इज़राइल और फ़िलिस्तीन संघर्ष के बीच, मीडिया आउटलेट टाइम्स नाउ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की और दावा किया कि ईरानी संसद सदस्यों ने संसद के अंदर ‘डेथ टू इजरायल’ (इजरायल के लिए मौत) और ‘डेथ टू अमेरिका’ (अमेरिका के लिए मौत) के नारे लगाए. 7 अक्टूबर को पब्लिश इस रिपोर्ट का टाइटल है, “ईरान संसद ने हमास के हमले के बीच ‘इज़रायल और अमेरिका की मौत’ के नारे लगाए.” वीडियो में दावा किया गया कि जब हमास ने तेल अवीव पर हमला किया तब ये नारे लगाए गए. (आर्काइव लिंक 1, लिंक 2)

ऐसे ही दावे सोशल मीडिया पर भी वायरल हैं. X (ट्विटर) पर वेरिफ़ाईड हैन्डल ‘@bennyjohnson‘ ने ऐसा ही वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “…ईरान की संसद “इज़रायल मुर्दाबाद” के नारे लगा रही है. अमेरिका के लिए मौत.” उनके आतंकवादी सेल इज़रायली महिलाओं और बच्चों का नरसंहार करते हैं…” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 70 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और लगभग 30 हज़ार बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

@PKurzin नामक एक और X ब्लू यूज़र ने 7 अक्टूबर को ये वीडियो इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया. “इस्लामिक रिपब्लिक संसद का एक वीडियो जहां लोग इज़राइल और अमेरिका के लिए मौत के नारे लगा रहे हैं. #IsraelPalestineWar.” इस यूज़र के ट्विटर बायो में लिखा है कि उसकी रूचि जियोपॉलिटिक्स में है.(आर्काइव)

एलोन मस्क ने ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “आकर्षक.” ये ट्वीट रिडर्स यहां पर देख सकते हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में ‘ProudArmyBrat’ नामक एक यूज़र का ट्वीट था. इसमें CAA की एक न्यूज़ क्लिपिंग है. इसकी स्क्रीन में न्यूज़ टिकर भी है: “पोम्पेओ ने ट्रम्प के उस ट्वीट का बचाव किया जिसमें ईरान द्वारा सांस्कृतिक जगहों को निशाना बनाने की धमकी दी गई थी.” इससे पता चलता है कि ये क्लिप हाल की नहीं हो सकती.

हमने यूट्यूब पर की-वर्ड सर्च किया और हमें 5 जनवरी, 2020 की CNN की वही वीडियो रिपोर्ट मिली. इसके साथ ये कैप्शन दिया गया था, “ईरानी संसद में सांसदों ने ‘अमेरिका की मौत’ के नारे लगाए.”

न्यूज़ एजेंसी USA टुडे ने भी 5 जनवरी, 2020 को ये वीडियो इस टाइटल के साथ अपलोड किया, “ईरान: संसद सदस्यों ने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाए.”

इससे ये साफ़ हो जाता है कि ये वीडियो हाल का नहीं. बल्कि कम से कम 3 साल पुराना है. USA टुडे वीडियो के डिस्क्रिप्शन सेक्शन में कहा गया है, “कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरानी संसद के सदस्यों ने “अमेरिका की मौत” के नारे लगाए… 290 सीटों वाली ईरानी संसद के सदस्यों ने कासिम सुलेमानी की मौत का विरोध करने के लिए “अमेरिका की मौत” के नारे लगाए.”

अलजज़ीरा की एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल कासिम सुलेमानी, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कुद्स फ़ोर्स के प्रमुख और इसके रीजनल सिक्योरिटी एपरेटस के आर्किटेक्ट थे. 3 जनवरी, 2020 को बगदाद हवाई अड्डे पर सुबह-सुबह अमेरिकी सेना द्वारा किए गए हवाई हमले में इनकी मौत हो गई थी.

की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें पता चला कि ये पहली बार नहीं था जब ईरान में ‘डेथ टू अमेरिका’ नारे लगाए गए थे. ऐसे नारे लगाए जाने की घटनाएं पहले भी हुई थी जैसे लिंक 1, लिंक 2 और लिंक 3.

कुल मिलाकर, ईरानी संसद के सदस्यों द्वारा ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाने का वायरल वीडियो हाल का नहीं है. ये जनवरी 2020 में अमेरिकी सेना द्वारा कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद की बात है. टाइम्स नाउ की रिपोर्ट ग़लत है कि इजरायल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच ईरानी संसद में ये नारा लगाया गया. इसके अलावा, ईरानी संसद में ‘इज़राइल मुर्दाबाद’ के नारे लगाए जाने की कहीं भी कोई रिपोर्ट नहीं है.

श्रेयतम दत्ता ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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