हैदराबाद में 2019 बलात्कार मामले में चार आरोपियों के कथित एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक आयोग ने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस ने जानबूझकर मारने के इरादे से गोली चलाई थी और “खुद का बचाव करने के अधिकार” का इस्तेमाल करने की कोई ज़रुरत नहीं थी. नवंबर 2019 में 26 साल की एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. जिसके बाद चार व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि घटना के सभी आरोपी बालिग थे और उन्होंने भागने की कोशिश में पुलिस के हथियार छीनने और पुलिस पर गोलियां चलाने की कोशिश की. इस कथित मुठभेड़ में वे मारे गए.

घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ एक स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली दो याचिकाएं दायर किए जाने के लगभग तीन साल बाद, SC पैनल ने ज़िक्र किया कि उनमें दो आरोपी नाबालिग थे और उन्होंने कथित मुठभेड़ में न भागने की कोशिश की थी न पुलिस पर हमला किया था.

SC पैनल ने हत्या सहित अलग-अलग आरोपों के तहत 10 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है.

2019 में जब सामूहिक बलात्कार और हत्या के नौ दिन बाद पुलिस ने आरोपियों को मार गिराया था, उस वक्त सांसद, राजनेता, मीडिया कर्मी, मशहूर हस्ती और यहां तक ​​कि खिलाड़ियों ने इस कथित एनकाउंटर का स्वागत किया था और खूब वाहवाही की थी. कहा जा रहा था कि पुलिस ने एक प्रक्रिया को ‘ब्लडलस्ट’ में बदल दिया. पुलिस की ‘तत्काल कार्रवाई’ को ‘न्याय’ माना गया और बलात्कार के कथित आरोपियों को इसी तरह की ‘सज़ा’ देने का समर्थन सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया पर एक साथ वायरल हुआ.

तेलंगाना के पूर्व ADGP, VC सज्जनर ने उस वक्त कहा था कि “कानून ने अपना काम किया है” लेकिन सेवानिवृत्त SC न्यायाधीश J चेलमेश्वर ने ये कहते हुए आगाह किया था, “अगर आरोपियों के एनकाउंटर की पुलिस कार्रवाई को बढ़ावा दिया जाता है, तो कल हम में से कोई भी इसका शिकार हो सकता है.” उन्होंने कहा कि इससे “मनमानी कार्रवाई” की स्थिति पैदा हो सकती है.

इस रिपोर्ट में हम ये जानेंगे कि कैसे उचित प्रक्रिया को दरकिनार करके कथित मुठभेड़ को सही ठहराया गया.

विधायिका और कानून के शासन के बीच संबंधों को खराब करने वाली प्रतिक्रियाएं

जहां भाजपा सांसद मेनका गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कथित एनकाउंटर की आलोचना करने वालों में शामिल थे, वहीं ज़्यादातर मौजूदा और पूर्व सांसदों ने पुलिस कार्रवाई को सही बताया.

द वायर ने रिपोर्ट किया, “तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार में मंत्री गंगुला कमलाकर ने कहा कि बलात्कार के आरोपी की हत्या तेलंगाना पुलिस के कौशल का प्रदर्शन करती है.” हालांकि, TRS अकेली ऐसी पार्टी नहीं थी जिसने कथित मुठभेड़ का समर्थन किया था.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव K. नारायण ने कहा था, “मैं बलात्कार के मामलों में एनकाउंटर से हुई हत्याओं का बचाव करता हूं. महिलाओं पर बार-बार होने वाले यौन हमलों को रोकने के लिए और पूरे समाज में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए इस तरह की पुलिस कार्रवाई ज़रूरी है.”

कथित एनकाउंटर के तीन दिन बाद, आंध्र प्रदेश के सीएम YS जगन रेड्डी ने विधानसभा में कहा, “KCR और तेलंगाना पुलिस को सलाम.” उन्होंने आगे कहा, “अगर किसी फ़िल्म का हीरो किसी को एनकाउंटर में मार देता है तो हम सभी ताली बजाते हैं और कहते हैं कि फ़िल्म अच्छी है. यदि कोई साहसी व्यक्ति असली जीवन में ऐसा करता है तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नाम पर कोई दिल्ली से आकर कहेगा कि ये ग़लत है.”

इसी तरह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “…ये कहा जा सकता है कि न्याय हुआ है.”

कथित मुठभेड़ के दिन, डेक्कन हेराल्ड ने रिपोर्ट किया कि कर्नाटक सरकार के पदाधिकारी तत्कालीन सीएम BS येदियुरप्पा, पूर्व डिप्टी सीएम CN अश्वथ नारायण और तत्कालीन गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने एनकाउंटर की सराहना की.

