4 दिसंबर को, लेखक हरिंदर एस सिक्का ने ट्वीट किया, “पुलिस ने मुफ्त सवारी योजना शुरु की है, जिसमें कोई भी महिला जो अकेली है और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर जाने के लिए उसे कोई वाहन नहीं मिल रहा है, वह हेल्पलाइन नंबरों (1091 और 7837018555) पर 24×7 कॉल कर सकती है। पीसीआर वाहन उसे मुफ्त में उसके घर छोड़ देगा। कृपया यह संदेश सभी को भेजें।”
Police has launched free ride scheme where any women who is alone & not able to find vehicle to get home between 10pm-6am can call helpline numbers (1091 & 7837018555) 24×7. PCR vehicle will drop her home Free of Cost. Pls pass this message to all🙏 pic.twitter.com/Q9MvVS0G8Q
— Harinder S Sikka (@sikka_harinder) December 4, 2019
4 दिसंबर को, भोजपुरी अभिनेत्री पूनम दुबे ने अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज पर पोस्ट किया, “पुलिस ने मुफ्त में सवारी योजना शुरू की, जहां कोई भी महिला जो अकेली है और रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर जाने के लिए वाहन नहीं ढूंढ पा रही है, पुलिस हेल्पलाइन नंबरों (1091 और 7837018555) पर कॉल करके और वाहन के लिए अनुरोध कर सकती है। वे 24×7 काम करेंगे। नियंत्रण कक्ष वाहन या पास का पीसीआर वाहन/एसएचओ वाहन उसे सुरक्षित रूप से उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा। यह मुफ़्त में किया जाएगा। यह संदेश आप उन सभी को पास करें, जिन्हें आप जानते हैं।” (अनुवाद)
कुछ लोगों ने इन सन्देशों में राज्य या शहर पुलिस का उल्लेख करके सन्देश प्रसारित किया है। उदाहरण के लिए, एक फेसबुक पेज, स्टेला युवा मंडल, ने पोस्ट किया, “नई सरकार ने पुलिस के लिए आदेश दिया महाराष्ट्र पुलिस ने मुफ्त में सवारी योजना शुरू की है, जहां कोई भी महिला जो अकेली है और रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर जाने के लिए वाहन नहीं ढूंढ पा रही है, पुलिस हेल्पलाइन नंबरों (1091 और 7837018555) पर कॉल कर और वाहन के लिए अनुरोध कर सकती है। वे 24×7 काम करेंगे। नियंत्रण कक्ष वाहन या पास का पीसीआर वाहन/एसएचओ वाहन उसे सुरक्षित रूप से उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा। यह मुफ़्त में किया जाएगा। यह सन्देश आप उन सभी को पास करें, जिन्हें आप जानते हैं। कृपया इस नंबर को सेव कर लें।” (अनुवाद)
आशीष नाज़रे ने यह कहते हुए ट्वीट किया, “नागपुर पुलिस ने मुफ्त सवारी योजना शुरू की, जहां कोई भी महिला जो अकेली है और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर जाने के लिए वाहन नहीं ढूंढ पा रही है, वह पुलिस हेल्पलाइन नंबर (1091 और 7837018555) पर कॉल कर सकती है और वाहन के लिए अनुरोध कर सकती है। वे 24×7 काम करेंगे। @NagpurPolice।” (अनुवाद)
इसके बाद से, कई लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर ‘1091’ और ‘7837018555’ के हेल्पलाइन नंबरों से जुड़े ऐसे ही दावे साझा किए हैं। तब से, इन सन्देशों को सत्यापित करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सएप नंबर पर कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
आधा सच अराजकता का कारण
इस लेख में, ऑल्ट न्यूज़ इस बात की तथ्य-जांच करेगा कि किन राज्यों या जिलों ने महिलाओं को घर पहुंचाने की सेवा शुरू की है और उनके हेल्पलाइन नंबर क्या हैं।
तथ्य-जांच 1: ऐसी जगहें, जहां ‘1091’ और ‘7837018555’ वैध हैं
ऑल्ट न्यूज़ ने “1091 और 7837018555” के कीवर्ड से गूगल पर खोज की तो द ट्रिब्यून की 2 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में लुधियाना के पुलिस आयुक्त राकेश अग्रवाल का एक बयान है, “हमने लुधियाना में महिलाओं का बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। हमारे पास महिलाओं के लिए समर्पित दो हेल्पलाइन नंबर, 1091 और 7837018555 हैं। ये 24×7 खुले हैं। लुधियाना में घर तक मुफ्त सवारी पाने के लिए महिलाएं इन नंबरों को डायल कर सकती हैं।” (अनुवाद)
NDTV की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब की लुधियाना पुलिस, सालों भर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कैब खोजने में असमर्थ महिलाओं को मुफ्त में सवारी की पेशकश कर रही है। लुधियाना पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर दोनों नंबरों का महिला हेल्पलाइन के रूप में उल्लेख किया गया है।
