कुछ दिनों पहले मीडिया आउटलेट्स ने ख़बर चलाई कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में 400 मस्जिदों और मदरसों में चोरी की बिजली इस्तेमाल हो रही है. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिजली विभाग ने मस्जिदों और मदरसों के ज़िम्मेदार लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें एक हफ़्ते के अंदर बिजली कनेक्शन लेने को कहा. इसके बाद, चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

25 सितंबर को लाइव हिंदुस्तान ने एक रिपोर्ट में 400 से ज़्यादा मस्जिदों और मदरसों में बिना कनेक्शन के बिजली इस्तेमाल करने की बात कही. रिपोर्ट में एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर भीष्म सिंह तोमर का ये बयान शामिल किया गया है, “शहर में करीब चार सौ मस्जिदों और मदरसों मे बिजली कनेक्शन नहीं है. इसकी सूची पुलिस से भी मंगवा ली गई है. इन सभी से अपील है कि वह सप्ताह भर के भीतर बिजली कनेकशन लें ले. यदि कनेक्शन नहीं लेंगे तो बिजली काटी जाएगी और फिर बिजली चोरी के तहत मुकदमे भी दर्ज होंगे.” (आर्काइव लिंक)

26 सितंबर को लाइव हिंदुस्तान ने एक और रिपोर्ट में भी 400 से ज्यादा मस्जिदों और मदरसों में चोरी की बिजली इस्तेमाल करने का ज़िक्र किया है. (आर्काइव लिंक)

नवभारत टाइम्स ने भी 26 सितंबर को ऐसे ही दावे के साथ एक आर्टिकल पब्लिश किया. (आर्काइव लिंक)

RSS की मुखपत्रिका पाञ्चजन्य ने भी रामपुर में मस्जिदों और मदरसों को नोटिस जारी होने का दावा किया. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

इस दावे की तह तक जाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च किया. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया का 25 सितंबर का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के रामपुर में 59 मंदिर और 115 मस्जिदों को बिजली कनेक्शन लेने के लिए कहा गया. ये आर्टिकल पत्रकार अरविन्द चौहान ने लिखा है.

हमने देखा कि लखनऊ से ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के पत्रकार अरविन्द चौहान ने 26 सितंबर को ट्वीट करते हुए लाइव हिंदुस्तान की ख़बर को भ्रामक बताया था. उन्होंने इस ट्वीट में 59 मंदिर और 115 मस्जिद की लिस्ट भी शेयर की है.

हमने इस मामले से जुड़ी ज़्यादा जानकारी जुटाने के लिए रामपुर PVVNL (पश्चिमाञ्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के ज़ोनल सेक्रेटरी विशाल मलिक से बात की. उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी धार्मिक स्थल जहां बिना कनेक्शन के बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनसे आग्रह किया है कि एक हफ़्ते के अंदर कनेक्शन के लिए आवेदन जमा करें. इसमें मंदिर और मस्जिद, दोनों शामिल है. ध्यान दें कि विभाग ने सिर्फ मस्जिदों को चिन्हित कर कनेक्शन लेने की बात नहीं की है. आगे विकास ने हमें बताया कि एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर भीष्म सिंह तोमर ने लोकल पत्रकारों के व्हाट्सऐप ग्रुप में इससे जुड़ी एडवायज़री शेयर की थी. साथ ही उन्होंने एक लिस्ट भी शेयर की जिसमें 59 मंदिर और 115 मस्जिद, उसके स्थान और संचालक से जुड़ी जानकारी है. विकास ने हमें ये दोनों मेसेज फॉरवर्ड किया.

इस एडवायज़री के टेक्स्ट में गौर करने वाली बात ये है कि ये भ्रामक है. चूंकि इसमें मस्जिद, मदरसा, मौलवी और मस्जिद के केयरटेकर का ज़िक्र तो है. लेकिन कहीं भी मंदिर, पुजारी इत्यादि का ज़िक्र नहीं है.

आप यहां पर क्लिक कर के इस pdf फ़ाइल को डाउनलोड कर सकते हैं. नीचे गैलरी में उन मंदिरों और मस्जिदों की लिस्ट दी गई है जिसे पत्रकारों के व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजा गया था.

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कहां से आया 400 का आंकड़ा?

लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर भीष्म सिंह तोमर ने पुलिस से रिपोर्ट मंगवाई थी. और इसी के आधार पर उन्होंने दावा किया था कि 400 मस्जिद बिना कनेक्शन के बिजली का इस्तेमाल कर रही हैं. इस बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने भीष्म सिंह तोमर से बात की. उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद दोनों को एडवाएज़री जारी की गई है. किसी एक समुदाय के धार्मिक स्थल को ये एडवाएज़री नहीं दी गई है. ये सभी धार्मिक स्थलों के लिए हैं जो बिना कनेक्शन लिए बिजली का इस्तेमाल करते हैं.

जब हमने भीष्म सिंह तोमर से उस लिस्ट के बारे में पूछा जिसके आधार पर वो भ्रामक दावा कर रहे थे कि 400 मस्जिद और मदरसा बिना कनेक्शन के बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं. तो उन्होंने जवाब देते हुए बताया कि उनके पास बस एक थाने की लिस्ट है जिसे उन्होंने पत्रकारों के व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजा था. इसमें 59 मंदिर और 115 मस्जिद शामिल हैं. उन्होंने बताया कि कुल चार थानों को मिलाकर उन्होंने अनुमान के तौर पर कहा कि 400 से ज़्यादा मस्जिदों और मदरसों में चोरी की बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है. जब हमने उनसे पूछा कि क्या मंदिर और मस्जिद के संचालकों को इससे जुड़ा कोई नोटिस दिया गया है? तो उन्होंने बताया कि किसी को नोटिस नहीं दिया गया है. बल्कि एक एडवाएज़री जारी की गई है.

कुल मिलाकर, एग्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर भीष्म सिंह तोमर ने भ्रामक एडवायज़री जारी कर मीडिया में भ्रामक बयान भी दिया. मीडिया आउटलेट्स ने आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर दावा किया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में सिर्फ मस्जिदों और मदरसों में बिना कनेक्शन के बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है. और इसके लिए बिजली विभाग ने एडवायज़री जारी की. जबकि असल में सभी धार्मिक स्थलों को बिजली कनेक्शन लेने के लिए एडवायज़री जारी की गई थी जिसमें मंदिर भी शामिल है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).