दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान धार्मिक हिंसा भड़की. इसके बाद 20 अप्रैल को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कई मकानों व निर्माण पर बुलडोज़र चलवा दिया. इसमें एक मस्जिद के दरवाजे भी बुलडोज़र से तोड़ दिए गए. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कार्यवाही की कड़ी आलोचना की. इन सब के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में मंदिरों के टूटने का वीडियो सोशल मीडिया व मेनस्ट्रीम मीडिया में इस ऐंगल के साथ चलाया जाने लगा कि ये राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट तोड़ने का बदला मंदिर को बुलडोज़र से तोड़कर लिया है.
आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के अलवर ज़िले में मास्टर प्लान के तहत गौरव पथ के निर्माण में आ रही बाधाओं को हटाया गया, जिसमें मंदिर भी शामिल था. इस मामले में कांग्रेस का आरोप है कि राजगढ़ नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड है वहां 35 में से 34 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के हैं और मात्र एक पार्षद कांग्रेस का है. इसलिए मंदिर को भाजपा के इशारे पर तोड़ा गया. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि बोर्ड ने कभी भी मंदिर तोड़ने का फैसला नहीं लिया बल्कि यह सब प्रशासन द्वारा किया गया है.
न्यूज़18 टीवी चैनल ने अपने ‘देश नहीं झुकने देंगे’ शो में दावा किया कि ‘जहांगीरपुरी का बदला, महादेव पर हमला’ हुआ है. चैनल ने जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट टूटने का वीडियो ग्राफिक्स के साथ चलाते हुए इसे 20 अप्रैल की घटना बताया और अलवर में मंदिर के टूटने का वीडियो चलाते हुए इसे 22 अप्रैल की घटना बताया.
इस शो के होस्ट अमन चोपड़ा ने अपने शो के एक हिस्से का वीडियो भी ट्वीट किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया. (आर्काइव लिंक) हालांकि डिलीटेड वीडियो यूट्यूब पर अब भी मौजूद है. इस शो के बारे में ट्वीट करते हुए अमन चोपड़ा ने ये भी लिखा, “जहांगीरपुरी में बुलडोजर का दंड, अलवर में शिवलिंग खंड खंड?” अमन चोपड़ा ने पूरी तरह से सांप्रदायिक दावा करते हुए कहा, “इतना बड़ा संयोग है कि 2 दिन पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट पर बुलडोज़र चला और आज राजस्थान के अलवर में 3 मंदिर तोड़ डाले गए. एक मंदिर तो 300 साल पुराना है. ये इतना बड़ा इत्तफ़ाक है या कोई कनेक्शन है. ये जहांगीरपुरी का बदला है क्या?” (आर्काइव लिंक).
आज तक टीवी चैनल ने अपने शो ‘हल्ला बोल विद अंजना ओम कश्यप’ में ग्राफिक्स चलाया “मंदिर पर बदले का बुलडोज़र”. इस शो में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जिस प्रकार से दिल्ली के जहांगीरपुरी में वैधानिक कार्य को कम्यूनल रंग देने की कोशिश की गई और अब राजस्थान के अलवर में मंदिर पर बुलडोज़र चलना दर्शाता है कि यह बदले के भाव से किया गया. संबित पात्रा का ये बयान 4 मिनट 10 सेकंड से सुना जा सकता है. इसी शो में भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी दावा किया कि राजस्थान के अलवर की घटना असल में जहांगीरपुरी का बदला है. गौरव भाटिया का ये बयान 9 मिनट 55 सेकंड से सुना जा सकता है. (आर्काइव लिंक)
रिपब्लिक भारत टीवी चैनल की अपने 22 अप्रैल के ‘5 का प्रहार‘ शो के प्रोमो में दावा किया, “हिंदुओं की आस्था पर चोट, गहलोत की नीयत में खोट! मंदिर में बुलडोजर चला, जहांगीरपुरी का ‘बदला’? दिल्ली की लड़ाई, राजस्थान में कार्रवाई?”, इस शो की होस्ट हिमानी नैथानी ने अपने ट्वीट में भी ऐसा ही लिखा. (आर्काइव लिंक)
हिंदुओं की आस्था पर चोट, गहलोत की नियत में खोट! देखिए ‘5 का प्रहार’ 5 बजे सिर्फ रिपब्लिक भारत पर LIVE- https://t.co/2G7CKH45An pic.twitter.com/CXWbUnASRT
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) April 22, 2022
भाजपा राजस्थान ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा “जिस वक्त जहांगीरपुरी में दंगाइयों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चल था उसी वक़्त जहांगीरपुरी का बदला लेने राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने अलवर में 300 साल पुराना शिवालय बुलडोजर से ढहा दिया”. बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया. (आर्काइव लिंक)
ये दावा सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
राजस्थान के अलवर में मंदिर के टूटने का वीडियो जहांगीरपुरी का बदला बताकर शेयर किया जा रहा था. जब हमने मामले से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए गूगल पर कुछ की-वर्ड्स सर्च किए तो हमें 22 अप्रैल को आज तक पर प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट में अलवर ज़िला प्रशासन के हवाले से कहा गया है कि अतिक्रमण 17 और 18 अप्रैल को हटाया गया. हमें ज़ी राजस्थान के 17 अप्रैल का ट्वीट मिला जिसके मुताबिक, अलवर ज़िले के राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत मकानों और दुकानों पर कारवाई की गई. यानी, ये मामला जहांगीरपुरी में 20 अप्रैल को मस्जिद के गेट पर बुलडोज़र चलने से पहले का है.
डेट फ़िल्टर के साथ ट्विटर पर कुछ की-वर्ड्स सर्च करने से हमें मंदिरों के तोड़े जाने के 2 अलग-अलग वीडियो 18 अप्रैल और 19 अप्रैल के ट्वीट में मिले. जिन दो वीडियोज़ को न्यूज़18 ने 22 अप्रैल का बताया है वो दरअसल जहांगीरपुरी घटना के पहले से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं. और अगर ये वीडियोज़ 20 अप्रैल में जहांगीरपुरी अतिक्रमण हटाए जाने के 2 दिन पहले से सोशल मीडिया पर मौजूद है तो ये उस घटना का बदला कतई नहीं हो सकता.
कुल मिलाकर, जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट टूटने के बाद बदले की भावना से राजस्थान के अलवर में मंदिर को तोड़े जाने का दावा बिलकुल झूठा है. कई टीवी चैनलों, ऐंकरों सहित राजस्थान भाजपा और पार्टी के नेताओं व समर्थकों द्वारा पूरी तरह से एक झूठी नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की गई कि अलवर मंदिर पर कारवाई जहांगीरपुरी घटना के बाद बदले की भावना से की गई है. न्यूज़ पोर्टल पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान पुलिस ने न्यूज़18 के ऐंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ़ भड़काऊ रिपोर्ट प्रकाशित करने के मामले में राजद्रोह सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.
अलवर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के ट्विटर हैंडल से अतिक्रमण हटाए जाने का घटनाक्रम का प्रेस नोट जारी किया गया है. इसके मुताबिक, 17 और 18 अप्रैल को अतिक्रमण हटाया गया था.
[न्यूज़18 ने बाद में यूट्यूब से अपना वीडियो डिलीट कर दिया.]#PressNote @SHIVNAKATE @RajCMO @RajGovOfficial @DIPRRajasthan pic.twitter.com/kgn5LsaYBl
— District Collector & Magistrate, Alwar (@DMDCAlwar) April 22, 2022
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