कार्डबोर्ड के बक्सों में लिपटे शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया में इस दावे के साथ प्रसारित की जा रही हैं कि ये उन पुलिसकर्मियों के शरीर हैं जो हाल ही महाराष्ट्र में हुए नक्सली हमले में मारे गए थे।
ट्विटर पर कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये तस्वीरें शेयर की हैं।
मारे गए पुलिसकर्मियों के कथित अपमान पर पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए, तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दो साल पुरानी तस्वीरें
गूगल पर एक साधारण रिवर्स-सर्च से यह खुलासा हो गया कि सोशल मीडिया पर चलने वाली ये तस्वीरें 2017 में हुई एक घटना से संबंधित हैं, जब तवांग में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात सैन्यकर्मी मारे गए थे।
उत्तरी सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचएस पनाग उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने तस्वीरों को ट्वीट किया था।
Seven young men stepped out into the sunshine yesterday, to serve their motherland. India.
This is how they came home. pic.twitter.com/OEKKcyWj0p— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) October 8, 2017
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया था।
Shocked to see bodies of 7 @IAF_MCC & @adgpi Tawang crash victims brought in cartons. Is this how we treat our brave men? pic.twitter.com/dP5HGsRvTH
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 8, 2017
गढ़चिरौली के शहीदों का अंतिम संस्कार
महाराष्ट्र के नक्सली हमले में 15 पुलिसकर्मियों की मौत की खबरें मीडिया में व्यापक रूप से दी गई थीं। अंतिम संस्कार की तस्वीरें मारे गए सुरक्षाकर्मियों को दिए गए राजकीय सम्मान को दिखलाती हैं। उनके शरीर कार्डबोर्ड बॉक्स में नहीं लिपटे थे, जैसा कि सोशल मीडिया में दावा किया गया था।
Maharashtra: Wreath laying ceremony of the security personnel who lost their lives in the IED blast attack by Naxals in Gadchiroli, yesterday. pic.twitter.com/BYDYAbX4DJ
— ANI (@ANI) May 2, 2019
असंबंधित घटनाओं का चित्रण करने वाली तस्वीरें या वीडियो अक्सर बदले हुए संदेश के साथ सोशल मीडिया में प्रसारित किए जाते हैं। हाल ही के श्रीलंका के ईस्टर बम विस्फोटों और फरवरी में भारतीय सेना के बालाकोट हवाई हमले के बाद भी इसी तरह का पैटर्न देखा गया था।
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