अधिकांश वायरल सन्देशों में मुफ्त में घर पहुंचाने की सेवा पूरे भारत में हाल ही में शुरू की गई है, भ्रामक सूचना को बढ़ावा देने वाला है। सन्देश में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि ‘7837018555’ केवल लुधियाना में ही वैध है।
5 दिसंबर को, पंजाब पुलिस ने टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख को ट्वीट किया, जिसमें बताया गया था, “@Ludhiana_Police के महिला हेल्पलाइन नंबर पर रात में घर छोड़ने की सुविधाओं के बारे में पूछताछ करते हुए 3000 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। है। ये कॉल सिर्फ शहर के निवासियों के नहीं, बल्कि पंजाब से बाहर के लोगों के भी थे।” (अनुवाद)
Over 3000 calls have been received on the women helpline no. of @Ludhiana_Police inquiring about the facilities of dropping home at night.
These calls were not just from the city residents but also from outside Punjab.
For details, check: https://t.co/Q7EQ9lPXv4 pic.twitter.com/tiDiT0HFiS
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) December 5, 2019
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2016 की अधिसूचना के द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एसएमएस-आधारित सेवा के लिए ‘1091’ (महिला हेल्पलाइन) आवंटित की गई है। हालांकि, इसे अखिल भारतीय स्तर पर लागू नहीं किया गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय के तहत NARI (महिलाओं के लिए राष्ट्रीय सूचनागार) की वेबसाइट पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यात्मक महिला हेल्पलाइनों की सूची मिली है। ‘1091’ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में मान्य नहीं है। यह अंडमान और निकोबार के केंद्रशासित प्रदेश में भी मान्य नहीं है।
तथ्य-जांच 2: कौन से अन्य राज्य या जिले, घर पहुंचाने की पुलिस सेवा प्रदान करते हैं?
चंडीगढ़ पुलिस की वेबसाइट में कहा गया है, ‘अगर कोई महिला देर रात तक अपने घर से बाहर है और अपने घर तक सुरक्षित पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो, कैब आदि का लाभ नहीं उठा पा रही है, तो वह पीसीआर को 100 या 0172-2749194 या 0172-2744100 पर कॉल कर सकती है। पीसीआर महिला को चंडीगढ़ के भीतर उसके रहने के स्थान तक सुरक्षित रूप से छोड़ने के लिए अपना वाहन भेजेगा।’ (अनुवाद)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 3 दिसंबर को ट्वीट किया, “पंजाब में महिलाएं रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच किसी भी समय अपने घरों तक सुरक्षित पहुंचने के लिए मुफ्त पुलिस सहायता ले सकती हैं। यह सुविधा 100, 112 और 181 के ज़रिये उपलब्ध होगी जिसके माध्यम से आप पुलिस नियंत्रण कक्ष से जुड़ी रहेंगी। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक महिला अधिकारी भी आपके साथ रहेगी।” (अनुवाद) 3 दिसंबर को, पंजाब के सूचना और जनसंपर्क निर्देशालय ने सीएम सिंह का प्रेस नोट पोस्ट करके उनके बयान की पुष्टि की थी।
Women in Punjab can avail free police help to reach their homes safely anytime between 9 PM-6 AM. This facility will be available via-100, 112 & 181 through which you will be connected to Police Control Room. For an added sense of security, a lady officer will also accompany you. pic.twitter.com/kFzE8ZBr9b
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 3, 2019
4 दिसंबर को, नागपुर सिटी पुलिस ने ट्वीट किया, “हम महिलाओं के बचाव और सुरक्षा के लिए “होम-ड्रॉप” सुविधा प्रदान कर रहे हैं : कोई भी महिला जो रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच, अकेली/फंसी हुई है, घर जाने के लिए कोई साधन नहीं है, सुरक्षित रूप से उनके घर तक हमारे द्वारा मुफ्त में पहुंचाई जाएगी। डायल करें 100 या 1091 या 07122561103. #NagpurPolice # AlwaysThere4U।” (अनुवाद)
We are providing “HOME-DROP” facility for the Safety and Security of Women:
Any woman who is alone/stranded, with no means to go home, between 9pm – 5am, would be safely escorted by us till her home, FREE of Cost.
