CPI नेता और JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल है। इस तस्वीर में कुमार को एक नक़्शे के आगे भाषण देते हुए देखा जा सकता है, जिसमें भारत के कुछ राज्यों को पाकिस्तान का एक हिस्सा दर्शाया गया है। फेसबुक पेज –‘I am with narender modi – नरेंद्र मोदी’ ने इस तस्वीर को शेयर किया है, जिसे अब तक करीब 200 बार शेयर किया गया है।
साझा किये गए संदेश के साथ –“इस कुत्ते के पीछे भारत का नक्शा देखो यह जेएनयू में पलने वाला कुत्ता है भड़वा है और इस देशद्रोही को पलवल आने का न्योता दो इसका इलाज पलवल में ही संभव हो पाएगा।”
ऑल्ट न्यूज़ को अपने अधिकृत एप्प पर इस तस्वीर की जांच करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
यह तस्वीर फरवरी, 2019 से सोशल मीडिया में प्रसारित है लेकिन संदेश में JNU का ज़िक्र नहीं किया गया है। फेसबुक पेज ‘NARENDRA MODI MISSION 2024 OFFICAL’ ने इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा है – “दोस्तों कन्हैया को न देखिये…इसके पीछे लगे हुये भारतवर्ष के मानचित्र को गौर से देखिये….और कुछ लोग कहते है कि कन्हैया मासूम है निर्दोष है।”
फोटोशॉप तस्वीर
इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इसकी मूल तस्वीर मिली, जिसमें भारत या पाकिस्तान किसी का भी नक्शा मौजूद नहीं है। तस्वीर के पीछे की पृष्भूमि खाली है। द हिंदू ने इस तस्वीर को 2015 के लेख में शामिल किया था, जिसमें तस्वीर का श्रेय संदीप सक्सेना को दिया गया है।
फोटोग्राफर ने इस तस्वीर को 2015 के छात्र चुनाव के दौरान अध्यक्ष पद की बहस के दौरान खींची थी। इस घटना के एक वीडियो में भी कन्हैया को समान पृष्भूमि और कपड़े में देखा जा सकता है। वास्तव में, वीडियो की फीचर इमेज भी वायरल हो रही तस्वीर के समान ही है।
फोटोग्राफर संदीप सक्सेना ने AFP से बात करते हुए बताया – “कन्हैया कुमार की यह तस्वीर मैंने 2015के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चुनाव के भाषण के दौरान ली थी। यह समारोह सितम्बर में हुआ था और मैं उस वक़्त इस घटना को कवर कर रहा था।” (अनुवाद)
JNU में चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के सन्दर्भ में सोशल मीडिया में यूनिवर्सिटी के पूर्व नेता की फोटोशॉप तस्वीर को प्रसारित किया गया। लेकिन मूल तस्वीर में, कन्हैया कुमार भारत के कुछ राज्यों को पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाने वाले नक़्शे के सामने नहीं खड़े थे। JNU छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर फैलाई गई गलत जानकारियों पर ऑल्ट न्यूज़ का विस्तृत तथ्य जांच लेख यहां पढ़ें।
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