15 अक्टूबर को ख़बर आई कि NCP नेता संजय शिंदे जिस कार में सवार थे उसमें शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी. रिपोर्ट के अनुसार पुलिस का कहना है कि ये घटना मुंबई-आगरा हाईवे पर बसवंत टोल प्लाज़ा के पास हुई. इस दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी. इसके बाद से सोशल मीडिया यूज़र्स इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि संजय शिंदे पालघर लिंचिंग मामले के आरोपियों में से एक थे. नरेन्द्र सिंह नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए ये दावा किया है, “पालघर साधुओं के मुख्य हत्यारे NCP नेता संजय शिंदे की कार एक्सीडेंट में जिंदा जलकर हुई मौत.” इसके अलावा ‘मनोज तिवारी फ़ॉर दिल्ली सिएम‘, ‘किंग्स ऑफ़ राजपूत‘, ‘राघवाचार्य जी महाराज अयोध्या‘ नामक फ़ेसबुक पेज सहित छगन प्रजापत और पंकज मेहरा नाम के यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया है.

भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं
पालघर साधुओं की हत्या के आरोपी NCP नेता संजय शिंदे अपनी कार में जिंदा जल कर मर गया ।

प्रकृति अपना उधार ब्याज सहित वसूल करती हैं। आज नही तो कल।

Posted by Manoj Tiwari For Delhi CM on Thursday, 15 October 2020

ट्विटर पर भी कई यूज़र्स यही दावा कर रहे हैं. इनमें @nandaji1958, @TheDeepak2020In, @AchAnkurArya, @MandirGuy, @Hiranyareta, @OfficeOfDGP, @bhaiyaji_kahin, @sukhdevgogamedi, @thakurbjpdelhi कुछ प्रमुख नाम हैं.

हाल ही में हाथरस मामले में पीड़िता के गांव पहुंचे आम आदमी पार्टी से जुड़े राज्य सभा सांसद संजय सिंह पर काली स्याही फेंकने वाले और पहले भी साम्प्रदायिक वजहों से खबरों में आने वाले दीपक शर्मा ने भी ट्वीट किया. इस ट्वीट को 3,600 रीट्वीट्स और 10 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं.

16 अप्रैल, 2020 को महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के गडचिंचले गांव में भीड़ ने तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इनमें दो साधु थे और एक उनके ड्राइवर. इसके बाद सोशल मीडिया पर इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हुई थी. लेकिन ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में पता चला था कि पीड़ित और अभियुक्त, दोनों एक ही धर्म से ताल्लुक रखते हैं.

फ़ैक्ट-चेक

हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें NCP नेता संजय शिंदे का नाम पालघर लिंचिंग केस में आरोपी के तौर पर आया हो. साथ ही ऐसी भी कोई रिपोर्ट नहीं है जिसमें उन्होंने इस घटना पर कोई विवादित बयान दिया हो.

हमने पालघर मामले के इन्वेस्टीगेटिंग ऑफ़िसर से बात की. उन्होंने कहा, “पालघर मामले में NCP नेता संजय शिंदे का नाम कभी नहीं आया है. ये एक अफ़वाह है जो फैलाई जा रही है.”

अब सिलसिलेवार क्रम में देखते हैं कि 16 अप्रैल को हुई एक घटना में अब तक क्या अपडेट्स आये हैं.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 22 अप्रैल, 2020 को ट्वीट करते हुए पालघर मामले में 101 लोगों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी सार्वजनिक की थी. उन्होंने वो लिस्ट भी शेयर की थी. इस लिस्ट में कहीं भी संजय शिंदे का नाम नहीं है.

हमने इस मामले में पुलिस रिमांड में लिए गए लोगों की लिस्ट देखी. ये लिस्ट मई महीने की है. इसमें भी कहीं संजय शिंदे का नाम नहीं है.

लोकल पुलिस और CID की शुरूआती जांच में पता चला था कि जहां ये घटना हुई उस गांव में व्हाट्सऐप पर ये अफ़वाह फैली थी कि कुछ लोग बच्चा चोरी कर उसके ऑर्गन्स बेच देते हैं. इसी अफ़वाह की वजह से लोगों ने साधुओं को बच्चा चोर गैंग का मेंबर समझ लिया. अप्रैल में ही ये केस CID को सौंप दिया गया था. इस मामले में कुल 3 चार्जशीट फ़ाइल की गयी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पहली दो चार्जशीट 15 जुलाई को 126 आरोपियों के ख़िलाफ़ फ़ाइल की गयी थी. इसी रिपोर्ट में CID के हवाले से बताया गया है कि 808 से अधिक संदिग्ध लोगों की जांच की गयी है. 156 बालिग और 11 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है.

इस मामले की तीसरी चार्जशीट 7 अगस्त को फ़ाइल की गयी थी. 11 नाबालिगों में 2 के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. बताया गया है कि ये दोनों सीधे तौर पर लिंचिंग में शामिल थे. इसके अलावा 47 लोगों को दंगा और हत्या में सीधे तौर पर शामिल होने के लिए आरोपित किया गया है. इन्हें मई में गिरफ़्तार किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ आरोपियों के वकील अमृत अधिकारी ने कहा कि जब पुलिस उन्हें लिंचिंग में शामिल होने के लिए गिरफ़्तार करने गयी थी तो इन लोगों ने उनपर पथराव किया था.

हमने वकील अमृत अधिकारी से भी बात की. उन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया का दावा बिलकुल गलत है. NCP नेता संजय शिंदे का नाम कभी आरोपियों की लिस्ट में नहीं आया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी चार्जशीट पढ़ी है और संजय शिंदे का नाम कहीं नहीं है. हमने उनसे पूछा कि जितने भी आरोपियों का नाम आया है क्या वो लोकल हैं या बाहरी भी इनमें शामिल थे. उन्होंने कहा कि सभी आरोपी स्थानीय हैं और किसी भी बाहरी का नाम नहीं आया है.

हमने देखा कि NCP नेता संजय शिंदे, जिनकी 14 अक्टूबर 2020 को एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी, महाराष्ट्र के सकोर के रहने वाले थे. सकोर से पालघर की दूरी 200 किलोमीटर से अधिक है.

इस तरह ये दावा कि कार एक्सीडेंट में जिस NCP नेता की मौत हुई वो पालघर केस के आरोपी थे, पूरी तरह से गलत है.

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