11 सितंबर को दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर के एक द्वीप पापुआ न्यू गिनी में 7.6-तीव्रता का भूकंप आया. सोशल मीडिया पर इस घटना के फ़ुटेज के रूप में भूकंप का एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि ज़मीन पर बड़ी दरारें दिख रही हैं और लोग घबराकर भाग रहे हैं. वीडियो में भूकंप की वजह से लोगों को प्रार्थना करते हुए भी सुना जा सकता है.

NDTV ने अपनी रिपोर्ट में इस वीडियो के एक फ़्रेम का इस्तेमाल पापुआ न्यू गिनी में आए भूकंप के झटके के फीचर इमेज के रूप में किया है. (आर्काइव्ड लिंक)

NDTV ने वीडियो का सोर्स Reddit यूज़र ChrisM707 को दिया है. उनके पोस्ट को 2.8k लाइक्स मिले. (आर्काइव्ड लिंक)

हिंदुस्तान टाइम्स ने इस घटना के कई वीडियोज़ ट्वीट किए. इनमें से पहला वीडियो वायरल क्लिप है. (आर्काइव्ड लिंक) हालांकि, वीडियो के उपर एक टेक्स्ट में लिखा है, “हिंदुस्तान टाइम्स वीडियो की पुष्टि नहीं करता.”

पापुआ न्यू गिनी भूकंप पर रिपोर्ट करते समय द वेदर चैनल ने भी इस वीडियो का इस्तेमाल किया. (आर्काइव्ड लिंक)

कई यूज़र्स ने ये वीडियो इस दावे के साथ ट्वीट किया गया है कि ये पापुआ न्यू गिनी में आए भूकंप का है. (आर्काइव्ड लिंक)

ज़ी न्यूज़ ने भी भूकंप की ख़बर देते हुए इस वीडियो के एक फ़्रेम का इस्तेमाल किया. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो से की-फ्रेम लेकर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को 15 अक्टूबर, 2018 को डेव पेटली का एक एडवांस्ड अर्थ एंड स्पेस साइंस ब्लॉग पोस्ट मिला. प्रोफ़ेसर पेटली, यूनाइटेड किंगडम के हल (Hull) यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर हैं. उनके ब्लॉग में दुनिया भर में होने वाली लैंडस्लाइड की घटनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और विश्लेषण किया जाता है. इस विशेष पोस्ट में ढलानों पर होने वाले लैंडस्लाइड का जियोलॉजिकल विश्लेषण किया गया था जिसे सितंबर 2018 में सुलावेसी भूकंप के दौरान इंडोनेशिया में पालू के उपनगर सिगी बिरोमारू में देखा गया था.

ब्लॉग पोस्ट में प्रोफ़ेसर पेटली ने भूकंप के दौरान सिगी बिरोमारू में लिए गए फ़ुटेज के स्क्रीनग्रेब का इस्तेमाल किया है. उनके द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीरें वायरल वीडियो से मेल खाती हैं.

यूट्यूब पर “Sigi Biromaru 2018” की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 7 अक्टूबर, 2018 को अपलोड किए गए वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला.

इस वीडियो में दिख रहे ऐसे दो महत्वपूर्ण फ़्रेम से ये बात साबित होती है कि वीडियो असल में इंडोनेशिया में लिया गया था. वीडियो में 1 मिनट 56 सेकेंड पर, नीचे की ओर एक एरो का साइनबोर्ड और एक टेक्स्ट देखा जा सकता है जिसमें ‘MASUK’ लिखा है. ‘MASUK’ एक इंडोनेशियाई शब्द है. इसका मतलब ‘एंटर’ यानी, अंदर आना होता है. इसके अलावा, 3 मिनट 53 सेकेंड पर, एक विशिष्ट गैस स्टेशन साइनबोर्ड देखा जा सकता है जिस पर ‘PERTAMINA’ टेक्स्ट लिखा है. इसकी वेबसाइट के अनुसार, Pertamina इंडोनेशिया सरकार की राष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी है.

