“आईएस-अलकायदा संगठन केरल में अपनी जड़ें जमा रहे है; राजधानी में छात्रों ने इन संगठनों के झंडों के साथ प्रदर्शन किया” – (अनुवाद) 29 दिसंबर को केरल के प्रादेशिक न्यूज़ चैनल जनम टीवी के एक खबर का शीर्षक था।

इस वीडियो फुटेज के आधार पर रिपोर्ट को “जनम बिग ब्रेक” शब्दों के साथ चलाया गया। इसमें दावा किया गया कि वरकला के CH मुहम्मद कोया मेमोरियल कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिसमें कॉलेज प्रबंधन के भरोसे उन्होंने आतंकवादी संघटन आईएस-अलकायदा के झंडे फेहराये थे, और ये भी कि आतंक का गन्दा जाल केरल के मुस्लिम छात्रों के एक तबके में फ़ैल रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस कॉलेज के छात्र ‘अल क़ाएदा आतंकवादी’ की तरह कपड़े पहने थे और ‘अल क़ाएदा के झंडे’ फहरा रहे थे, और कॉलेज की दीवारों पर भित्तिचित्र इन आतंकी संगठनों का बखान कर रहे थे। जनम टीवी की इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि मारे गए आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की चित्रकारी भी दीवार पर मौजूद थी।

सच क्या है?

ऑल्ट न्यूज़ को जनम टीवी के समाचार प्रसारण पर कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं। ये वीडियो मार्च 2018 का है, जब कॉलेज के छात्र अपना वार्षिक समारोह मना रहे थे। प्रबंधन और छात्रों के मुताबिक, वार्षिक समारोह दिवस का ड्रेस कोड काले रंग का था, जिसे चैनल ने गलत तरीके से आतंकवादी संघटनों के साथ जोड़ दिया था।

अल क़ाएदा के झंडे नहीं

न्यूज़ मिनट से बात करते हुए BCA के अंतिम वर्ष के छात्र शरण सुरेश ने कहा, “हम अलग अलग डिपार्टमेंट को प्रतिनिधित्व करने वाले झंडे घूमा रहे थे, जैसे BCA का अपना झंडा है, TTM का अपना। काला रंग पहनना हमारे पर्व का हिस्सा था, जैसा कि हर कॉलेज का अपना ड्रेस कोड होता है।”

भित्तिचित्र आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ था

ये संघटन Muslim Education Trust for Coastal Area (METCA) द्वारा प्रबंधित है। MECTA के महासचि के अनुसार छात्रों ने दीवारों पर लिखवाड किया था, लेकिन प्रबंधन ने वशहत के लिए उन्हें जुर्माना देने पर जोर दिया। द हिन्दू अखबार से बात करते हुए आइयूर सुब इंस्पेक्टर सजीव ने बताया, “रिपोर्ट के बाद हम कॉलेज गए थे। चूँकि टेलीविज़न रिपोर्ट में आतंकवाद का समर्थन करते हुए संदेहास्पद रेखा चित्र का दावा किया गया था, हमने बाथरूम में जा कर जांच की। हमें सिर्फ खतरे के निशान, समुद्री डाकू के चेहरे, और अन्य किस्म की वही चित्रकारी मिली, जो हर कैंपस में मिलती है। समारोह के वीडियो में कुछ भी संदेहास्पद नहीं था।”

कोई नारेबाजी नहीं

अभिनेता सलीम कुमार वार्षिक समारोह पर मुख्य अतिथि थे। द हिन्दू अखबार से बात करते हुए कुमार ने कहा, “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को इस तरह से मोड़ा गया है, क्यूंकि ये मुस्लिम प्रबंधन चलित कॉलेज है। छात्रों ने कोई नारेबाजी नहीं की, जैसा कि चैनल पर बताया जा रहा है। ये बेहद हास्यास्पद भी है कि सभी छात्रों को आतंकवादी का तमगा लगाया गया है। मैंने भी काले रंग की ड्रेस पहनी थी। आज ही चैनल वाले आये थे और जो कुछ भी हुआ था, मैंने उन्हें बताया है।” (अनुवाद)

दक्षिणपंथी मीडिया

आरएसएस की पत्रिका The Organiser ने एक लेख प्रकाशित किया। ये लेख जनम टीवी की रिपोर्ट पर आधारित था और उसमें दावा किया गया कि कुछ तबकों ने, जो ‘केरल स्तिथ इस्लामिक संगठन’ के साथ कथित रूप से जुड़े हुए थे, ‘इस्लामिक आतंकी संघठन ‘ के झंडे फेहराये थे।


अमेरिका में स्तिथ PGurus ने भी दिसंबर 29 को एक लेख प्रकाशित किया। वेबसाइट पर एक वरिष्ठ ख़ुफ़िया अधिकारी ने कहा, “हमें यकीन है कि IS और अल क़ाएदा के कुछ तत्व कॉलेज में सक्रिय है, क्यूंकि इस किस्म की रैलियां कॉलेज डे समारोह का हिस्सा कभी नहीं होती हैं।”

सोशल मीडिया

जे नंदकुमार, आरएसएस के वरिष्ठ नेता, ने भी जनम टीवी के न्यूज़ वीडियो को इसी दावे के साथ ट्वीट किया।

कनाडा के लेखक तारेक फ़तेह ने ऑर्गनायजर के लेख को ट्वीट करते हुए कहा, “अल क़ाएदा और ISIS भारत के केरल राज्य के विश्विद्यालय कैंपस में मौजूद।” पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेडगे ने भी वीडियो को ट्वीट किया और छात्रों को ‘आतंक का हमदर्द’ कहा।

और कई लोगों ने जनम टीवी के इस खबर को यही दावों के साथ शेयर किया। @rajanandbjp नाम के ट्विटर हैंडल ने भी ये जताते हुए कि छात्रों ने अल क़ाएदा की तरफदारी की, नारेबाजी का वीडियो पोस्ट किया।

निष्कर्ष में, जनम टीवी ने नौ महीने पहले का वार्षिक महोत्सव के वीडियो को अल क़ाएदा और इस्लामिक संगठन के पक्ष में काले कपड़े पहने हुए छात्रों का बताकर गलत खबर दी है।

अनुवाद: ममता मंत्री के सौजन्य से

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.