है.
हमें 8 जुलाई को यूट्यूब पर अपलोड की गई हिंदुस्तान टाइम्स की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली. इसका टाइटल है: “फ्रांस में फिर से हिंसा भड़की; प्राचीन चर्च जलकर राख हो गया; इस हिंसा के बाद पेरिस पुलिस ने विरोध प्रदर्शन पर बैन लगा दिया.” इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो शामिल है.
इसके डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद है, “थोड़ी शांति के बाद, फ्रांस में फिर से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आयी हैं. उत्तर-पूर्वी फ़्रांस में 16वीं सदी के एक चर्च पर कथित तौर पर हमला किया गया. भीषण आग ने ड्रोस्ने के प्राचीन चर्च को राख में बदल दिया. पुलिस को डर है कि ये युवक की हत्या के मामले में विरोध प्रदर्शन करने वालों का काम हो सकता है…”
कुल मिलाकर, ये साफ है कि ट्विटर पर वायरल जलते हुए चर्च का वीडियो मणिपुर का नहीं बल्कि फ्रांस का है. फ्रांस में 27 जून को पुलिस की गोली से 17 साल के नाहेल मार्ज़ौक की मौत के बाद से कई विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.