लॉस एंजिल्स में भीषण जंगल की आग के बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोग आग से तबाह हुए घर से टीवी और बाकी सामान ले जा रहे हैं. यूज़र्स इस फ़ुटेज को नस्लवादी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि इन लोगों ने जंगल की आग का फ़ायदा उठाया और वीरान घरों को लूटा. वीडियो को सांप्रदायिक रंग भी दिया गया है. कई लोगों ने वीडियो में दिख रहे लोगों की तुलना “घुसपैठियों” से की है और कहा है कि ऐसे लोगों को शरण देने से नागरिक समाज की सामाजिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचने का खतरा है.

इस वीडियो को कई यूज़र्स ने X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया जिसमें दीपक शर्मा (@SonOfBharat7) और IND स्टोरी (@INDStoryS) शामिल हैं. दीपक शर्मा ने वीडियो में दिख रहे लोगों को “घुसपैठिए जिहादी” बताया और कहा है कि पूरा समुदाय (मुसलमानों का) चोरों से भरा हुआ है. इस व्यक्ति ने आगे कहा, “उन्हें शरण देना घर, राज्य और देश को बर्बाद करने के बराबर है.” (आर्काइव)

ये फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 2 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और इसे कम से कम 2,700 बार रीशेयर किया गया है.

ध्यान दें कि ऑल्ट न्यूज़ ने इस अकाउंट द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं को कई बार उजागर किया है.

IND स्टोरी (@INDStoryS) ने भी इसी तरह के दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया. (आर्काइव)

आगे, कई X यूज़र्स द्वारा किए गए एक जैसे पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स दिए गए हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो के कुछ फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को लॉस एंजिल्स क्रॉनिकल्स (@la_chron) का एक इंस्टाग्राम वीडियो मिला. ये अकाउंट खुद को एक न्यूज़ और मीडिया वेबसाइट बताता है. वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए इस अकाउंट ने कैप्शन में बताया है कि ये वीडियो वास्तव में KTLA न्यूज़ पर प्रसारित फ़ुटेज का है और इसमें जंगल में लगी आग के दौरान एक महिला के परिवार और दोस्त, उसका सामान उठाने में मदद कर रहे हैं. KTLA एक LA-बेस्ड स्थानीय न्यूज़ आउटलेट है जो दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कवरेज करता है.

 

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इसके बाद हमने KTLA के जंगल की आग की कवरेज के फ़ुटेज देखें और 8 जनवरी का यूट्यूब लाइवस्ट्रीम देखा. इसमें KTLA के रिपोर्टर चिप योस्ट ने अल्ताडेना और पासाडेना के पास के इलाकों में आग से प्रभावित निवासियों का इंटरव्यू लिया है.

इस लाइवस्ट्रीम के 4 घंटे 46 मिनट 11 टाइमस्टैम्प पर, टिआंड्रा नामक एक महिला चैनल से बात करती है. वो वायरल क्लिप में लोगों के समूह को अपना परिवार और दोस्त बताती है और कहती है कि उन्होंने उसके आंशिक रूप से जले हुए घर से घरेलू सामान निकालने में बहुत मदद की.

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यहां ये साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर एक निराधार, नस्लवादी और सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया गया. असल में वीडियो में कुछ जाने-माने लोगों का एक समूह जंगल की आग के बीच में एक महिला को उसके घरेलू सामान बचाने में मदद कर रहा था.

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