केरल के पलक्कड़ में एक गर्भवती हथिनी ने विस्फोटक से भरा अनानास खा लिया था. विस्फोटक के मुंह में ही फट जाने के कारण हथिनी का जबड़ा टूट गया और आखिर में उसने दम तोड़ दिया. केरला की इस दिल को दहला देने वाली घटना को कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया. कुछ यूज़र्स दावा करने लगे कि इस मामले में गिरफ़्तार किये गए लोगों का नाम अमजद अली और थमिम शेख है. इस दावे को शुरुआती दौर में शेयर करने वाले लोगों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री के मीडिया सलाहकार अमर प्रसाद रेड्डी शामिल शामिल हैं. रेड्डी ने अपना ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया लेकिन इससे पहले उनके ट्वीट को हज़ारों बार लाइक और रीट्वीट किया जा चुका था. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) बाद में उन्होंने इस मामले में सफ़ाई भी दी.

‘लाइव हिंदुस्तान’ ने इस दावे पर एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें अमर प्रसाद रेड्डी के ट्वीट को भी शामिल किया गया. (आर्काइव लिंक)

‘न्यूज़ नेशन’ के एंकर दीपक चौरसिया ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया – “हत्या के मामले में अमजद अली और तमीम शेख की गिरफ्तारी हुई है।” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

इस दावे के आधार पर बिना किसी जांच के सुदर्शन न्यूज़ ने आर्टिकल लिख दिया (आर्काइव लिंक). ये बात किसी से छिपी नहीं है कि ‘सुदर्शन न्यूज़’ अक्सर भ्रामक और फ़र्ज़ी जानकारियों को शेयर कर सांप्रदायिक दावे करता रहता है. ऐसे ही कुछ उदाहरणों पर ऑल्ट न्यूज़ ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने पलक्कड़ के एसपी जी सिवा विक्रम से कॉन्टैक्ट किया. सोशल मीडिया के दावों को ग़लत बताते हुए एसपी ने बताया कि इस मामले में पी विल्सन नाम के एक आदमी की गिरफ़्तारी हुई है. गिरफ़्तारी की खबर को ‘डीडी न्यूज़ मलयालम’ और ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने शेयर किया है.

मलयालम समाचार वेबसाइट मातृभूमि और जन्मभूमि ने भी इस पर रिपोर्ट की और बताया कि पी विल्सन जहां काम करता था उस रबर प्लांटेशन का मालिक भी इस मामले में संदिग्ध आरोपी है. उसका नाम अब्दुल करीम और उसके बेटे का नाम रियाजुद्दीन है. इस बात की पुष्टि भी एसपी विक्रम ने ऑल्ट न्यूज़ से की थी, साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि ये दोनों फिलहाल फरार हैं.

तिरूवरमकुन्न फ़ॉरेस्ट स्टेशन के डिप्टी रेंज अफ़सर एम शशिकुमार ने इस बात की पुष्टि ‘द न्यूज़ मिनट’ को की है. विल्सन ज़िले के एक प्लांटेशन में रबड़ टैपर के तौर पर काम करता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में तीन संदिग्ध लोगों के शामिल होने का शक है लेकिन पूछताछ के बाद बाकी के 2 लोगों को छोड़ दिया गया. एसपी विक्रम ने हमें बताया कि जिन 2 लोगों से पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया था उनके नाम अमजद अली या थमिम शेख नहीं हैं.

ये सांप्रदायिक दावे वायरल हैं

फ़र्ज़ी सूचनाओं को शेयर करने के लिए पहचाने जाने वाले प्रशांत पटेल उमराव ने इस सांप्रदायिक दावे को शेयर किया है. उमराव द्वारा पहले भी सोशल मीडिया में शेयर किये गए कुछ ऐसे ही फ़र्ज़ी दावों को आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

इस कम्युनल दावे को शेयर करने वालों में और भी कई लोग शामिल हैं जैसे कि – लेखक रवि राय (आर्काइव लिंक), वरुण गांधी की सेक्रेटरी इशिता यादव (आर्काइव लिंक), विहिप के सदस्य अभिषेक मिश्रा (आर्काइव लिंक), भाजपा यूपी की सदस्य ऋचा राजपूत (आर्काइव लिंक), ऑपइंडिया के सब एडिटर अनुपम सिंह (आर्काइव लिंक), कॉलमिस्ट राकेश कृष्णन सिम्हा (आर्काइव लिंक), ट्विटर यूज़र बाला @erbmjha (आर्काइव लिंक) और हिन्दू राष्ट्रवादी पार्टी के केरला के ट्विटर अकाउंट इंदू मक्कल काच्चि (आर्काइव लिंक).

हमने देखा कि सोशल मीडिया में किस तरीके से गर्भवती हथिनी के साथ हुई क्रूर घटना को सांप्रदायिक रंग में रंगने की कोशिश हुई. इस घटना को मलप्पुरम की बताने वाली कई मीडिया रिपोर्ट्स की जांच हमने पहले भी की है जब कि ये दुखद घटना पलक्कड़ में हुई थी. ये ज़िला मुस्लिम बहुल इलाका है जिस वजह से सोशल मीडिया में ये अफ़वाह फैली.

ये एक ऐसी स्टोरी है जिसमें अभी जांच चल रही है. इसीलिए जैसे जैसे अपडेट आती रहेंगी हम जोड़ते रहेंगे.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.