सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है जिसमें प्राथमिक विद्यालय के एक छात्र को अज़ान पढ़ते हुए देखा जा सकता है. सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि ये वीडियो झारखंड के एक गांव का है जहां की 75% आबादी मुस्लिम है. साथ ही आरोप लगाया गया है कि यहां हिंदू बच्चों के लिए भी “इस्लामी नमाज़ पढ़ना” अनिवार्य है.
ट्विटर यूज़र @OMahakaaleshwar ने ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया है.
In a village in Jharkhand where 75 percent are Muslims, it is mandatory that Hindu children also pray Islamic prayers. What is happening?. @narendramodi @AmitShah @RSSorg @DrMohanBhagwat @Swamy39 @MNageswarRaoIPS @iamnikunjshah @GurudathShettyK @mm_0774 @VijayRajan777 @DrlathaC pic.twitter.com/R71Y5onRCK
— Omkar Mahakaal🇮🇳🚩🚩🚩 (@OMahakaaleshwar) July 8, 2022
ये वीडियो इसी दावे के साथ कई बार फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया है. पहला लिंक, दूसरा लिंक और तीसरा लिंक.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में पब्लिश एक हालिया रिपोर्ट के संदर्भ में ये पोस्ट वायरल हो रहा है. रिपोर्ट में लिखा है कि झारखंड के एक ज़िले के मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूलों ने रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी देना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन स्कूलों में 70% छात्र मुस्लिम समुदाय से हैं. और झारखंड के जामताड़ा ज़िले के करमाटांड, नारायणपुर और जामताड़ा ब्लॉक के 100 प्राथमिक स्कूलों के छात्र इस मानदंड का पालन कर रहे हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब पर एक गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 6 जून की न्यूज़18 असम की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में यही तस्वीर मौजूद थी. रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो ऊपरी असम के जोरहाट ज़िले के मरियानी में हेमलाई ज्ञान बिकाश प्राइमरी स्कूल का है.
नीचे न्यूज़18 असम की रिपोर्ट में मौजूद थंबनेल के साथ वायरल वीडियो के दृश्यों की तुलना करते हुए एक ग्राफ़िक देखा जा सकता है.
ऑल्ट न्यूज़ को गूगल की-वर्ड्स सर्च से 7 जून को पब्लिश टाइम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट मिली. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, गुणोत्सव में छात्र द्वारा प्रार्थना के समय अज़ान पढ़ने की वजह से असम शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस भेजा था. गुणोत्सव एक शैक्षिक अभ्यास है जिसका मकसद स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन और मूल्यांकन करना है. ये मूल्यांकन आमतौर पर मंत्री, IAS, IPS, IFS ऑफ़िसर्स, क्लास I और II के ऑफ़िसर्स सहित हाई रैंक के सरकारी ऑफ़िसर्स द्वारा किया जाता है. गुजरात के शिक्षा मॉडल ने गुणोत्सव के विचार को इंस्पायर्ड किया है.
नीचे, मामले से सबंधित कारण बताओ नोटिस देखा जा सकता है, जो आरोपी शिक्षक को भेजा गया था. ये नोटिस न्यूज़18 के आर्टिकल से लिया गया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए जोरहाट ज़िला शिक्षा अधिकारी सुभालक्ष्मी राजकुमारी ने कहा कि आरोपी शिक्षक के कुबूलनामे के मुताबिक, जब प्रार्थना के समय बाहरी मूल्यांकनकर्ताओं के सामने छात्र एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज करने के लिए लाइन में लगे थे, उस वक्त लड़के ने अज़ान पढ़ा था.
इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए बताया भी गया है कि ये असम का है.
Sir @ranojpeguassam, this is reported to be Gyan Bikash LP School of Mariano, NaKachari, Jorhat. What is this happening is very alarming & need to be investigated thoroughly. #বিদ্যালয়ত এইবোৰ কি? #ইছলামিক আগ্ৰাসন নহয় জানো?
CC @PMOIndia @jagdishmukhi @AmitShah @CMOfficeAssam pic.twitter.com/Vh2fECe861
— Oxomiya Jiyori 🇮🇳 (@SouleFacts) June 3, 2022
इस तरह असम के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में अज़ान पढ़ रहे एक बच्चे का वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि ये झारखंड का वीडियो है. ये झूठा दावा झारखंड के एक ज़िले में मुस्लिम बहुल इलाकों के स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार की छुट्टी देने की हालिया रिपोर्ट के संदर्भ में किया जा रहा है.
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