सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि चीन ने हाल ही में एक ‘आर्टिफ़िशियल सूरज लॉन्च’ किया. वीडियो के आलावा, दावे में इस बात का ज़िक्र नहीं है कि कथित लॉन्च किस वक्त या किस ज़गह पर हुआ था.
ट्विटर पर ये वीडियो कई प्रमुख अकाउंट्स ने ट्वीट किया जिनमें पॉप संस्कृति और संगीत को कवर करने वाली वेबसाइट रैपटीवी, और खुद को एक क्रिप्टो निवेशक बताने वाले मिस्टर व्हेल शामिल हैं.
China debuted a new artificial sun ‼️😳
pic.twitter.com/6ncKa4VQy0— RapTV (@raptvcom) January 10, 2022
China just launched their artificial sun
What in the dragon ball z is going on… pic.twitter.com/O3LBoPV8IC
— Mr. Whale (@CryptoWhale) January 10, 2022
China’s “artificial sun” set a new world record after superheating a loop of plasma to temperatures five times hotter than the sun for more than 17 minspic.twitter.com/5rd9mCPDKY
— AuxGod (@AuxGod_) January 9, 2022
भारतीय टीवी पत्रकार विवेक बाजपेयी ने भी ये वीडियो हिंदी कैप्शन के साथ ट्वीट किया.
#Video देखिये ऐसे निकला था चीन का ‘नकली सूरज’#China #ArtificialSun pic.twitter.com/xJV4OMypVO
— Vivek Bajpai (@vivekbajpai84) January 10, 2022
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो की जांच करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने गौर किया कि बैकग्राउंड में कुछ लोग बात करते हुए सुने जा सकते हैं. इस बातचीत को समझने के लिए हमने एक चीनी तकनीकी हस्ती नाओमी वू से संपर्क किया. नाओमी वू के अनुसार, वीडियो में दो लोगों को सुना जा सकता है, एक आदमी और एक महिला. आदमी कह रहा है, “इसे जलाया गया है, इसे जलाया गया है (वो इसे कई बार दोहराता है). रॉकेट अभी लॉन्च हो रहा है.” और महिला कहती है, “क्या आप मेरी बात सुन सकते हैं?”. महिला शायद फ़ोन पर किसी से बात कर रही थी.
हमने ये भी देखा कि ट्विटर यूज़र @BleuZ00m ने ये वीडियो शेयर करने वाले एक ट्विटर हैंडल को जवाब दिया था. उन्होंने ये सुझाव दिया कि वायरल वीडियो हाल ही में हुए रॉकेट लॉन्च का हो सकता है. उन्होंने अपने जवाब के साथ एक आर्टिकल का लिंक शेयर किया जो 23 दिसंबर, 2021 को पब्लिश हुआ था. इस आर्टिकल में लिखा है, “… लॉन्ग मार्च 7A ने पूर्वी तटीय वेनचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से सुबह 5 बजकर 12 मिनट पर उड़ान भरी, जो सूर्यास्त के तुरंत बाद बादलों से घिरे आसमान में ऊपर की ओर बढ़ गया.” यहां ‘तटीय’ शब्द ज़रुरी है क्योंकि ये हमें प्रांत के बारे में जानने में मदद करता है.
हमने TOR ब्राउज़र की मदद से चीनी सर्च इंजन प्लेटफ़ॉर्म, Baidu पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमें 2020 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें दक्षिण चीन के हैनान प्रांत के तटीय शहर वेनचांग में एक “स्पेस टाउन” लॉन्गलू में पर्यटन को बढ़ावा देने के बारे में बात की गई थी. हमें एक और रिपोर्ट मिली जिसमें साफ तौर पर समुद्र तट की एक तस्वीर दिखाई दे रही है. इन सभी सूचनाओं से हमें ये जानने में आसानी हुई कि इस वीडियो को लॉन्गलू में शूट किया गया था.
हमें वीडियो का असली सोर्स नहीं मिला लेकिन हमें रॉकेट लॉन्च का एक और वीडियो यूट्यूब पर मिला. ये वीडियो दूसरे ऐंगल से शूट किया गया है. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “…एक लॉन्ग मार्च 7A रॉकेट ने 18:12 पर वेनचांग लॉन्च सेंटर से इस जोड़ी को लॉन्च किया.”
यानी, शेयर गया वीडियो 23 दिसंबर 2021 को चीन के लॉन्गलू में शूट किए गए रॉकेट लॉन्ग मार्च 7A के लॉन्च का है.
ये आसमान में सूरज की तरह क्यों दिखाई देता है?
शाम या रात में वीडियो रिकॉर्ड करने के दौरान बहुत ज़्यादा रौशनी के संपर्क के कारण रॉकेट लॉन्च की रिकॉर्डिंग पर गोलाकार आकृति दिखाई देना बहुत आम है. हमने नीचे एक उदाहरण दिया है.
क्या चीन वास्तव में कृत्रिम सूर्य का निर्माण कर रहा है?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने Baidu पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमें चीनी स्टेट-एफ़िलिएटेड मीडिया Xinhua की एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) या चीनी ‘आर्टिफ़िशियल सूरज’ ने 31 दिसंबर 2021 को किए गए अपने प्रयोग में 1,056 सेकंड के लिए निरंतर उच्च तापमान प्लाज्मा ऑपरेशन हासिल किया जो दुनिया में इस तरह के ऑपरेशन का सबसे लंबा समय है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि हेफ़ेई में ASIPP (इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्लाज़्मा फिजिक्स ऑफ़ द चाइनीज एकेडमी ऑफ़ साइंसेज) में स्थित EAST का अंतिम लक्ष्य, एक स्थिर धारा प्रदान करने के लिए समुद्र में काफी मात्रा में ड्यूटेरियम का इस्तेमाल करके सूरज की तरह स्वच्छ ऊर्जा का परमाणु संलयन बनाने का है. “आर्टिफ़िशियल सूरज” के आकाश में लॉन्च करने का कोई ज़िक्र नहीं है.
कुल मिलाकर, चीन असल में स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए ‘आर्टिफ़िशियल सूरज’ बनाने पर काम कर रहा है. ये कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आसमान में लॉन्च किया जाएगा. जो वीडियो आर्टिफ़िशियल सूरज के ‘लॉन्च’ का बताया जा रहा है, वो असल में दूर से रिकॉर्ड किया गया एक रॉकेट लॉन्च है.
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