12 सितंबर को, बेंगलुरु में एक RTO इंस्पेक्टर ने अपने वाहन को ऑटो रिक्शा के साथ टकरा दिया, जिसकी वजह से ऑटो रिक्शा के ड्राइवर को काफी गंभीर चोट आयी थी। इसके बाद, सोशल मीडिया में यह दावा काफी व्यापक रूप से प्रसारित होने लगा कि दुर्घटना में लिप्त RTO इंस्पेक्टर मंजुनाथ, घटना के वक़्त शराब के नशे में था।
RTO OFFICER DRUNK AND DRIVE
Posted by Imran Immu on Thursday, 12 September 2019
यह दावा सोशल मीडिया में वीडियो के साथ प्रसारित संदेश में किया जा रहा है। यह फेसबुक पर भी जल्द ही वायरल हो गया था।
दुर्घटना पर मीडिया रिपोर्ट
मिरर नाउ, बेनेट कोलमैन समूह के अंग्रेजी समाचार चैनल, ने उसी दिन हेडलाइन के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की,“नशे में RTO इस्पेक्टर ने ऑटो रिक्शा को टककर मार दी, ऑटो ड्राइवर ज़िंदगी से लड़ रहा है”-अनुवाद।
लेख में बताया गया है कि,“बंगलुरु में रिपोर्ट किये गए एक मामले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) इंस्पेक्टर ने नशे में एक पार्क किये हुए ऑटो रिक्शा को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद ऑटो चालक को गंभीर चोटें आई हैं और वह अस्पताल में जीवन के लिए जूझ रहा है। इस घटना ने विभाग की ज़िम्मेदारियों के बारे में कई सवाल खड़े किए, क्योंकि इंस्पेक्टर को ड्यूटी के दौरान नशे में धुत पाया गया है”-अनुवाद।
कर्नाटक स्थित एक क्षेत्रीय समाचार चैनल News9 ने, इन शब्दों के साथ दुर्घटना के वीडियो का प्रसारण किया था,‘नशे में आरटीओ इंस्पेक्टर ने कार को ऑटो में घुसा दिया– अनुवाद’ और ‘नशे में ड्राइविंग-अनुवाद’; एंकर बताती है,“उस आदमी की पहचान मंजूनाथ के रूप में हुई है, जो ड्यूटी पर नशे में था। आरटीओ इंस्पेक्टर को इलेक्ट्रॉनिक सिटी ट्रैफिक पुलिस ने हिरासत में लिया है”-अनुवाद। प्रसारण के वीडियो को नीचे पोस्ट किया गया है।
खबरों में यह भी कहा गया है कि दुर्घटना के बाद ऑटो-रिक्शा चालकों ने इलाके में विरोध प्रदर्शन किया था। घटना के एक दिन बाद प्रकाशित Asianet की एक रिपोर्ट, जिसका शीर्षक था,“नशे में” RTO इस्पेक्टर ने ऑटो को टक्कर मारी, बेंगलुरु के होसुर रोड में विरोध प्रदर्शन भड़का”-अनुवाद, जिसमें यह साफ तौर पर बताया गया है कि यह ट्रैफिक पुलिस द्वारा alcometer से की गई जांच में पाया गया है कि आरोपी पुलिसकर्मी नशे में नहीं पाया गया है।
अन्य कन्नड़ मीडिया संस्थाओं ने बताया कि RTO इंस्पेक्टर नशे में था, जिसमें सुवर्णा न्यूज़ (एशियानेट न्यूज़ नेटवर्क का हिस्सा) और पब्लिक टीवी न्यूज़ शामिल थे।
तथ्य जाँच: नशे में गाड़ी चलाने का मामला नहीं
ऑल्ट न्यूज़ ने इलेक्ट्रॉनिक सिटी ट्रैफिक पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु से संपर्क किया, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि आरोपी के नशे में होने की खबर झूठी है। उन्होंने कहा, “वह व्यक्ति शराब के नशे में नहीं था। इसकी जाँच करने के लिए पुलिस ने breath analyzer इस्तेमाल किया था। हालांकि, घटनास्थल पर इक्क्ठा हुए लोगों ने इसकी आगे अधिक जाँच करने के लिए ज़ोर दिया। तब हमने अस्पताल में विशेष परिक्षण का इंतज़ाम करवाया। इसमें यह सामने आया कि वह लॉ ब्लडप्रेसर के शिकार हुए थे। यह शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटना नहीं है”-अनुवाद।
द हिन्दू की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंजुनाथ की मेडिकल रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि वह शराब के नशे में नहीं थे दवाई का असर था। अभी हाल ही में, यह बात सामने आयी है कि RTO इस्पेक्टर मंजुनाथ का इस घटना के एक दिन बाद यानी की 13 सितंबर को निधन हो गया था। इस बात की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक सिटी ट्रैफिक पुलिस ने की थी। यह Asianet द्वारा भी सूचित किया गया है।
ಮನುಷ್ಯನ ವಿಕ್ರತಿ ಗಳನ್ನು ಪ್ರತಿಬಿಂಬಿಸುವ social media ಗಳಿಗೆ ನನ್ನ ದೊಂದು ಧಿಕ್ಕಾರ…
Because of Low BP yesterday car met with…
Posted by Vinay Bhagwat on Friday, 13 September 2019
बंगलुरु के केंद्र में हुए दुर्घटना, जिसमें RTO इस्पेक्टर शामिल थे, मिरर नाउ और कन्नडा मीडिया ने सोशल मीडिया में चल रहे दावे को खबर की तरह प्रकाशित किया। यह दोहराया जा सकता है कि आरोपी RTO इस्पेक्टर मंजुनाथ दुर्घटना के वक़्त नशे में नहीं थे।
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