राजद नेता और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा, “हैदराबाद में जो हुआ वो निश्चित रूप से अपराधियों के खिलाफ़ एक निवारक के रूप में काम करेगा, हम इसका स्वागत करते हैं.”

कांग्रेस नेता और सांसद अध्यक्ष अरुण सुभाष यादव ने ट्वीट किया, बेटी को मिला इंसाफ़, हैदराबाद पुलिस को बधाई.

YSR कांग्रेस के सांसद कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू ने कहा, “वे गोली मारने के लायक थे. भगवान की कृपा है कि उन्हें गोली मार दी गई, ये एक अच्छा सबक है. उन्होंने भागने की कोशिश की और वे मारे गए. किसी भी NGO को इसका विरोध नहीं करना चाहिए और अगर वे ऐसा करते हैं तो वे देशद्रोही हैं.”

मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने तेलंगाना पुलिस की सराहना करते हुए ट्वीट किया, “मैं अब विश्वास कर सकती हूं कि दूसरे राज्यों के शासन में बैठे हुए लोग अपराधियों को तत्काल सबक सिखाने के रास्ते निकालेंगे.”

सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी “एनकाउंटर के जरिए न्याय” का स्वागत किया.

बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा, “काश पुलिस ने निर्भया कांड में भी बेहतर काम किया होता.” उन्होंने यूपी पुलिस को इस घटना से “प्रेरणा लेने” के लिए कहा.

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मुठभेड़ का समर्थन करने वाले कुछ भाजपा नेताओं में राज्यवर्धन राठौर, अनिल विज, लॉकेट चटर्जी और शोभा करंदलाजे शामिल थे.

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समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कथित एनकाउंटर से कुछ दिन पहले आरोपी की “लिंचिंग” करने का आह्वान किया था.

मीडिया ने कैसे दिखाया?

ज़ी न्यूज़, WION के प्रधान संपादक, सीईओ और डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस के होस्ट सुधीर चौधरी ने कथित एनकाउंटर पर एक घंटे का शो चलाया. शुरूआती भाषण में उन्होंने कहा, “हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो ऐसा दुष्ट व्यक्ति जिसे हत्या करने में आनंद आता है उसका तुरंत वध कर देना चाहिए. आज हैदराबाद में तेलंगाना पुलिस ने ऐसे ही चार राक्षसों का वध कर दिया.”

कई न्यूज़18 ट्विटर अकाउंट्स ने कथित मुठभेड़ को ‘न्याय’ बताया, जिनमें न्यूज़18 बिहार, न्यूज़18 छत्तीसगढ़, न्यूज़18 हरियाणा, न्यूज़18 हिमाचल, न्यूज़18 मध्य प्रदेश, न्यूज़18 राजस्थान, न्यूज़18 उत्तर प्रदेश, न्यूज़18 हिंदी और न्यूज़18 इंडिया शामिल थे. इसी तरह News18 हिंदी के मैनेजिंग एडिटर अमीश देवगन ने लिखा, “हैदराबाद की बेटी को इंसाफ.”

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ज़ी MP-छत्तीसगढ़, लोकमत हिंदी, दैनिक भास्कर, इनखबर, पंजाब केसरी ने भी ऐसा ही पोस्ट किया.

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बहती गंगा में हाथ धोने के लिए ABP न्यूज़ पत्रकार सुमित अवस्थी भी शामिल थे.

मशहूर हस्तियों ने कथित एनकाउंटर की सराहना की

पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक रामदेव ने कहा था, ”जो इस तरह के अपराधी होते हैं उनके साथ, और आतंकवादियों के साथ ऑन द स्पॉट पुलिस और सेना को ऐसे ही कार्रवाई करनी चाहिए….”

अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने कथित मुठभेड़ को “पोएटिक जस्टिस” करार दिया.

कथित मुठभेड़ के 24 घंटे से भी कम समय में, द न्यूज़ मिनट ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें बताया गया कि कैसे टॉलीवुड स्टार्स ने तेलंगाना पुलिस की जय-जयकार की. बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर और ऋषि कपूर ने भी यही राय व्यक्त की थी.

खिलाड़ी साइना नेहवाल, फ़ोगाट बहनों और हरभजन सिंह ने पुलिस की सराहना की थी.

सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने अब जो रिपोर्ट पेश की है उसमें कथित एनकाउंटर को सही नहीं ठहराया गया है. क्योंकि ऐसी घटनाओं में पुलिस द्वारा की गई हत्याओं पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. एक ओर जहां धीमी न्यायिक प्रक्रिया की वजह से जन भावना द्वारा ‘तत्काल न्याय’ का समर्थन किया गया, वहीं राजनेता, मीडिया और मशहूर हस्तियों ने एनकाउंटर को बढ़ावा देकर अराजकता को भी बढ़ावा दिया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.