इस्कॉन नोआखली के ट्विटर हैंडल से 15 अक्टूबर को ट्वीट किया गया कि बांग्लादेश के नोआखली में एक मंदिर में तोड़-फोड़ की गई और उनके भक्तों पर हमला किया गया. साथ ही ये भी दावा किया कि इस सांप्रदायिक हिंसा में एक भक्त की मौत हो गई. एक अन्य ट्विटर हैंडल ने दावा किया कि इस्कॉन मंदिर के दो साधु, निताई दास और जतन साहा प्रभु इस हिंसा में मारे गए. गौरतलब है कि किसी भी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट ने इस खबर की पुष्टि नहीं की.
इस मामले के संदर्भ में मुसलमानों को खाना परोसते हुए एक गोरे साधु की तस्वीर शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि ये निताई दास हैं.
बीजेपी समर्थक राम निवास यादव ने ये फोटो शेयर की. इनके फ़ेसबुक पर तीन लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं, उन्होंने लिखा कि निताई “सांप को दूध पिलाते थे”, ये एक पुराना हिंदी मुहावरा है जिसका मतलब है बुरे लोगों (मुसलमानों का ज़िक्र) की मदद करना एक नुकसानदेह और बेवकूफी भरा काम है.
“सांप को दूध पिलाना” कहावत सुनी होगी आपने…
अब देख लीजिए…
ये है इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान में रोजा इफ्तारी करवाते हुए…
बांग्लादेश मे कल इनकी भी हत्या कर दी गयी है। 👇Posted by Ram Niwass Yadav on Monday, 18 October 2021
इसी तरह, कई फ़ेसबुक अकाउंट और पेज, जैसे बिहार सपोर्ट्स, श्री बजरंग सेना, आदित्य कृष्ण गिरी- अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना, और दीपक राणा ने ये तस्वीर शेयर करते हुए यही दावा किया.
ट्विटर यूज़र @Lost_Temples ने भी ये तस्वीर शेयर की.
“सांप को दूध पिलाना” कहावत सुनी होगी आपने , अब देख लीजिए , ये है इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान में रोजा इफ्तारी करवाते हुए !
बांग्लादेश में कल इनकी भी हत्या कर दी गयी है !! pic.twitter.com/FgHnOma8cD
— Ruchika (@Lost_Temples) October 18, 2021
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) और आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन (ios और एंड्रॉइड) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने घटना के बारे में और जानकारी पाने के लिए इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले को कवर करने वाले बांग्लादेश के एक पत्रकार से बात की. नाम उजागर नहीं करने की रिक्वेस्ट पर पत्रकार ने बताया, “स्थिति बहुत ही खराब है. ये दुखद है कि राज्य ने इन घटनाओं की रिपोर्ट करने से मीडिया को रोक दिया है. लेकिन मेरी जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में हाल ही में हुई कई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में एक गोरे व्यक्ति की मौत की कोई रिपोर्टिंग नहीं की गई.”
इस्कॉन नोआखली ने फ़ेसबुक पर पोस्ट किया कि प्रांता चंद्र दास नाम के एक भक्त का शव मंदिर के एक तालाब से बरामद हुआ है.
वायरल तस्वीर कहां की है?
वायरल तस्वीर 2016 की है जो हमें रिवर्स इमेज सर्च से मिली. इसे UCA न्यूज़ ने पब्लिश किया था. तस्वीर का क्रेडिट फ़ोटोग्राफ़र रघु नाथ को दिया गया है साथ ही कैप्शन में लिखा है, “इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के एक साधु 22 जून [2016] को मायापुर में हिंदू मंदिर में इफ़्तार के दौरान मुसलमानों को मिठाई बांटते हुए.” पश्चिम बंगाल में मायापुर शहर कोलकाता से 130 किलोमीटर की दूरी पर है.
इस तरह, पश्चिम बंगाल की एक पुरानी तस्वीर को बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा और इस्कॉन नोआखली के मारे गए एक भक्त से जोड़ते हुए शेयर किया गया. वायरल तस्वीर में वो गोरा साधु नहीं है जो हिंसा में मारा गया था.
बांग्लादेश में हुई हिंसा का बताकर त्रिपुरा में लगी आग का वीडियो शेयर किया गया, देखिये
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