स्टेज पर बुर्का पहने बैठी कुछ महिलाओं की एक तस्वीर काफ़ी शेयर की जा रही है. इस तस्वीर में लिखे टेक्स्ट के मुताबिक, “किसान मंच पर महिला शक्ति – पंजाब की शेरनियों ने कबसे बुर्का पहनना शुरू कर दिया?” ये तस्वीर शेयर करते हुए यूज़र्स किसान प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. ट्विटर यूज़र ‘टिंकू’ ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “ये वहीं हैं…जो कागज नहीं दिखाएंगे”. गौर करें कि इस ट्वीट में हैशटैग खालिस्तान और खालिस्तानी का इस्तेमाल किया गया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
ये वहीं हैं…जो कागज नहीं दिखाएंगे#Khalistan #khalistani #FarmersProtestHijacked #Ghazipur #border #FarmersProtest #किसान_आंदोलन #Tikait pic.twitter.com/iqjRr8Nmyq
— Tinku (@Tinku59733052) January 15, 2021
ट्विटर हैन्डल “@ThePushpendra_” ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “किसान आंदोलन में ये आपाएं क्या कर रही हैं? कौन सी खेती करती हैं ये?” (आर्काइव लिंक)
किसान आंदोलन में ये आपाएं क्या कर रही हैं? कौन सी खेती करती हैं ये?🤔 pic.twitter.com/FNVQqSNOdv
— Pushpendra Kulshreshtha (@ThePushpendra_) January 16, 2021
इंडिया वायरल नामक वेबसाइट ने अपने एक आर्टिकल में ये तस्वीर शेयर कर दावा किया कि किसान आंदोलन पर इस्लाम से जुड़े लोगों और वामपंथियों ने कब्ज़ा कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, बुर्का पहनी ये महिलाएं वास्तव में महिला है भी या नहीं ये बात स्पष्ट नहीं है. इस आर्टिकल में किसान आंदोलन को बदनाम करने की पूरी कोशिश की गई है. (आर्काइव लिंक)
ट्विटर और फ़ेसबुक पर और भी कई यूज़र्स ने ये तस्वीर शेयर की है.
फ़ैक्ट-चेक
फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ‘इंडियन मुस्लिम’ पेज का 14 जनवरी का पोस्ट मिला. इस पोस्ट के मुताबिक, “मुस्लिम समुदाय ने टिकरी बॉर्डर के प्रदर्शन में हिस्सा लिया. हम संगठित हैं.” इस पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरों में आपको वैसा ही पंडाल देखने को मिलेगा जैसा वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा है.
“Muslim Community Arrived at Tikkri Border to Participate in Protest. We are United.”
#FarmersDemandJustice
#FarmersProstestsVia Bharatiya Kisan Union Ughran
Posted by Indias Muslims on Thursday, 14 January 2021
आगे, बीकेयू के फ़ेसबुक पेज पर हमें वायरल तस्वीर के जैसी ही कुछ तस्वीरें मिली. इन तस्वीरों में आप मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज़ पढ़ते, भाषण देते हुए देख सकते हैं.
Posted by Bharti Kisan Union Ekta Ugrahan / ਭਾਰਤੀ ਕਿਸਾਨ ਯੂਨੀਅਨ ਏਕਤਾ ਉਗਰਾਹਾਂ on Thursday, 14 January 2021
बीकेयू के ट्विटर हैन्डल से भी ये तस्वीरें शेयर की गई हैं. ट्वीट के मुताबिक, “किसानों के समर्थन में पंजाब के मालेरकोटला से मुस्लिम समुदाय की महिलाएं टिकरी बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुई.” बीकेयू के इंस्टाग्राम पेज से भी ये तस्वीरें पोस्ट की गई हैं.
The Muslim community came to Tikri Border in support of the farmers
From Malerkotla (Punjab) a group of Muslim women reached Tikri border. pic.twitter.com/RXkw1nm9Pz— BKU_EKTA_UGRAHAN (@Bkuektaugrahan) January 14, 2021
13 जनवरी 2021 की द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में मालेरकोटला के डॉ. नसीर अख्तर के हवाले से बताया गया है कि मालेरकोटला से 30 लोग हैं. सभी मुस्लिम समुदाय के ही हैं. वो पिछले 40 दिनों से सिंघू बॉर्डर पर लंगर चला रहे हैं. नसीर और उनके साथियों ने वॉटर प्रूफ़ टेंट भी लगाए हैं ताकि ठंड में किसान सो सकें. इसके अलावा, उन्होंने 100 गद्दे और चादरों का भी इंतज़ाम किया है. द कारवां के असिस्टन्ट फोटो एडिटर शहीद तंत्रय ने टिकरी बॉर्डर पर नमाज़ पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक तस्वीर ट्वीट की है.
Indian Punjabi Muslims from Maler Kotla offering evening prayers, expressing their solidarity with farmers protesting against farm laws at Tikri border. The farmers have blocked the highway for the last 50 days to express their discontent with the Modi regime.#farmersrprotest pic.twitter.com/y5U5Q45HlB
— Shahid Tantray- شاہد تانترے (@shahidtantray) January 15, 2021
पत्रकार साहिल मुरली मेंघानी ने 15 जनवरी को टिकरी बॉर्डर का एक वीडियो ट्वीट किया था. ट्वीट के मुताबिक, अलग-अलग धर्म की महिलाएं टिकरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के समर्थन में इकट्ठा हुई थीं.
👉Haters will not like this video
👉Hindu-Muslim-Sikh unity on display
👉Women of various religions gather at Tikri Border
👉’Hindu-Muslim-Sikh-Isai, Assi hain sare bhai-bhai’
👉Meet is on between Modi sarkar & farmers at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/XqtCIurUkm
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) January 15, 2021
यहां गौर करें कि टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए ये मुस्लिम महिलाएं शामिल हुई थीं. इस घटना की तस्वीर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ शेयर की गई. इस प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश पिछले कई दिनों से की जा रही है. पहले भी कई पुरानी और असंबंधित तस्वीरें, वीडियोज़ किसानों के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए शेयर किये गए हैं.
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