DIAL 100 or 1091 or 07122561103.#NagpurPolice#AlwaysThere4U
— Nagpur City Police (@NagpurPolice) December 4, 2019
5 दिसंबर को, न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया था, “हैदराबाद पुलिस ने गश्त करने और महिलाओं से संबंधित मसलों को संभालने के लिए महिलाओं को तैनात करना शुरू किया है। ‘वीमेन ऑन व्हील्स’ (WoW) नामक ये टीम बाइक पर शहर में गश्त करती है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में, वीमेन ऑन व्हील्स डायल 100 पर कॉल के आधार पर महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाएगी। यह SHE टीमों के साथ समन्वय से किया जाएगा।” (अनुवाद)
उसी दिन प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है, आंध्र प्रदेश ने 4 दिसंबर की रात को प्रकाशम जिले में ‘अभय’ नामक एक कार्यक्रम शुरू किया। राज्य ने इस सेवा के लिए आठ चार पहिया और 70 दोपहिया वाहनों को कार्य सौंपा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “आठ चार पहिया वाहनों में से प्रत्येक में एक पुरुष चालक और एक महिला पुलिस अधिकारी हैं, जो बॉडी कैमरा और वॉकी-टॉकी से लैस होते हैं, रात 9 बजे और सुबह 5 बजे के बीच 100 नंबर पर SOS कॉल प्राप्त होने के बाद भेजे जाने के लिए तैयार होते हैं। इनमें से चार वाहन वर्तमान में ओंगोल शहर में, दो चिराला में और एक कंदुकुर और मरकापुर कस्बों में स्थित हैं।” (अनुवाद)
6 दिसंबर को अहमदाबाद पुलिस ने ट्वीट किया, “अहमदाबाद पुलिस ने यह पहल #WomensDay पर मार्च 2018 में शुरू की। यदि कोई महिला रात में टैक्सी, ऑटो नहीं ले पाती है। बेझिझक 100 नंबर पर डायल करें। हम अपने वाहन उन्हें घर पर सुरक्षित रूप से छोड़ने के लिए भेज देंगे। #SafetyFirst #Police4Public” (अनुवाद)
Ahmedabad Police started this initiative on #WomensDay back in March 2018.
In case any lady is unable to get a taxi, auto at night. Feel free to Dial 100. We will send our vehicle to safely drop them at home. #SafetyFirst #Police4Public https://t.co/rxQpXjhe5t
— Ahmedabad Police (@AhmedabadPolice) December 6, 2019
हैदराबाद बलात्कार की हालिया घटना के मद्देनजर, कई राज्यों और जिलों ने महिलाओं के लिए घर तक पहुंचाने की सेवा शुरू की है। ऑल्ट न्यूज़ इस लेख को तब अपडेट करेगा जब अन्य प्रशासन इस सेवा को लागू करेंगे। अभी के लिए, यह सुविधा पंजाब, नागपुर, हैदराबाद, अहमदाबाद और आंध्र प्रदेश में उपलब्ध है। ‘1091’ नंबर को कई राज्यों को आवंटित किया गया है, जहां महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों में संकट के समय पर कॉल कर सकती हैं। कुछ पुलिस विभागों ने ‘1091’ को भी घर तक पहुंचाने का अनुरोध करने वाले नंबर के रूप में साझा किया है। मगर, ‘7837018555’ खास लुधियाना का नंबर है। प्रत्येक राज्य के लिए महिला हेल्पलाइन के आपातकालीन नंबरों की पूरी सूची NARI की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
पाठकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पुलिस (100), आग (101), स्वास्थ्य (108) और महिला हेल्पलाइन (1091) के नंबरों को एकीकृत करके, इस वर्ष एकल आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (112) लॉन्च किया गया था। 100, 101 और 102 नंबरों तक पहुंच सीमित है (ये स्थानीय क्षेत्र भर में कम पहुंच योग्य सेवाएं हैं); 108 और 181 नंबरों तक पहुंच (द हिंदू बिजनेस लाइन की दिसंबर 2012 की एक रिपोर्ट के अनुसार) को असीमित रूप में परिभाषित किया गया है (ये वो सेवाएं हैं, जो राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय कहीं से भी सुलभ होंगी)।
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