“लंदन के कोर्ट में नीरव मोदी का बयान- मुझे कांग्रेस नेताओं ने बच निकलने, भारत से भाग जाने के लिए धमकी दी थी और मैंने उन्हें, कांग्रेस नेताओं को, 456 करोड़ रुपये का कमीशन दिया था @RahulGandhi क्या यह सच है? अगर नहीं, तो क्यों @KapilSibal को लंदन भेजा गया, जब नीरव गिरफ्तार हुआ?”- (अनुवाद)
उपरोक्त ट्वीट, एक प्रमुख ट्विटर यूजर, गौरव प्रधान का है, जिन्होंने पूर्व में कई मौकों पर गलत सूचना फैलाई है। प्रधान के ट्वीट को लगभग 7,500 बार रिट्वीट किया गया है।
NIRAV MODI STATEMENT IN LONDON COURT
I was threatened by Congress leaders to escape and run away from India
I paid them a commission of Rs 456 Cr to Congress leaders@RahulGandhi is this true? If not why @KapilSibal was rushed to London when NIRAV got arrested?
— चौकीदार #GauravPradhan 🇮🇳 (@DrGPradhan) March 31, 2019
उनके ट्वीट का स्क्रीनशॉट, फेसबुक पेज इंडिया अगेंस्ट प्रेस्टीट्यूट्स द्वारा पोस्ट किया गया है, जिसकी फ़ॉलोअर्स संख्या 5,50,000 से अधिक है। इस पोस्ट को 3,600 से अधिक बार शेयर किया गया है। इसे एक अन्य पेज, प्रेस्टीट्यूट्स, द्वारा भी पोस्ट किया गया है, जिसे अब तक 6500 से अधिक बार शेयर किया गया है।
Posted by Presstitutes on Sunday, 31 March 2019
नीरव मोदी ने ऐसा बयान नहीं दिया
इस मामले में तथ्य यह है कि बदनाम हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने लंदन की अदालत में, जहां भारत में उनके प्रत्यर्पण के संबंध में मुकदमा चल रहा है, ऐसा कोई बयान ही नहीं दिया। मोदी, 11000 करोड़ के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने नाओमी कैंटन से बात की थी, जो टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए यूके से खबरें करती हैं। कैंटन ने पुष्टि की थी कि नीरव मोदी ने वैसा कुछ भी नहीं कहा था जिसका सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है। “वह (नीरव मोदी) सिर्फ अपने नाम की पुष्टि करने के लिए बोले और अपनी जन्मतिथि और पता दिया। उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने प्रत्यर्पण की सहमति दी है और उन्होंने कहा कि मैं सहमति नहीं देता। इसके अलावा, सिर्फ उनके बैरिस्टर और सीपीएस थे, जो बोले।” -(अनुवाद)
पिछले ही महीने, मार्च 2019 में, नीरव मोदी के संबंध में एक गलत संदेश सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से फैला था। वह संदेश था– “नीरव मोदी का लंदन कोर्ट मे बयान,भागा नही हूं भगाया गया हूं जिसकी कीमत 456 करोड़ रुपए जो सरकार के मंत्रियों से लेकर भाजपा नेताओं और अफसरों मे बंटा है?? क्या इस न्यूज़ को मीडियावालों में हिम्मत है दिखाने की??”
कांग्रेस और भाजपा समर्थकों द्वारा, नीरव मोदी के भागने के लिए एक-दूसरे राजनीतिक दल को दोष देते हुए, एक ही संदेश प्रसारित किया गया। इस दावे का कोई आधार नहीं था।
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