26 दिसंबर, 2019 को, ट्विटर उपयोगकर्ता @RinaThakur_ ने एक महिला द्वारा बच्चे को तारों के बीच से दूध पिलाने की तस्वीर इस दावे से साझा की कि यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी की है। उपयोगकर्ता ने दावा किया है कि महिला को भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध करने पर हिरासत में लिया गया है।
पूर्ण सन्देश के अनुसार, “#यूपी_65 नरेंद्र दामोदर दास मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में. जब मां डिटेंशन सेंटर के अंदर हो और बच्चा डिटेंशन सेंटर के बाहर. बनारस की एकता को #NRC का विरोध करने के कारण जेल में डाल दिया गया. उसकी छोटी सी बेटी बाहर है !बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ = बेटी को जन्म दो मरता छोड़ दो ।”
#यूपी_65 नरेंद्र दामोदर दास मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में
👉जब मां डिटेंशन सेंटर के अंदर हो और बच्चा डिटेंशन सेंटर के बाहर
बनारस की एकता को #NRC का विरोध करने के कारण जेल में डाल दिया गया..उसकी छोटी सी बेटी बाहर है !
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ = बेटी को जन्म दो मरता छोड़ दो ।। pic.twitter.com/gJwUrkTiiL— रीना ठाकुर (@RinaThakur_) December 24, 2019
उसी दिन फेसबुक उपयोगकर्ता एम जी टंडन ने गुस्से से भरी एक पोस्ट साझा की, जिसमें CAA और NRC का विरोध किया गया। उपयोगकर्ता ने @RinaThakur_ की पोस्ट में साझा की गई तस्वीर को एक जोड़े और उनके नवजात बच्चे की सेल्फी तस्वीर भी शामिल थी। पोस्ट के अनुसार, जोड़े की पहचान रवि और एकता शेखर के रूप में की गई है।
पड़ताल
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर को TinEye पर रिवर्स सर्च किया और पाया कि इंटरनेट पर इस तस्वीर की मौजूदगी 2013 से है। यह वायरल तस्वीर एक इटालियन वेबसाइट controappuntoblog.org पर 13 जनवरी, 2013 को पोस्ट की गई थी।
ब्लॉग के अनुसार, यह तस्वीर अर्जेंटीना की है, पोस्ट के मुताबिक, “जहां एक “संघीय प्लान” के अनुपालन में, पुलिस ने आसपास के व्यस्त क्षेत्र को तारों से बंद कर दिया और जो लोग निकल चुके थे या नहीं निकल पाए थे उन्हें वहां पर बंद कर दिया।” (अनुवाद) अन्य कुछ वेबसाइट ने भी इस वीडियो को साझा कर इसे अर्जेंटीना का बताया है। उदाहरण के लिए, एक स्पेनिश वेबसाइट indymedia.org और एक ग्रीक वेबसाइट archive.cretalive.gr ने भी इसे अर्जेंटीना का बताया है।
28 दिसंबर की एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, “इस तस्वीर को पहली बार 13 जनवरी, 2013 को अर्जेंटीना के बाहिया ब्लांका में लिया गया था। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, विला डेफिना नेइबरहुड में सार्वजानिक आवास का निर्माण चल रहा था। इस तस्वीर को ईमारत की अपूर्ण परिसर में खिंचा गया था, जहां पर कई लोग बैठ गए थे। उन्हें कई दिनों के बाद वहाँ से हटा दिया गया था।” (अनुवाद) हालांकि, मीडिया संगठन ने बताया कि, यह स्पष्ट नहीं है कि महिला तारों के मध्य से स्तनपान क्यों करवा रही थी।” (अनुवाद)
दूसरी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर रिवर्स सर्च किया और हमने पाया कि बीबीसी पंजाबी ने 27 दिसंबर की अपनी रिपोर्ट में इस तस्वीर को प्रकाशित किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, रवि शेखर और उनकी पत्नी एकता को पुलिस ने 19 दिसंबर को वाराणसी में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया था। शेखर और एकता महमूरगंज से अपनी बच्ची को दादा-दादी को सौंपते हुए वाराणसी में प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
इस प्रकार, सोशल मीडिया का यह दावा कि उत्तरप्रदेश के हिरासत केंद्र में एक माँ अपने बच्चे को तारों के मध्य से दूध पीला रही है, गलत साबित होता है। हालांकि, एम जी टण्डन का यह दावा कि रवि और एकता को प्रदर्शन के दौरान जेल भेजा गया, सही है।
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