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गेटी इमेजेज ने इस वीडियो को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड किया था. इस फ़ुटेज का क्रेडिट उन्होंने दीवान डाकवा इस्लामिया को दिया है. वीडियो उस वक्त लिया गया था जब सुलावेसी द्वीप पर 7.4-तीव्रता का भूकंप आया था. इससे डोंगगला और पालू शहरों में सुनामी आ गई थी. जानकारी के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 2,045 पहुंच गई थी.

ऑल्ट न्यूज़ को टाइम फ़िल्टर के साथ ट्विटर पर इंडोनेशियाई में की-वर्ड्स सर्च के माध्यम से सिगी बिरोमारू में 2018 में आए भूकंप के बाद के कई पोस्ट मिले. इनमें हमें पर्टामिना गैस स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्रों की कुछ तस्वीरें और वीडियोज़ मिले जो भूकंप में तबाह हो गए थे. (पहला, दूसरा, तीसरा)

एक साफ तस्वीर में साइनबोर्ड पर लिखा एक नंबर देखा जा सकता है. साइनबोर्ड पर लिखा है, “74.943.18.”.

गूगल पर ये नंबर सर्च करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ को एक Pertamina मीडिया फ़ाइल मिली. फ़ाइल के 10वें पेज में इस गैस स्टेशन की एक तस्वीर है जिस पर ये नंबर लिखा है. इसके साथ ही गैस स्टेशन के सामने की दुकान की तस्वीर है जिसे वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है.

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तस्वीर का टाइटल है, ‘Kondisi SPBU Pertamina 74.943.18 di Kecamatan Sigi setelah diguncang gempa 7,4 SR’ (अनुवाद: 7.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों बाद सिगी जिले में पर्टामिना गैस स्टेशन 74,943.18 की स्थिति). पेज के निचले हिस्से में लिखा है, ‘SPBU Pertamina di Kabupaten Sigi luluh lantak pasca bencana. SPBU tersebut tidak dapat beroperasi lagi karena permukaan tanah di sekitar SPBU terangkat karena dampak gempa dan likuifaksi’ (अनुवाद: सिगी रीजेंसी में Pertamina गैस स्टेशन आपदा के बाद नष्ट हो गया. गैस स्टेशन अब काम नहीं कर सकता क्योंकि इसके आसपास की ज़मीन भूकंप और द्रवीकरण के प्रभाव में आ गई है).

8 अक्टूबर, 2018 को वार्टकोटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, वहां रहने वाले लोगों ने सिगी में पालू-पलोलो राजमार्ग के करीब स्थित इस गैस स्टेशन को लूट लिया, क्यूंकि ये अथॉरिटीज़ द्वारा संरक्षित नहीं था. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि जब ट्रिब्यून लोकेशन पर मौजूद था उस वक्त भी गैस स्टेशन की स्थिति बहुत चिंताजनक थी. पूरी छत और खंभे झुके हुए थे. ज़मीन पर दरारें आ गई थी.

दिलचस्प बात ये है कि इस वीडियो को पहले भी ग़लत जानकारी के साथ शेयर किया जा चुका है. यही वीडियो पहले इस दावे के साथ शेयर किया गया था कि ये 14 जनवरी, 2022 को बैंटन में 6.6 तीव्रता के भूकंप का दृश्य है.

AFP ने इस भ्रामक दावे की फ़ैक्ट-चेक की थी. 9 अक्टूबर, 2018 को पालू में आए एक और भूकंप के बाद भी इस वीडियो को शेयर किया गया था. बाद में सच्चाई सामने आ गई थी.

कुल मिलाकर, ये साफ है कि इंडोनेशिया में सिगी बोरिमारू के आस-पड़ोस के क्षेत्रों पर 2018 सुलावेसी भूकंप के प्रभाव का एक पुराना वीडियो पापुआ न्यू गिनी में हाल ही में आए भूकंप का फ़ुटेज के रूप में ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. NDTV ने बाद में बिना किसी स्पष्टीकरण के अपना आर्टिकल अपडेट कर दिया.

 

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.