“यह जस्टिस श्रीकृष्ण है। मुंबई हाईकोर्ट के एक ईमानदार जज, जिन्हे सर्वोच्च न्यायलय में भी रखा गया था। कृपया उन्हें सुनिए कि वह हैदराबाद मुठभेड़ के बारे में क्या कह रहे है और यह न्यायिक व्यवस्था को कैसे असर करता है।” (अनुवाद)
उपरोक्त सन्देश को सोशल मीडिया में एक वीडियो के साथ साझा किया जा रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को हालिया हैदराबाद मुठभेड़ और न्यायिक प्रणाली के बारे में अपने विचार रखते हुए सुना जा सकता है। इस वीडियो को हैदराबाद बलात्कार-हत्या के सभी आरोपियों को एक मुठभेड़ में पुलिस द्वारा मार गिराने की घटना की पृष्भूमि में साझा किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति मुठभेड़ के सन्दर्भ में, न्यायिक प्रक्रिया में हो रही देरी और न्यायिक व्यवस्था की उदासीनता के बारे में बात कर रहे हैं। इसके साथ दावा किया गया है कि यह व्यक्ति जज श्रीकृष्ण है, “मुंबई हाईकोर्ट के काफी ईमानदार जज” (अनुवाद)। यह ध्यान देने लायक है कि जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण 2002 से 2006 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं।
एक वीडियो में उन्हें मामले में ठोस सबूतों की कमी का हवाला देते हुए सुना जा सकता है कि, “इस मामले को पुलिस द्वारा साबित कर पाना काफी मुश्किल था, और उन्हें आरोपियों में से किसी एक को ज़ुर्म स्वीकार करवाना अनिवार्य था। इस कारण वह यह कदम उठाने पर मज़बूर हुए। पुलिस उसके बाद क्या करती? वे अदालत जाते और फ़ास्टट्रेक कोर्ट के बावजूद आरोपी आगे की अदालत में अपील दायर करते और उसके बाद फिर वे उच्च न्यायालय जाते और उसमें महीनों के महीनों निकल जाते, वे एक अदालत से दूसरी अदालत और फिर उच्च और अंत में सर्वोच्च न्यायालय जाते और अगर उन्हें फांसी की सज़ा दी जाती तो बाद में इस मामले में राष्ट्रपति शामिल हो जाते। लेकिन महिलाओं और सज्जनों वास्तविक सवाल यह नहीं है। हमारी न्यायिक व्यवस्था टूट चुकी है। यह काफी दयनीय है। ऐसे भी कई मामले हैं जो बिना अंत के दो से तीन दशकों तक चलते रहे हैं क्योंकि उनके मन में निहित स्वार्थ है।” (अनुवाद)
This is Justice Sri Krishna. A very upright judge from Mumbai High Court, who was also elevated to the Supreme Court in India
Please listen to what he says about the Hyderabad encounter and what ails the Judiciary system
Posted by Gopa Kumar on Monday, 9 December 2019
कई फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने इस 5:03 मिनट के वीडियो को समान सन्देश के साथ पोस्ट किया है।
इस वीडियो को ट्विटर पर भी साझा किया गया है। यह वीडियो यूट्यूब पर भी अपलोड किया गया है। इस वीडियो को कई लोगों ने ऑल्ट न्यूज़ एप्प पर भी पड़ताल करने के लिए भी भेजा है।
तथ्य जांच: झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति जस्टिस श्रीकृष्ण नहीं है। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति सुरेश कोचट्टिल हैं, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वीडियो को खुद उन्होंने अपने ट्विटर पर 9 दिसंबर को पोस्ट किया था।
A few days ago, to be precise, on the day when Cyberabad Police knocked off the four accused in #Disha rape and murder case, i posted on Facebook, a video recorded on my mobile phone. It was a set of points that were going on in my mind and i just spoke.https://t.co/ZlHg714oAf
— Suresh Kochattil (@kochattil) December 9, 2019
इसके अलावा, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति यानी सुरेश कोचट्टिल जस्टिस बी एन श्रीकृष्णा की तरह दिखते भी नहीं हैं।
2018 में जब केरल एक भारी बाढ़ से गुज़र रहा था, कोचट्टिल ने एक बड़ा विवाद निर्मित किया था। उस वक़्त एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे बाढ़ पीड़ितों को राहत न भेजें क्योंकि वे “बहुत अच्छा” करने वाले परिवार थे। इस प्रकार ऑडियो में सिर्फ अमीरों को बाढ़ से प्रभावित बताया गया था। उन्होंने आगे बताया था कि आरएसएस एक सहयोगी संगठन सेवा भारती को दान करें।
यह ध्यान देने लायक है कि वीडियो में हैदराबाद मुठभेड़ और न्यायिक प्रणाली के बारे में बात करने वाले व्यक्ति, बॉम्बे हाईकोर्ट के जज श्रीकृष्ण नहीं है। वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति भाजपा के सदस्य सुरेश कोचट्टिल हैं।
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